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भारत आने से घबराया मेहुल चोकसी, एंटीगुआ सरकार के खिलाफ ही किया मुकदमा

चोकसी ने यह मुकदमा एंटीगुआ सरकार के खिलाफ इसलिए किया है क्योंकि वहां के एक कानून के मुताबिक उसे भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है, जबकि चोकसी ने प्रत्यर्पण से बचने के लिए एंटीगुआ की नागरिकता ली है.

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मेहुल चोकसी की फाइल फोटो (गेटी इमेजेज)
मेहुल चोकसी की फाइल फोटो (गेटी इमेजेज)

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में आरोपी मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ और बारबुडा सरकार के खिलाफ मुकदमा किया है. चोकसी ने मुकदमे की सुनवाई में प्रधानमंत्री या उनके स्थायी सचिव को शामिल करने की गुहार लगाई है.

चोकसी ने एंटीगुआ सरकार के कॉमनवेल्थ एग्रीमेंट के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस एग्रीमेंट के तहत भारत और एंटीगुआ में प्रत्यर्पण संधि न होने के बावजूद चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है. भारत के साथ 2001 में एंटीगुआ के मंत्री ने यह करार किया था. इसे 'कॉमनवेल्थ कंट्रीज अमेंडमेंट ऑर्डर' के नाम से जाना जाता है.     

कॉमनवेल्थ देशों के साथ यह करार होने के बाद भारत और एंटीगुआ प्रत्यर्पण के दायरे में स्वतः आ जाते हैं. एंटीगुआ के अटॉर्नी जनरल ऑफिस ने यह जानकारी दी है. इस बाबत स्थानीय सरकार को पक्षकार बनाते हुए चोकसी की ओर से नोटिस जारी किया गया है.

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इधर भारत में अभी हाल में मेहुल चोकसी के साथी दीपक कुलकर्णी को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया. दीपक कुलकर्णी हांगकांग से भारत आ रहा था, जिस समय उसे गिरफ्तार किया गया था. कुलकर्णी को पीएमएल एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है.

सूत्रों की मानें, दीपक ही हांगकांग में मेहुल चोकसी का पूरा बिजनेस संभालता था. यहां तक कि वह चोकसी की किसी फर्जी कंपनी का डायरेक्टर भी था. सीबीआई और ईडी की तरफ से दीपक के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था, तभी से उसकी तलाश चल रही थी.

एयरपोर्ट अथॉरिटी को जैसे ही दीपक के कोलकाता आने की जानकारी मिली तो उन्होंने ईडी को बताया. गौरतलब है कि करीब 13 हजार करोड़ के पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी मुख्य आरोपी हैं. नीरव मोदी और मेहुल दोनों फरार हैं. नीरव के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है.

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