पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने जा रहे नवाज शरीफ विदेश मंत्रालय अपने पास रख सकते हैं, हालांकि इस महत्वपूर्ण विभाग के लिए पीएमएल-एन के कई नेता जोरदार ढंग से लामबंदी कर रहे हैं.
पीएमएल-एन के सूत्रों ने बताया कि बीते 11 मई को हुए चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालने जा रहे शरीफ विदेश विभाग अपने पास रखने के साथ विदेश मामलों पर सहयोग के लिए एक सलाहकार नियुक्त कर सकते हैं. सलाहकार के इस पद के लिए पूर्व विदेश मंत्री 84 वर्षीय सरताज अजीज को फिलहाल सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है.
पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि सरताज अजीज चुनाव जीतने के बाद शरीफ की विदेशी राजनयिकों के साथ हुई लगभग सभी बैठकों में उपस्थित रहे हैं. पीएमएल-एन के दूसरे वरिष्ठ नेता इन बैठकों में शामिल नहीं रहे.
सूत्रों का कहना है कि दो पूर्व राजनयिक तारिक फातमी और शमशाद अहमद खान को भी विदेश मामलों के सलाहकार की दौड़ में माना जा रहा है. फातमी 1999 में कुछ समय के लिए अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके हैं तथा खान 1997-2000 तक पाकिस्तान के विदेश सचिव थे.
पीएमएल-एन से जुड़े कुछ सूत्रों का कहना है कि अजीज की उम्र उनके खिलाफ जा सकती है. पार्टी के एक व्यक्ति ने कहा कि अजीज ने आसिफ अली जरदारी का कार्यकाल पूरा होने के बाद राष्ट्रपति का पद संभालने में दिलचस्पी दिखाई है. जरदारी का कार्यकाल सितंबर में पूरा हो रहा है. पिछले कुछ दिनों से पीएमएल-एन के भीतर पाकिस्तान का विदेश मंत्री बनने के लिए जोरदार लामबंदी हो रही है.
सूत्रों का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता चौधरी निसार अली खान ने इस पद के लिए अपनी दिलचस्पी जाहिर की है. उन्हें सेना का करीबी माना जाता है और पिछली नेशनल एसेंबली में वह नेता प्रतिपक्ष थे. पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता अहसन इकबाल और इसहाक डार ने भी विदेश मंत्री पद के लिए दिलचस्पी दिखाई है. डार पार्टी प्रमुख शरीफ के समधी भी हैं.