तालिबान सरकार के समर्थक समझे जाने वाले पाकिस्तान ने तालिबान की जमकर निंदा की है. ये पहली बार है जब पाकिस्तान ने आधिकारिक रूप से तालिबान की निंदा की है.
दरअसल, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में अफगानिस्तान से हुई क्रॉस फायरिंग में पांच पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं. इसे लेकर पाकिस्तान ने तालिबान की अतंरिम सरकार से कहा है कि वो आतंकवाद के लिए अपनी जमीन के इस्तेमाल को बंद करे.
पाकिस्तानी सेना के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, 'अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अफगानिस्तान के अंदर से आतंकवादियों ने कुर्रम जिले में पाकिस्तानी सैनिकों पर गोलियां चलाईं.'
पाकिस्तानी अखबार, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेना के मीडिया विंग ने कहा है कि पाकिस्तानी सैनिकों ने मुकम्मल तरीके से जवाब दिया, जिससे आतंकवादियों को भारी नुकसान हुआ है. हालांकि, इस गोलीबारी में पांच पाकिस्तानी सैनिकों की मृत्यु हो गई.
आतंक के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल करा रहा तालिबान
ISPR के अनुसार, पाकिस्तान ने अपने खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए अफगानिस्तान की धरती के इस्तेमाल की निंदा की है. ISPR की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'पाकिस्तान को उम्मीद है कि अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार भविष्य में पाकिस्तान के खिलाफ इस तरह की गतिविधियों के संचालन की अनुमति नहीं देगी.'
बयान में आगे कहा गया है, 'पाकिस्तानी सेना आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पाकिस्तान की सीमाओं की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है और हमारे बहादुर जवानों के इस तरह के बलिदान हमारे संकल्प को और मजबूत करते हैं.'
तालिबान को लेकर टूटा पाकिस्तान का सब्र
यह पहली बार है जब पाकिस्तान ने तालिबान शासन के तहत आतंकवाद के लिए अफगान धरती के इस्तेमाल की आधिकारिक तौर पर निंदा की है. पिछले कई विवादों पर पाकिस्तान की सरकार ने तालिबान को लेकर चुप्पी साधे रखी थी.
यहां तक कि जब तालिबान ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से की गई घेराबंदी को तहस-नहस कर दिया तब भी पाकिस्तान सरकार ने कहा था कि ये एक स्थानीय समस्या है. पाकिस्तान की सरकार ने इस मुद्दे को लेकर तालिबान की सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोला था.
लेकिन अब ऐसा कि तालिबान सरकार को लेकर पाकिस्तान का धैर्य जवाब दे रहा है. तालिबान की अंतरिम सरकार बार-बार वादे कर चुकी है कि अफगानिस्तान की जमीन का पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा. बावजूद इसके पाकिस्तान पर अफगानिस्तान में मौजूद आतंकियों की तरफ से हमले हो रहे हैं.
पाकिस्तान की सेना का कहना है कि तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से ये अफगानिस्तान की जमीन से किया गया दूसरा हमला है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
माना जा रहा है कि आतंकियों द्वारा अफगानिस्तान की धरती के बार-बार इस्तेमाल को लेकर पाकिस्तान ने तालिबान सरकार को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है.
तालिबान ने दिया आश्वासन, लेकिन....
तालिबान सरकार ने हाल ही में पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. मोईद युसूफ के दौरे के दौरान आश्वासन दिया था कि अफगानिस्तान की धरती को पाकिस्तान समेत अन्य देशों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा.
तालिबान जब पिछले साल अगस्त में सत्ता में आए तभी पाकिस्तान ने कहा था कि तालिबान या तो TTP के खिलाफ कार्रवाई करे या उन्हें आतंक के लिए अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल करने से रोके.
लेकिन तालिबान ने इसकी जगह पाकिस्तान और TTP के बीच एक शांति समझौते की पेशकश की थी, जिसके परिणामस्वरूप नवंबर में एक महीने का संघर्ष विराम हुआ. हालांकि, शांति वार्ता में कोई प्रगति नहीं हो सकी जिसके बाद संघर्ष विराम समाप्त हो गया.
तब से, TTP ने पाकिस्तान पर हमले तेज कर दिए हैं और पाकिस्तान ने भी आतंकवादी संगठन के खिलाफ अभियान फिर से शुरू कर दिया है.
माना जाता है कि अफगान तालिबान अभी भी पाकिस्तान और TTP के बीच वार्ता को फिर से शुरू कराना चाहता है लेकिन TTP के बढ़ते आतंकवादी हमलों को देखकर दोनों पक्षों में बातचीत की कोई उम्मीद नहीं दिखती.