कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने से पाकिस्तान भड़क उठा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्वीट किया और यासीन का खुलकर बचाव किया है. पाक पीएम ने यहां तक कह दिया कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र और न्याय प्रणाली के लिए एक काला दिन है. बता दें कि यासीन मलिक को दिल्ली की एनआईए कोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामले में दोषी पाए जाने पर सजा का ऐलान किया है.
दिल्ली कोर्ट के फैसले पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की प्रतिक्रिया सामने आई है. शहबाज ने कहा कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र और उसकी न्याय प्रणाली के लिए एक काला दिन है. भारत यासीन मलिक को शारीरिक रूप से कैद कर सकता है लेकिन वह कभी भी उस स्वतंत्रता के विचार को कैद नहीं कर सकता, जिसका वह प्रतीक है. बहादुर स्वतंत्रता सेनानी के लिए आजीवन कारावास कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को नई गति प्रदान करेगा.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता की तरफ से भी बयान आया है. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान मनगढ़ंत आरोप में यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा की कड़ी निंदा करता है. इस तरह की दमनकारी रणनीति अवैध भारतीय कब्जे के खिलाफ उनके (यासीन) न्यायसंगत संघर्ष में कश्मीर के लोगों की भावना को कम नहीं कर सकती है. हम UNSCR के अनुसार आत्मनिर्णय की तलाश में उनके साथ खड़े हैं.
टेरर फंडिंग में दोषी पाया गया यासीन
बता दें कि दिल्ली की NIA कोर्ट ने यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, NIA ने यासीन मलिक को सजा ए मौत देने की मांग की थी. यासीन मलिक ने सुनवाई के दौरान कबूल कर लिया था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था. यासीन प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चीफ है और टेरर फंडिग में दोषी पाया गया है.
यासीन कोर्ट में बोला- दिल खोलकर सजा दो...
यासीन पर भड़काऊ भाषण देने के भी आरोप लगते रहे हैं. फिलहाल, यासीन को सजा सुनाए जाने से पहले ही जम्मू कश्मीर में प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी रखी है. वहीं, कोर्ट में सुनवाई के दौरान यासीन मलिक ने कहा कि वो सजा पर कुछ नहीं कहेगा. कोर्ट दिल खोल कर मुझे सजा दे. यासीन ने कहा कि मेरी तरफ से सजा के लिए कोई बात नहीं की जाएगी. यासीन मलिक कोर्ट में करीब 10 मिनट तक शांत खड़ा रहा.
सजा से ठीक पहले यासीन के घर के बाहर पथराव
यासीन ने कोर्ट में कहा कि उसने भारत के कई प्रधानमंत्रियों के साथ हरसंभव बातचीत की. मुझे जब भी कहा गया. मैंने समर्पण किया. बाकी कोर्ट को जो ठीक लगे, वो उसके लिए तैयार है. वहीं, यासीन को सजा सुनाए जाने से ठीक पहले श्रीनगर में उसके घर के बाहर समर्थकों ने पथराव कर दिया. सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला और भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर रखी थी. यासीन के घर के आसपास ड्रोन के जरिए निगरानी की गई.