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पाकिस्तान में मुनीर से टक्कर लेने वाला आर्मी का पूर्व अधिकारी आतंकी घोषित, बोला- मेरे लिए सम्मान की बात

पाकिस्तान सरकार की ओर से मेजर (रिटायर्ड) आदिल रजा को शेड्यूल 4 के तहत आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद उन्होंने इसे अपने खिलाफ ट्रांसनेशनल दमन बताया है. आदिल रजा के अनुसार लंदन में उनके घर में हाल ही में घुसपैठ और तोड़फोड़ की गई, हालांकि उस समय परिवार घर पर नहीं था और सभी सुरक्षित हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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आदिल राजा का आरोप है कि पत्रकारिता और सत्ता की आलोचना करने की सजा के तौर पर उन्हें आतंकवादी घोषित किया गया है. (Photo: Social Media/X)
आदिल राजा का आरोप है कि पत्रकारिता और सत्ता की आलोचना करने की सजा के तौर पर उन्हें आतंकवादी घोषित किया गया है. (Photo: Social Media/X)

पाकिस्तान सरकार ने मेजर (रिटायर्ड) आदिल रजा को शेड्यूल 4 के तहत आतंकवादी घोषित कर दिया है. इस फैसले के बाद आदिल रजा ने इसे अपने खिलाफ ट्रांसनेशनल दमन की कार्रवाई बताया है.

आदिल रजा ने बताया कि हाल ही में लंदन के उपनगरीय इलाके में स्थित उनके घर में अज्ञात लोगों ने घुसपैठ की. हमलावरों ने घर में तोड़फोड़ की और सामान बिखेर दिया. राहत की बात यह रही कि उस समय घर पर कोई मौजूद नहीं था. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी गई. 

'खतरे में पाकिस्तान सरकार के आलोचक'

उन्होंने कहा, 'मैं और मेरा परिवार अब सुरक्षित हैं.' आदिल रजा ने कहा कि यह घटना कैंब्रिज में इमरान खान के करीबी शहजाद अकबर पर हुए हमले के कुछ ही समय बाद सामने आई है, जो गंभीर चिंता का विषय है. उनका कहना है कि इससे यूके में पाकिस्तान सरकार के आलोचकों और असंतुष्टों के खिलाफ बढ़ते दमन का खतरा साफ नजर आता है. पुलिस की ओर से इस घटना की आधिकारिक रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है.

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'सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने की सजा'

आदिल रजा ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान सरकार उन्हें यूके से प्रत्यर्पित कराने में विफल रही, जिसके बाद अब उनके परिवार को निशाना बनाया गया और फिर उन्हें आतंकवादी घोषित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि यह फैसला किसी अपराध के आधार पर नहीं, बल्कि उनकी पत्रकारिता और सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने की सजा है.

'कोई उत्पीड़न मुझे चुप नहीं करा सकता'

उन्होंने इसे पाकिस्तान की सैन्य सत्ता की ओर से चलाए जा रहे दमन अभियान का हिस्सा बताया और कहा कि वह इस घोषणा को सम्मान की तरह देखते हैं. आदिल रजा ने कहा कि यह उत्पीड़न उन्हें चुप नहीं करा सकता और वह आगे भी लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की आजादी और आम लोगों की आवाज को मजबूती से उठाते रहेंगे.

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