हथियारों से लैस जलदस्युओं ने नाइजीरिया के पास जर्मनी के एक तेल टैंकर पर हमला कर इसके कैप्टन सहित पांच भारतीय नाविकों का अपहरण कर लिया. नाइजीरिया के दक्षिणी तट पर जलदस्युओं की गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं.
पोत के संचालकों मेडालियन मरीन ने कहा कि नाइजर डेल्टा क्षेत्र के तट से करीब 65 किलोमीटर दूर भारी हथियारों से लैस जलदस्यु जहाज ‘एसपी ब्रसेल्स’ पर चढ़ आए और पांच भारतीयों को बंधक बनाने से पहले जहाज को लूटा.
संचालकों ने अपने प्राथमिक बयान में कहा, ‘दस्युओं ने व्यक्तिगत सामान के लिए पहले जहाज को लूटा और जाते हुए चालक दल के पांच सदस्यों का अपहरण कर ले गए.’ बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि अपहृत पांचों सदस्य भारतीय नागरिक हैं.
मुंबई में, जहाजरानी महानिदेशालय के सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों को बंधक बनाया गया उनमें मालवाहक जहाज के कैप्टन, उसके चीफ इंजीनियर और प्रथम अधिकारी शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘संबद्ध अधिकारियों को घटना की जानकारी दे दी गई है और भारतीयों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी हैं.’ नाइजीरिया की नौसेना और पुलिस तत्काल प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं थी. लेकिन संचालक मेडालियन मरीन का कहना है कि वे अपहृत नाविकों की रिहाई के लिए अधिकारियों के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं.
पांच नाविकों को बंधक बनाकर जलदस्यु वापस चले गए जिसके बाद पोत नाइजीरिया की औद्योगिक राजधानी ‘पोर्ट ऑफ लागोस’ पहुंच गया है. डकैती और तेल लूटने की घटना नाइजीरिया के इस क्षेत्र में आम बात है. विशेष तौर पर नाइजर डेल्टा में जहां कच्चे तेल का उत्पादन किया जा रहा है. ऐसे ही हमले लागोस के पास भी देखने को मिले हैं.
चार सितंबर को दस्युओं ने सिंगापुर की एक कंपनी के जहाज ‘एमटी अबु धाबी स्टार’ को नाइजीरिया के तट से हाईजैक कर लिया था और उसमें सवार 23 भारतीय नाविकों को बंधक बना लिया था, हालांकि बाद में सभी को छोड़ दिया गया.
अगस्त के अंत में दस्युओं ने एक तेल टैंकर पर कोस्ट ऑफ टोगोलिस में नियंत्रण कर लिया और कुछ दिन बाद उसे नाइजीरिया के पास छोड़ गए. जहाज में रूस के 23 नाविक सवार थे.