पाकिस्तान ने अपने नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के बीच हुई बातचीत में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाले अमेरिकी बयान का खंडन किया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि अमेरिका के साथ इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई.
असल में, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से फोन पर बात की और कहा कि उन्होंने पाक की सरजमीं से संचालित हो रहे सभी आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की. मगर पाकिस्तान ने इसका फौरन खंडन कर दिया.
Pakistan takes exception to the factually incorrect statement issued by US State Dept on today’s phone call btwn PM Khan & Sec Pompeo. There was no mention at all in the conversation about terrorists operating in Pakistan. This shd be immediately corrected.
— Dr Mohammad Faisal (@ForeignOfficePk) August 23, 2018
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. फैसल मोहम्मद ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान और अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो के बीच फोन पर हुई बातचीत को लेकर जारी अमेरिकी बयान पर आपत्ति है. क्योंकि अमेरिका ने गलत बयान दिया है. दोनों देशों की चर्चा के दौरान पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के संचालन के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई. अमेरिका को अपने बयान में तुरंत सुधार करना चाहिए. हालांकि पाकिस्तान की इस फौरी प्रतिक्रिया पर अभी तक अमेरिका की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.
बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से बात की और देश में संचालित हो रहे सभी आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की.
अफगान तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों को पाकिस्तान द्वारा प्रत्यक्ष या परोक्ष समर्थन दिए जाने से अमेरिका लंबे समय से परेशान रहा है जिसके चलते ट्रंप प्रशासन को इस्लामाबाद को चेतावनी देनी पड़ी और इस देश को वित्तीय सैन्य सहायता में कटौती करनी पड़ी.
विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नाउर्ट ने एक बयान में कहा कि खान के साथ अपनी बातचीत में पोम्पियो ने युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में पाकिस्तान की अहम भूमिका के बारे में भी चर्चा की.
उन्होंने बताया कि पोम्पियो ने पाकिस्तान की सरजमीं पर संचालित हो रहे सभी आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का मुद्दा उठाया और अफगान शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देने में उसकी अहम भूमिका पर चर्चा की. डॉन अखबार की खबर के मुताबिक पोम्पियो के पांच सितंबर को इस्लामाबाद की यात्रा करने की उम्मीद है.