फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान की ओर से टेरर फंडिंग पर अपनी कार्य योजना को पूरा करने में विफल बताया था. एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अक्टूबर तक अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने या कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी है जिसके तहत उसे काली सूची में डाला जा सकता है. इसके बाद भारत ने भी पाकिस्तान पर निशाना साधा था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि पड़ोसी देश सितंबर 2019 तक फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के मानदंडों को पूरा करेगा. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था.
रवीश कुमार ने कहा था कि एफएटीएफ ने कार्य योजना को पूरा करने में विफल रहने की वजह से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (आईसीआरजी) की निगरानी के लिए अपने अनुपालन दस्तावेज यानी ग्रे लिस्ट में जारी रखने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि निश्चित समय सीमा के भीतर पाकिस्तान FATF की कार्य योजना को लागू करने के वास्ते सितंबर 2019 तक सभी आवश्यक कदम उठाएगा. उम्मीद है कि पाकिस्तान राजनीतिक प्रतिबद्धता को पूरा करने, आतंकवाद को फंडिंग करने और आतंकवाद से जुड़ी वैश्विक चिंताओं को दूर करेगा.' भारत ने अपनी जमीन से आतंकवाद को फंडिंग करने के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाने के एफएटीएफ के कदम का स्वागत किया है.
वहीं भारत की टिप्पणी पर पाकिस्तान ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की है. पाक के विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रेस रिलीज जारी की है. इसमें उन्होंने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. पाक विदेश मंत्रालय ने कहा कि एफएटीएफ रिपोर्ट पर भारत द्वारा जारी किए गए बयान को हम पूर्वापेक्षित और अनुचित मानते हैं. एफएटीएफ के अथक प्रयासों का भारत द्वारा संकीर्ण, पक्षपातपूर्ण उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया गया है.
फ्लोरिडा के ओरलैंडो में अपनी पूर्ण बैठक के समापन पर जारी बयान में, एफएटीएफ ने चिंता व्यक्त की है कि न केवल पाकिस्तान जनवरी की समय सीमा के साथ अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में विफल रहा, बल्कि वह मई 2019 तक भी अपनी कार्य योजना को पूरा करने में भी विफल रहा है. एफएटीएफ ने कड़ाई से पाकिस्तान से अक्टूबर 2019 तक अपनी कार्ययोजना को पूरा करने का अनुरोध किया है.
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को वित्त पोषण पर अपनी कार्य योजना को पूरा करने में विफल रहा है. एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अक्टूबर तक अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने या कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी है जिसके तहत उसे काली सूची में डाला जा सकता है.