रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जैसे हालात ने संयुक्त राष्ट्र संघ की चिंता भी बढ़ा दी है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस मसले को लेकर सुरक्षा परिषद की आपात बैठक भी बुलाई थी. अब संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हालात पर चिंता जताते हुए कहा है कि दुनिया शांति और सुरक्षा को लेकर हाल के वर्षों के सबसे बड़े संकट से गुजर रही है.
उन्होंने रूस की ओर से यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्र को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने के फैसले को उस इलाके की अखंडता का उल्लंघन बताया है. एंटोनियो गुटेरेस ने रूस को शांति व्यवस्था की अवधारणा को विकृत करने का दोषी करार दिया. उन्होंने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमें शांति सैनिकों की उपलब्धियों पर गर्व है.
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि जब किसी देश के सैनिक दूसरे देश में उसकी सहमति के बिना प्रवेश करते हैं तो वे शांतिदूत नहीं हैं जैसा रूस ने किया है. उन्होंने रूस के इस कदम को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन बताते हुए कहा कि रूस को इसका पूरी तरह से पालन करना चाहिए. रूस का ये कदम पूर्वी यूक्रेन में शांति बहाल करने के लिए हुए मिंस्क समझौते के लिए भी झटका है.
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एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि तत्काल संघर्ष विराम घोषित कर संयम बरतते हुए ऐसे कदम और बयान रोके जाने चाहिए जिनसे स्थिति खतरनाक होती जाए. उन्होंने यूक्रेन के नागरिकों को युद्ध के संकट से बचाने के लिए आगे आने का भी आह्वान किया. गौरतलब है कि रूस ने विद्रोहियों के कब्जे वाले पूर्वी यूक्रेन के दो इलाकों को स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी है.
रूस ने विद्रोहियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर कर ये भी कहा था कि वहां शांति सेना के रूप में सेना भेजी जा सकती है. रूस की संसद ने भी देश के बाहर सेना के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. रूस के इस कदम के बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने कई नए प्रतिबंध लगा दिए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी कहा था कि अब भी युद्ध टालने के लिए प्रयास कर रहे हैं.