पड़ोसी मुल्क नेपाल में Gen-Z प्रोटेस्ट काफी समय से राजनीतिक अस्थिरता का कारण बना हुआ था. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी इस प्रोटेस्ट की भेंट चढ़ गई थी. लेकिन 19 सिंतबर को एकाएक दोबारा शुरू हुआ यह प्रोटेस्ट 24 घंटे से भी कम समय में आखिरकार खत्म हो गया.
नेपाल में 19 नवंबर को शुरू हुआ Gen-Z प्रोटेस्ट 20 नवंबर की शाम 4:30 बजे खत्म हो गया. युवाओं के इस समूह और जिला प्रशासन के बीच बनी सहमति के बाद सिमरा से कर्फ्यू भी हटा लिया गया. अब स्थिति सामान्य है. कोई झड़प या तनाव की स्थिति नहीं है. लेकिन सवाल बना हुआ है कि इस बार का यह प्रोटेस्ट 24 घंटे से भी कम समय में कैसे खत्म हो गया?
19 नवंबर को नेपाल के बारा जिले में Gen-Z युवाओं का प्रोटेस्ट तेजी से भड़का, लेकिन शाम होते-होते पूरी तरह थम गया. यह घटना सितंबर 2025 के बड़े आंदोलन के बाद की पहली बड़ी हिंसा थी.
दरअसल 20 नवंबर की सुबह जिले में शांति थी लेकिन सुबह 11 बजे तक सिमरा चौक पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा हो गई. इस दौरान Gen-Z युवाओं ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया. उन्होंने 19 नवंबर की झड़पों के लिए जिम्मेदार यूएमएल नेताओं की गिरफ्तारी की मांग की. प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए, पत्थरबाजी शुरू हो गई और पुलिस ने आंसू गैस, रबड़ बुलेट्स और हवाई फायरिंग का इस्तेमाल किया. इस दौरान कम से कम 10 लोग घायल हुए. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि दोपहर एक बजे से रात 8 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया.
सहायक मुख्य जिला अधिकारी छबिरामण सुबेदी ने इसे स्थिति नियंत्रण के लिए जरूरी बताया, जबकि बारा जिला मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने सार्वजनिक सुरक्षा का हवाला दिया. दोपहर में प्रोटेस्ट चरम पर था. प्रदर्शनकारी कर्फ्यू तोड़कर सड़कों पर बने रहे और झड़पें सिमरा चौक से फैल गईं. लेकिन शाम ढलते-ढलते चीजें शांत होने लगीं. मुख्य वजहें थी कर्फ्यू का सख्ती से पालन. इसके बाद कोई नई झड़प नहीं हुई और सुरक्षाबलों ने प्रमुख चौराहों पर भारी तैनाती की. नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने 20 नवंबर की शाम को युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की.
Gen-Z युवाओं से पीछे हटने और शांति बनाए रखने को कहा. इसके साथ ही गृह प्रशासन को संयम बरतने का निर्देश दिया. लेकिन सबसे अहम था कि पुलिस ने 19 नवंबर की घटनाओं में दो वॉर्ड चेयरमैन को गिरफ्तार कर लिया और छह यूएमएल कैडरों के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिससे प्रदर्शनकारियों को कुछ हद तक संतुष्टि मिली.इसका नतीजा ये हुआ कि रात आठ बजे कर्फ्यू खत्म होने के बाद सड़कें खाली हो गईं.
बता दें कि नेपाल में Gen-Z प्रोटेस्ट की शुरुआत चार सितंबर को तब हुई, जब नेपाल सरकार ने फेसबुक, एक्स (ट्विटर), यूट्यूब, लिंक्डइन, रेडिट, सिग्नल और स्नैपचैट समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अचानक बैन लगा दिया था. आधिकारिक तौर पर इसे संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के नए नियमों (डिजिटल सर्विस टैक्स और वैल्यू एडेड टैक्स) का पालन न करने का बहाना बताया गया, लेकिन युवाओं ने इसे राजनीतिक परिवारों के नेपोटिज्म को उजागर करने वाले "नेपो किड" ट्रेंड को दबाने की साजिश करार दिया.