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'भारत को बातचीत के लिए माहौल...', रिश्ते सुधारने पर बोला पाकिस्तान, कश्मीर पर क्या कहा?

पाकिस्तान ने कहा है कि वो भारत समेत अपने सभी पड़ोसियों से शांतिपूर्ण संबंध चाहता है. साथ ही पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि इसके लिए भारत को ही पहल करने की जरूरत है और इस पहल में कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा शामिल होनी चाहिए.

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पाकिस्तान ने कहा है कि वो क्षेत्र के सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाकर रखना चाहता है जिसमें भारत भी शामिल है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा है आने वाले वक्त में भारत-पाकिस्तान के रिश्ते सुधरे, इसके लिए भारत को पहल करने की जरूरत है.

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने एक साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तान शांतिपूर्ण पड़ोस चाहता है. जब उनसे पूछा गया कि क्या आनेवाले सालों में भारत के साथ संबंध बहाली की कोई संभावना है, बलोच ने कहा, 'भारत को बातचीत के लिए माहौल बनाने की खातिर कदम उठाने की जरूरत है.'

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता यहां भी कश्मीर का जिक्र करने से बाज नहीं आईं और उन्होंने कहा कि भारत के साथ बातचीत केवल जम्मू-कश्मीर पर चर्चा के आधार पर ही हो सकती है.

मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर पर लगे प्रतिबंधों पर भी दी प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार ने हाल ही में मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम ग्रुप) पर प्रतिबंध लगा दिया है. गृहमंत्री अमित शाह ने प्रतिबंध को लेकर कहा कि देश विरोधी गतिविधियों की वजह से संगठन को UAPA के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया है.

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इस प्रतिबंध का जिक्र करते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि हम भारत सरकार के इस फैसले की निंदा करते हैं.

मुमताज बलूच ने कहा कि लंबे समय तक हिरासत में रखकर और संपत्तियों को जब्त कर पार्टी नेतृत्व को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है.

पाकिस्तान का दोहरा रवैया

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में बलोच समुदाय के लोग न्यायिक हिरासत में हो रही मौतों को लेकर पिछले कई दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन पुलिस इस प्रदर्शन को बर्बरता से दबा रही है. इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सवाल उठ रहे हैं.

पाकिस्तान स्थित नॉर्वे दूतावास और पाकिस्तान में यूरोपीय संघ के राजदूत ने हाल ही में ट्वीट कर प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर चिंता जताई है. जब इस संबंध में जहरा बलोच से सवाल किया गया तो उन्होंने विदेशी मिशनों के 'हस्तक्षेप' पर खेद जताया.

बलोच ने कहा कि यह पाकिस्तान का निजी मामला है और देश अपने निजी मामलों को संभालने में पूरी तरह सक्षम है. उन्होंने कहा कि संविधान अपने नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है और इससे निपटने के लिए कानून मौजूद हैं.

विदेशी मिशनों के हस्तक्षेप पर तो जहरा बलोच भड़क गईं लेकिन भारत के जम्मू-कश्मीर के नागरिकों पर टिप्पणी करने से बाज नहीं आईं. बलोच ने कहा कि भारत सरकार कश्मीरियों को अपने कब्जे में करने के मकसद से लगातार संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूलभूत सिद्धांतों का उल्लंघन करती आई है.

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