पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है. शुक्रवार देर रात चमन (पाकिस्तान) और स्पिन बोल्डक (अफगानिस्तान) सीमा पर दोनों देशों के सुरक्षा बलों के बीच भारी गोलीबारी हुई. इस झड़प में मोर्टार के गोले दागे गए और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में दहशत का माहौल बन गया है.
यह ताजा संघर्ष सऊदी अरब में दोनों देशों के बीच हुई शांति वार्ता के विफल होने के महज दो दिन बाद शुरू हुआ है.
शुक्रवार शाम को अचानक शुरू हुई इस गोलीबारी ने स्थानीय निवासियों को हिला कर रख दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक से पाकिस्तान की तरफ और चमन से अफगानिस्तान की तरफ लगातार फायरिंग की गई. इस भीषण गोलीबारी के कारण सीमा के दोनों ओर रहने वाले सैकड़ों परिवारों को अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागना पड़ा है.
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि गोलीबारी इतनी तीव्र थी कि लोग अपना सामान तक नहीं समेट सके और अफरातफरी में पलायन करने को मजबूर हो गए. हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी तक दोनों पक्षों में से किसी ने भी किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है.
दोनों देशों की तरफ से एक दूसरे पर लगाए गए आरोप
हमेशा की तरह, इस झड़प के लिए दोनों देशों ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है. अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने सोशल मीडिया पर कहा कि पाकिस्तानी बलों ने कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में पहल करते हुए पहले हमला किया. उन्होंने दावा किया कि इस्लामिक अमीरात के बलों को जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा.
वहीं पाकिस्तान सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के प्रवक्ता मोशर्रफ जैदी ने कहा कि अफगान बलों ने सीमा पर अकारण गोलीबारी की है. उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता और अपने नागरिकों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध और सतर्क है.
शांति वार्ता की विफलता और पुराना तनाव
यह सीमा संघर्ष ऐसे समय में हुआ है जब दोनों पड़ोसी देशों के रिश्ते पहले से ही नाजुक दौर से गुजर रहे हैं. कतर और तुर्की के बाद हाल ही में सऊदी अरब में आयोजित शांति वार्ता बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हो गई थी, हालांकि दोनों पक्षों ने उस समय संघर्ष विराम की बात दोहराई थी.
बता दें कि अक्टूबर में भी इन दोनों देशों के बीच हुए घातक संघर्ष में दर्जनों लोग मारे गए थे, जिसे 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से सबसे भीषण हिंसा माना गया था. पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवादी पाकिस्तान के खिलाफ हमलों (जिनमें आत्मघाती विस्फोट शामिल हैं) के लिए कर रहे हैं. वहीं, काबुल इन आरोपों को सिरे से खारिज करता है और कहता है कि वह पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों के लिए जिम्मेदार नहीं है.