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डोमिनिका की दो अदालतों में मेहुल चोकसी पर केस, एक महीने से पहले भारत आ पाना नामुमकीन

मेहुल चोकसी के मामले में भारत के विदेश मंत्रालय का कहना है कि उसे वापस लाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है. वहीं, मेहुल चोकसी को भारत भेजने या एंटीगुआ भेजने पर डोमिनिका की अदालत भी फैसला दे सकती है.

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क्यूबा भागते वक्त पकड़ाया था मेहुल चोकसी (फाइल फोटो)
क्यूबा भागते वक्त पकड़ाया था मेहुल चोकसी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चोकसी पर डोमिनिका कोर्ट में सुनवाई टली
  • एंटीगुआ और डोमिनिका भारत सौंपने के पक्ष में
  • विदेश मंत्रालय ने कहा, उसे लाने की कोशिश जारी

डोमिनिका में पकड़ाए मेहुल चोकसी को भारत लाने पर विदेश मंत्रालय का कहना है कि उसे यहां वापस लाने की हर संभव कोशिश की जा रही है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि मेहुल चोकसी इस वक्त डोमिनिका की हिरासत में है और वहां कुछ कानूनी कार्यवाही चल रही हैं. उन्होंने कहा कि हम भगोड़ों को भारत वापस लाने पर अडिग है और उसे भी वापस लाने की हर संभव कोशिश की जा रही है.

डोमिनिका हाईकोर्ट में सुनवाई टली
मेहुल चोकसी के डिपोर्टेशन को लेकर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन इसे टाल दिया गया है. हालांकि, सुनवाई की अगली तारीख अभी तय नहीं की गई है. इसके साथ ही अब मेहुल चोकसी के भारत आने या एंटीगुआ भेजे जाने का फैसला भी टल गया है.

भारत आने की एक महीने तक संभावना नहीं
सूत्रों का कहना है कि मेहुल चोकसी के भारत आने की संभावना अभी कम से कम एक महीने तक तो नहीं है. डोमिनिका की दो अदालतों में मेहुल चोकसी के खिलाफ केस चल रहा है और जब तक दोनों मामलों पर कोई फैसला नहीं आ जाता, तब तक उसके भारत वापस आने की भी कोई गुंजाइश नहीं है. पहला केस मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी को लेकर है और दूसरा केस डोमिनिका में उसके गैरकानूनी तरीके से एंट्री का है. मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी और उसके भारत वापस भेजे जाने को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई टल चुकी है. अभी तक नई तारीख तय नहीं हुई है लेकिन माना जा रहा है कि 1 जुलाई को सुनवाई हो सकती है. वहीं, उसकी एंट्री को लेकर मजिस्ट्रेट कोर्ट में 14 जून को सुनवाई है.

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पत्नी बोली- मेहुल का नीरव से कुछ लेना-देना नहीं
वहीं, इस मामले में मेहुल की पत्नी प्रीति चोकसी ने दावा किया है कि भारतीय एजेंसियों ने उनके पति को आरोपी नहीं बनाया है. इंडिया टुडे को फोन पर दिए इंटरव्यू में प्रीति ने कहा कि "मैं ये नहीं समझ पा रही हूं कि मेरे पति का नाम एफआईआर में क्यों शामिल किया गया. चार्जशीट में मेरे पति पर कोई आरोप तय नहीं किए गए हैं, क्योंकि मेरे पति का नीरव मोदी से कोई लेना-देना नहीं है. मेरे पति नीरव मोदी के साथ बिजनेस भी नहीं करते थे."

हालांकि, जब इंडिया टुडे ने प्रीति चोकसी के दावों की पड़ताल की तो उन्हें झूठा पाया. 13 फरवरी 2018 को सीबीआई ने मेहुल चोकसी, उनके गीतांजलि ग्रुप और उनकी कंपनियों के खिलाफ फर्जी LOU जारी करने और 4,886 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी. पहली चार्जशीट में मेहुल चोकसी और नीरव मोदी समेत 17 लोगों पर आरोप तय किए गए थे.

डोमिनिका की दो अदालतों में चल रही सुनवाई
मजिस्ट्रेट कोर्टः
मेहुल चोकसी की जमानत को लेकर सुनवाई चल रही है. हालांकि, कोर्ट ने इसे बुधवार को खारिज कर दिया है और इस पर अगली सुनवाई 14 जून को होनी है. चोकसी के वकीलों की दलील है कि वो डोमिनिका में गैर कानूनी तरीके से नहीं आया है, बल्कि उसे एंटीगुआ से जबरन उठाकर यहां लाया गया है. वकीलों का ये भी कहना है कि वो जमानत के लिए जुर्माना देने को भी तैयार हैं.

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हाईकोर्टः मेहुल चोकसी किस देश को सौंपा जाएगा? इसको लेकर सुनवाई चल रही है. हाईकोर्ट को ये तय करना है कि डोमिनिका में मेहुल चोकसी की एंट्री कानूनी थी या गैरकानूनी? साथ ही ये भी तय करना है कि पुलिस ने उसको कानूनी रूप से गिरफ्तार किया है या गैरकानूनी रूप से? इसके बाद ही चोकसी को किसी दूसरे देश को सौंपने पर कोई फैसला लिया जाएगा.

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एंटीगुआ और डोमिनिका सरकार किस पक्ष में?
डोमिनिका और एंटीगुआ, दोनों ही देशों की सरकारें मेहुल चोकसी को भारत सौंपने के पक्ष में है. डोमिनिकन सरकार ने भारत सरकार की ओर से हाईकोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें साबित होता है कि मेहुल चोकसी अभी भी भारतीय नागरिक है और उसने भारतीय नागरिकता छोड़ने की शर्तें पूरी नहीं की हैं. साथ ही ये भी कहा है कि चोकसी 11 अपराधों के आरोपों का सामना कर रहा है और इंटरपोल ने भी उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी किया है. इसके अलावा एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने भी डोमिनिका सरकार से अनुरोध किया है कि मेहुल चोकसी को भारत को सौंप दिया जाए.

अब दो परिस्थितियां बनती हैं...
पहलीः
डोमिनिका की हाईकोर्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले का इंतजार किए बगैर ही मेहुल चोकसी के डिपोर्टेशन को लेकर कोई फैसला दे दे.
दूसरीः हाईकोर्ट चोकसी की जमानत याचिका पर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले का इंतजार करे. मजिस्ट्रेट कोर्ट में 14 जून को जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है.

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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 23 मई की शाम को मेहुल चोकसी एंटीगुआ स्थित अपने घर से गायब हो गया था. उसके घर वालों ने उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. लेकिन चार दिन बाद 27 मई को मेहुल चोकसी डोमिनिका में पकड़ाया गया. बताया जा रहा है कि वो क्यूबा भागने की तैयारी में था, लेकिन रास्ते में ही पकड़ा गया. उसके बाद से ही वो डोमिनिका में है. उस पर डोमिनिका में गैरकानूनी तरीके से घुसने का आरोप लगा है. वहीं, एंटीगुआ सरकार ने डोमिनिका से अनुरोध किया है कि वो मेहुल चोकसी को सीधे भारत को सौंप दे. इसी मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है.

जनवरी 2018 में भाग गया था मेहुल चोकसी
जनवरी 2018 में पंजाब नेशनल बैंक में साढ़े 13 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ. इस मामले में 31 जनवरी 2018 को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की. लेकिन उससे पहले ही मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी देश छोड़कर भाग चुके थे. नीरव मोदी लंदन की जेल में है. जबकि, मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी. तब से ही दोनों के प्रत्यर्पण की कोशिश जारी है. ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, लेकिन उसने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कर दी है. वहीं, मेहुल चोकसी के भारत आने पर डोमिनिका की अदालत फैसला लेगी.

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