नेपाल के हटाए गए प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) को फिर से बहाल करने की मांग की है. उन्होंने देश में राष्ट्रीय एकता और राजनीतिक स्थिरता की जरूरत पर जोर दिया. बुधवार को भकतपुर जिले के गुंडु में आयोजित CPN-UML के कार्यक्रम में ओली ने कहा कि उनकी पार्टी भंग किए गए संसद को फिर से शुरू करने का समर्थन करती है और उन्हें भरोसा है कि नेपाली कांग्रेस भी इस कदम का समर्थन करेगी.
ओली ने जेन-जी आंदोलन के वक्त सितंबर की शुरुआत में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. गौरतलब है कि नेपाल के युवाओं ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध को लेकर हिंसक प्रदर्शन किए थे. इसके बाद पूर्व शीर्ष न्यायाधीश सुशीला कार्की 12 सितंबर को अस्थायी प्रधानमंत्री बनीं. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उनके सुझाव पर संसद को भंग कर दिया था. अगली आम चुनाव की तारीख 5 मार्च 2026 तय की गई है.
ओली ने कहा कि चुनाव की कोई भी योजना सभी राजनीतिक पार्टियों की भागीदारी और भरोसे के साथ पूरी की जानी चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि देश को अब एकता, स्थिरता और सकारात्मक माहौल की जरूरत है ताकि शांति और समृद्धि सुनिश्चित की जा सके. वहीं चुनाव आयोग ने सोमवार को प्रतिनिधि सभा के चुनाव का शेड्यूल मंजूर कर दिया.
क्यों आई नेपाल में अस्थिरता, समझें
सितम्बर 2025 में युवा-नेतृत्व वाले Gen Z ग्रुप ने भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किए थे. इसके बाद ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने पूर्व शीर्ष न्यायाधीश सुशीला कार्की की सिफारिश पर प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया. देश में सरकार और दलों के बीच मतभेद, भ्रष्टाचार के आरोप और युवा विरोध के कारण राजनीतिक स्थिरता नहीं थी. अब आगामी आम चुनाव 5 मार्च 2026 को तय किया गया है. ऐसे में ओली ने कहा कि संसद को फिर से बहाल किया जाना चाहिए.