भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्था को कई सुरक्षा चुनौतियों की जड़ बताने वाले बयान से पाकिस्तान को मिर्ची लग गई है. बयान जारी करते हुए पाकिस्तान ने विदेश मंत्री के बयान को उत्तेजक, झूठा और गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है. इस मामले पर पाकिस्तान ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि भारत जानबूझकर उसकी सेना और राष्ट्रीय संस्थानों को बदनाम करने का अभियान चला रहा है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान अपने संस्थानों, खासकर सेना पर गर्व करता है और ये संस्थान देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के केंद्र में हैं. उन्होंने कहा कि भारत, खासकर हालिया महीनों में राजनीतिक लाभ के लिए पाकिस्तान की सेना को निशाना बना रहा है.
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान एक जिम्मेदार राज्य है. हमारे संस्थान देश की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. भारत का यह बयान गैर-जिम्मेदाराना और भड़काऊ है."
अंद्राबी ने यह भी दावा किया कि मई महीने के संघर्ष ने दिखाया कि पाकिस्तान किसी भी हमले का जवाबी और जिम्मेदार तरीके से सामना करने में सक्षम है.
जयशंकर ने पाकिस्तान की सेना पर साधा था निशाना
दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा था कि भारत की कई लंबी चल रही सुरक्षा चुनौतियों का संबंध पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्था से है, जो आतंकी ढांचे को समर्थन देती है. उन्होंने यह भी कहा था कि जैसे कुछ देश अच्छे और बुरे आतंकवादियों का फर्क करते हैं, वैसे ही पाकिस्तान की राजनीति में भी अच्छे और बुरे सैन्य नेतृत्व का फर्क देखने को मिलता है.
जयशंकर से जब पूछा गया कि क्या ऑपरेशन सिंदूर में भारत कोई कदम अलग तरीके से उठा सकता था, तो उन्होंने जवाब दिया था, "भारत के पास नियम, कानून और जवाबदेही है. हमारे हर कदम की समीक्षा होती है. पाकिस्तान से तुलना करना हमारे प्रति अन्याय होगा."
पाकिस्तान का भारत पर प्रोपेगेंडा कैंपेन का आरोप
पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत, उसके नेतृत्व और सेना को बदनाम करने के लिए प्रोपेगेंडा कैंपेन चला रहा है. अंद्राबी ने कहा कि पाकिस्तान दबाव या प्रोपेगेंडा से नहीं डरेगा और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएगा.