पेरू में सरकार के खिलाफ जारी प्रदर्शनों में 17 लोगों की और मौत हो गई है. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि सरकार को प्रदर्शनकारियों पर लगाम लगाने के लिए कर्फ्यू लगाने का फैसला लेना पड़ा. हालांकि, फिलहाल कर्फ्यू रात के समय लगाने का निर्णय लिया गया है. सरकार के आदेश के मुताबिक कर्फ्यू रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक लागू रहेगा.
कर्फ्यू लगाने का आदेश दक्षिणी पेरू के पुनो (Puno) इलाके में दिया गया है. प्रधानमंत्री अल्बर्टो ओटारोला (Alberto Otarola) के मुताबिक फिलहाल अगले 3 दिनों तक कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया गया है. पुनो स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी हेनरी रेबाजा के मुताबिक हाल ही में पुनो क्षेत्र के शहर जुलियाका में हुई झड़प में 68 लोग घायल हो गए थे.
पेरू में क्यों लगा आपातकाल?
पेरू में लंबे समय से सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी हैं. पहले भी प्रदर्शनकारी कई जगहों पर सड़कें तक ब्लॉक कर चुके हैं, कई जगह पर तोड़फोड़ हुई है. दिसंबर 2022 में पेरू के अंदर इमरजेंसी घोषित कर दी गई थी. दरअसल, पेरू इस समय पेरू एक अप्रत्याशित राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. पिछले कुछ दिनों में इतनी उथल-पुथल हो चुकी है कि जमीन पर तनाव कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है.
पेरू का राजनीतिक इतिहास और सियासी संकट
पेरू के पिछले कुछ सालों के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि इस प्रकार का संकट इस देश पर आने ही वाला था. साल 2020 में तो पांच दिनों के भीतर तीन बार राष्ट्रपति बदल दिया गया था. इससे पहले भी कई उन पूर्व राष्ट्रपतियों को जेल भेज दिया गया जिन पर ऑफिस में रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगे. अब उसी लिस्ट में पेड्रो कैस्टिलो का नाम भी जुड़ गया है. उनकी जगह इस समय उपराष्ट्रपति डीना बोलुआर्टे को देश का अगला राष्ट्रपति बनाया गया है. वह पेरू के लोकतांत्रिक इतिहास में राष्ट्रपति पद संभालने वाली पहली महिला बन गई हैं.