पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ पीटीआई कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं. उधर, पार्टी के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने स्थिति की समीक्षा करने और इमरान खान की रिहाई के लिए एक रणनीति बनाने के लिए पार्टी की कोर कमेटी की इमरजेंसी बैठक बुलाई है. पार्टी ने साफ कर दिया है कि गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी.
दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान मंगलवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में कुछ मामलों सुनवाई के लिए पहुंचे हुए थे. जब इमरान खान इस्लामाबाद हाईकोर्ट के अंदर अपने बायोमैट्रिक्स करा रहे थे, तभी पाकिस्तानी सेना के रेंजर्स ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
गवर्नर हाउस-सेना दफ्तर पर कब्जा, आगजनी... अबतक 6 मौतें, इमरान की गिरफ्तारी के बाद सुलग रहा पाकिस्तान
4-5 दिन की हिरासत में भेजे जा सकते हैं इमरान
इमरान खान को आज यानी बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा. इस दौरान जांच एजेंसी नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) कोर्ट से उनकी अधिकतम रिमांड की मांग कर सकती है. माना जा रहा है कि इमरान खान को 4-5 दिन की हिरासत में भेजा जा सकता है. इससे पहले मंगलवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से भी इमरान को झटका लगा है. इमरान की गिरफ्तारी को हाईकोर्ट ने सही ठहराया है.
इमरान की गिरफ्तारी के बाद जल उठा पाकिस्तान
पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान सुलग उठा है. देशभर से हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं. इमरान के समर्थक आगजनी और तोड़फोड़ कर रहे हैं. इमरान की पार्टी पीटीआई ने देशभर में विरोध प्रदर्शन बुलाए हैं. हिंसा को देखते हुए पूरे पाकिस्तान में धारा 144 लगाई जा चुकी है. पाकिस्तान में मोबाइल इंटरनेट के बाद अब ट्विटर सर्विस बंद हो गई. पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण ने पुष्टि की कि आंतरिक मंत्रालय के निर्देश पर देश भर में मोबाइल ब्रॉडबैंड को निलंबित कर दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्हाट्सएप और फेसबुक समेत तमाम सोशल मीडिया साइट्स को भी बंद कर दिया गया.
किस केस में हुई इमरान की गिरफ्तारी?
इमरान खान पर अल-कादिर ट्रस्ट मामले में धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज हैं. ये पूरा विवाद अल कादिर ट्रस्ट यूनिवर्सिटी से जुड़ा है. इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और उनके करीबी सहयोगी जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान ने अल-कादिर प्रोजेक्ट ट्रस्ट का गठन किया था, जिसका उद्देश्य पंजाब के झेलम जिले की सोहावा तहसील में 'गुणवत्तापूर्ण शिक्षा' प्रदान करने के लिए अल-कादिर यूनिवर्सिटी की स्थापना करना था. आरोप है कि दान की गई जमीन के दस्तावेज में हेरफेर किया गया. यूनिवर्सिटी के लिए इमरान और उनकी बीवी ने जमीन को गैर कानूनी तरीके से हड़प लिया और दोनों ने पाकिस्तान के सबसे अमीर शख्स मलिक रियाज को गिरफ्तारी के नाम पर धमकाकर अरबों रुपये की जमीन अपने नाम करा ली.