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'No King In US...' ट्रंप के खिलाफ पूरे देश में फिर फूटा अमेरिकियों का गुस्सा, लोगों ने की हिटलर से तुलना, Photos

न्यूयॉर्क की एक अन्य प्रदर्शनकारी कैथी वैली (73 वर्ष), जो होलोकॉस्ट से बचे लोगों की बेटी हैं, ने कहा, 'हम बहुत बड़े खतरे में हैं.' उन्होंने कहा, 'मेरे माता-पिता ने हिटलर के उदय की जो कहानियां सुनाईं, वो आज ट्रंप के दौर से मेल खा रही हैं. फर्क बस इतना है कि ट्रंप, हिटलर या अन्य फासिस्ट नेताओं की तुलना में ज्यादा मूर्ख हैं. उन्हें बस इस्तेमाल किया जा रहा है और उनकी खुद की टीम में ही फूट है.'

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अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन (फोटो: AP)
अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन (फोटो: AP)

न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन और अमेरिका के सैकड़ों शहरों में हजारों प्रदर्शनकारियों ने डोनाल्ड ट्रंप और उनकी कठोर नीतियों के खिलाफ शनिवार को दूसरा बड़ा प्रदर्शन किया. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट में इसके बारे में जानकारी दी गई है.

न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों ने शहर की मुख्य लाइब्रेरी के बाहर इकट्ठा होकर 'No Kings in America' (अमेरिका में कोई राजा नहीं) और 'Resist Tyranny' (तानाशाही का विरोध करो) जैसे नारों वाले पोस्टर और बैनर लेकर प्रदर्शन किया. 

anti trump protest(फोटो: AP)

इमिग्रेशन नीतियों के खिलाफ लोगों में गुस्सा

इन प्रदर्शनों में अधिकतर गुस्सा ट्रंप की इमिग्रेशन नीतियों के खिलाफ था. लोग जोर-जोर से नारे लगा रहे थे- 'No ICE, no fear, immigrants are welcome here' (ना ICE, ना डर, प्रवासियों का यहां स्वागत है). यह नारा अमेरिका की इमिग्रेशन एजेंसी ICE यानी Immigration and Customs Enforcement के विरोध में था, जो अवैध प्रवासियों को हिरासत में लेती है.

anti trump protest(फोटो: AP)

'कानून के शासन पर हमला कर रहा ट्रंप प्रशासन'

वॉशिंगटन डी.सी. में प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप प्रशासन पर संवैधानिक सिद्धांतों, खासकर 'न्याय की प्रक्रिया' (Due Process) के अधिकार, को कमजोर करने का आरोप लगाया. रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन कर रहे 41 साल के बेंजामिन डगलस ने कहा, 'यह प्रशासन कानून के शासन और नागरिकों पर अत्याचार न करने की मूल अवधारणा पर सीधा हमला कर रहा है.'

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(फोटो: AP)

उन्होंने फिलिस्तीनी समर्थक छात्र प्रदर्शनकारी महमूद खलील की रिहाई की मांग करते हुए एक पोस्टर पकड़ा हुआ था. डगलस ने कहा कि कुछ व्यक्तियों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है ताकि विदेशी विरोध (xenophobia) को भड़काया जा सके और लंबे समय से चली आ रही कानूनी सुरक्षा कमजोर की जा सके.

'हम बहुत बड़े खतरे हैं'

न्यूयॉर्क की एक अन्य प्रदर्शनकारी कैथी वैली (73 वर्ष), जो होलोकॉस्ट से बचे लोगों की बेटी हैं, ने कहा, 'हम बहुत बड़े खतरे में हैं.' उन्होंने कहा, 'मेरे माता-पिता ने हिटलर के उदय की जो कहानियां सुनाईं, वो आज ट्रंप के दौर से मेल खा रही हैं. फर्क बस इतना है कि ट्रंप, हिटलर या अन्य फासिस्ट नेताओं की तुलना में ज्यादा मूर्ख हैं. उन्हें बस इस्तेमाल किया जा रहा है और उनकी खुद की टीम में ही फूट है.'

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(फोटो: AP)

पब्लिक हेल्थ फंड में कटौती के खिलाफ प्रदर्शन

बाल्टीमोर में जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में इम्यूनोलॉजी की पीएचडी छात्रा 26 वर्षीय डैनिएला बटलर ने ट्रंप प्रशासन द्वारा साइंस और पब्लिक हेल्थ फंडिंग में कटौती पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, 'जब विज्ञान को नजरअंदाज किया जाता है, तो लोग मरते हैं.' उनके हाथ में टेक्सास का एक नक्शा था जिस पर हाल की खसरा (measles) महामारी के स्थान दर्शाए गए थे.

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'हम बहुत कुछ खो चुके हैं'

टेक्सास के गैल्वेस्टन में भी एक छोटे समूह ने विरोध दर्ज कराया. 63 वर्षीय लेखिका पैट्सी ओलिवर ने कहा, 'यह मेरा चौथा प्रदर्शन है. आमतौर पर मैं अगले चुनाव का इंतजार करती, लेकिन अब हम बहुत कुछ खो चुके हैं, इसलिए अब चुप नहीं रह सकते.'

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(फोटो: AP)

सैन फ्रांसिस्को के समुद्र तट पर सैकड़ों लोगों ने रेत पर 'IMPEACH + REMOVE' (महाभियोग और हटाओ) लिखा. कुछ प्रदर्शनकारियों ने उल्टा अमेरिकी झंडा भी लहराया, जो संकट का पारंपरिक प्रतीक माना जाता है.

'50501' नामक ग्रुप ने आयोजित किए प्रदर्शन

'50501' नामक ग्रुप, जिसका मतलब है 50 राज्यों में 50 प्रदर्शन और एक आंदोलन, ने बताया कि देशभर में लगभग 400 प्रदर्शनों की योजना थी.  हालांकि, आयोजकों ने लाखों की भागीदारी की उम्मीद की थी, लेकिन 5 अप्रैल को हुए 'Hands Off' प्रदर्शनों की तुलना में इस बार भीड़ कुछ कम नजर आई.

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