नाइजीरिया के उत्तरी शहर कानो में एक इस्लामी कट्टरपंथी संगठन द्वारा किए गए हमलों में 160 से अधिक लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में एक भारतीय भी है. इसके अलावा दो बच्चों सहित छह भारतीय घायल भी हो गए हैं. यह जानकारी अधिकारियों ने दी है.
मानवता के खिलाफ हुए इन घातक हमलों की संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने जहां कड़े शब्दों में निंदा की है, वहीं नाइजीरिया के राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है.
मीडिया रपटों और भारतीय अधिकारियों के अनुसार, बोको हरम गुट द्वारा शुक्रवार शाम ईसाई बहुल उत्तरी नाइजीरिया के कानो में समन्वित तरीके से किए गए इन हमलों में कई पुलिस थानों, बैरकों और आव्रजन कार्यालयों को निशाना बनाया गया. उसके बाद आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई.
नाइजीरिया स्थित भारतीय उच्चायोग ने कहा है कि केवलकुमार कालीदास राजपूत (23) की आतंकवादी हमले में मौत हो गई है. गुजरात से सम्बंध रखने वाले राजपूत कानो स्थित कम्पनी, मेसर्स रेलकेम में मार्च 2011 से कार्यरत थे.
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि राजपूत और उसके दो अन्य सहकर्मियों, हरि प्रसाद भुसाल और राज सिंह (दोनों नेपाली नागरिक) की उस समय मौत हो गई, जब उनकी कार हिंसाग्रस्त इलाके में प्रवेश कर गई.
इसके अलावा दो परिवारों से सम्बंध रखने वाले दो बच्चों सहित छह भारतीय छर्रो और मलबे की चपेट में आने से घायल हो गए. उन्हें कानो अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
15.80 करोड़ आबादी वाला और तेल निर्यात के जरिए बड़ी मात्रा में राजस्व हासिल करने वाला नाइजीरिया, अफ्रीका में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2009-10 में बढ़कर 8.7 अरब डॉलर हो गया था.
नाइजीरिया में 35,000 भारतीय रहते हैं. यहां रहने वाले अधिकांश भारतीय समृद्ध हैं और यहां उनका अस्तित्व निर्विवादित है.
समाचार पत्र 'द टेलीग्राफ' ने शनिवार को कानो के मुख्य शव गृह के एक अधिकारी के हवाले से कहा है, 'फिलहाल शव गृह में 162 शव हैं, और यह आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि अभी भी शवों को लाए जाने का सिलसिला जारी है.' इसके पहले कानो के अधिकारियों ने मृतकों की संख्या लगभग 150 बताई थी.
कानो में शनिवार शाम 24 घंटे का कर्फ्यू लागू कर दिया गया, जहां राहत एवं तलाशी अभियान जारी है.
समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार, नाइजीरिया ने पड़ोसी देशों, कैमरून और नाइजर के साथ अपनी सीमाएं बंद कर दी है. उसने कहा है कि ये देश आतंकवादियों को नाइजीरिया में घुसपैठ की छूट देते हैं.
बोको हरम अलकायदा के साथ अपने सम्बंधों के लिए कुख्यात है. बोको हरम देश के ईसाई बाहुल्य दक्षिणी हिस्से और मुस्लिम बाहुल्य उत्तरी हिस्से सहित पूरे नाइजीरिया में शरिया कानून लागू करने की मांग कर रहा है.
बोको हरम के प्रवक्ता अबुल काका ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार द्वारा बोको हरम के सदस्यों को जेल से रिहा करने से इंकार करने के प्रतिक्रियास्वरूप यह हमला किया गया है.
राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन ने कहा कि दोषियों को कड़ी कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा. जोनाथन ने कहा, 'एक जिम्मेदार सरकार के रूप में हम अपने हाथ बांधे, लोकतंत्र के इन दुश्मनों को मूकदर्शक बने नहीं देखते रह सकते.'
पुलिस ने कहा है कि चार थानों, राज्य सुरक्षा सेवा के मुख्यालय तथा पासपोर्ट और आव्रजन कार्यालयों को निशाना बनाया गया.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून के प्रवक्ता द्वारा शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया कि कानो राज्य में हुए श्रृंखलाबद्ध हमलों की महासचिव ने कड़े-से-कड़े शब्दों में निंदा की है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बयान के हवाले से कहा है, 'महासचिव, नाइजीरिया में हुए हाल के हमलों की तीव्रता और भयानकता से चकित हैं, जो मानव जीवन के प्रति भयानक और अस्वीकार्य अनादर जाहिर करता है.'
अफ्रीकी संघ आयोग के अध्यक्ष जीन पिंग ने भी इन हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है.