ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने वाले पहले भारतवंशी बन गए हैं. उन्होंने इतिहास रच दिया है. इस बार पीएम पद की रेस जीतने वाले सुनक 51 दिन पहले भी इस रेस में कूदे थे, तब शुरुआत के कई राउंड में आगे रहने के बाद सुनक लिज ट्रस से चुनाव हार गए थे. पिछले 51 दिनों के अंदर ब्रिटेन की राजनीति में बड़े बदलाव हुए. इस 51 दिन के सियासी उलटफेर ने ऋषि को रिजेक्शन से सेलेक्शन तक पहुंचा दिया.
बोरिस जॉनसन को 7 जुलाई को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद पीएम पद के लिए नई दौड़ शुरू हुई. शुरुआत में ऋषि सुनक का नाम सबसे आगे रहा. उनके 'रेडी फॉर सुनक' कैंपेन को काफी अच्छा रेस्पॉन्स मिला. लेकिन बाद में यह चर्चा होने लगी कि सुनक ने ही बोरिस जॉनसन का तख्तापलट किया है.
पिछले चुनाव का नतीजा 5 सितंबर को आया था, जिसमें 47 साल की लिज ट्रस ने 42 साल के ऋषि सुनक को 20,927 वोटों से हरा दिया था. तब लिज ट्रस को टोरी लीडरशिप के चुनाव में कुल 81,326 वोट मिले थे. वहीं, ऋषि सुनक 60,399 वोट हासिल करने में कामयाब रहे थे.
पिछले चुनाव में लिज ट्रस से मात खाने के बाद भी ऋषि सुनक ने हार नहीं मानी थी. ऋषि सुनक ने ब्रिटेन की दुखती रग 'अर्थव्यवस्था' पर ही सबसे ज्यादा फोकस किया और उनका यही फैसला उनके लिए 'गेम चेंजर' साबित हुआ. अपने भाषण में सुनक ने कहा था कि यूनाइटेड किंगडम एक महान देश है, लेकिन हम एक गहरा आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. इसलिए मैं कंजरवेटिव पार्टी का नेता और आपका अगला प्रधानमंत्री बनने के लिए खड़ा हूं. मैं देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करना चाहता हूं, अपनी पार्टी को एकजुट करना चाहता हूं और अपने देश के लिए काम करना चाहता हूं.'
इस दांव से मिली बढ़त
लिज ट्रस के प्रधानमंत्री बनने के बाद ऋषि सुनक ने सार्वजनिक तौर पर ऐलान किया था कि वे ट्रस कैबिनेट का हिस्सा नहीं बनेंगे. लिज ट्रस बेहद कम मार्जिन से जीतकर पीएम बनी थीं. ऋषि सुनक के कैबिनेट ज्वाइन न करने के फैसले के बाद उनके समर्थकों की संख्या में और कमी आ गई. इस बीच ट्रस ने कुछ ऐसे आर्थिक फैसले लिए जिसका ब्रिटेन की इकॉनामी पर बुरा असर पड़ा.
ट्रस ने वापस लिए फैसले
लिज ट्रस ने संसद में मिनी-बजट पेश किया. इसमें टैक्स बढ़ोतरी और महंगाई पर रोक लगाने वाले कदम उठाए गए. लेकिन बाद में इन पैसलों को वापस ले लिया गया. लिज ट्रस ने टैक्स कटौती का फैसला लेकर इसे भी वापस ले लिया. यहीं से उनके खिलाफ बगावत की शुरुआत हो गई, जिसका सबसे बड़ा फायदा ऋषि सुनक को मिला.
सुनक ने अपने काम गिनाए
पूर्व वित्त मंत्री सुनक ने कैबिनेट में काम के दौरान अपने ट्रैक रिकॉर्ड भी बताया था कि कैसे COVID महामारी के सबसे कठिन समय में भी अर्थव्यवस्था को उन्होंने सुचारू रूप से चलाया था. उन्होंने ट्वीट किया था, 'अब हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, वे और भी बड़ी हैं. मेरे पास डिलीवरी का ट्रैक रिकॉर्ड है, हमारे सामने सबसे बड़ी समस्याओं को ठीक करने की एक स्पष्ट योजना है और मैं 2019 के घोषणापत्र के वादे को पूरा करूंगा.'
जनता से मांगा एक मौका
सुनक ने कहा था, 'मैं जिस सरकार का नेतृत्व करूंगा, उसके हर स्तर पर ईमानदारी, व्यावसायिकता और जवाबदेही होगी और मैं दिन-रात काम करूंगा. मैं आपसे हमारी समस्याओं को ठीक करने में मदद करने का अवसर मांग रहा हूं.'