सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद ने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ( MBS) को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. इससे पहले वे प्रधानमंत्री पद का कार्यभार खुद ही संभाल रहे थे. वहीं प्रिंस खालिद बिन सलमान सऊदी अरब के नए रक्षा मंत्री होंगे. सऊदी में अचानक हुए इस पावर ट्रांसफॉर्मेशन के पीछे कोई वजह नहीं बताई गई है. फिलहाल किंग सलमान ही कैबिनेट की सभी बैठकों की अध्यक्षता जारी रखेंगे.
मोहम्मद बिन सलमान का किंग सलमान की जगह प्रधानमंत्री बन जाना सऊदी के लिए कई मायनों में खास है, इसकी वजह उनकी देश की उदार छवि गढ़ने की कोशिशें हैं, जिनका असर साल 2017 में क्राउन प्रिंस बनने के बाद से लगातार दिखता भी आया है. पिछले कुछ सालों में मोहम्मद बिन सलमान ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिनकी वजह से वे चरमपंथियों के निशाने पर भी रहे.
क्राउन प्रिंस बनने के बाद से ही मोहम्मद बिन सलमान सऊदी अरब के आंतरिक और विदेशी मामलों में अहम भूमिका निभाते रहे हैं, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठकर वह अपनी ताकत और अच्छे से इस्तेमाल करने की स्थिति में हो जाएंगे. मौजूदा समय में दुनिया के सबसे बड़े तेल के निर्यातक सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान तेल, रक्षा, आर्थिक नीति और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मामले देख रहे हैं.
MBS के पीएम बनने का इंटरनेशनल पहलू
क्राउन प्रिंस के प्रधानमंत्री बनने को लेकर वॉशिंगटन में सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मिडिल ईस्ट प्रोग्राम के डायरेक्टर जॉन अल्टरमैन ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से कहा कि एमबीएस के प्रधानमंत्री बनने से सऊदी में कोई बड़े नीतिगत बदलाव नहीं आएंगे. अल्टरमैन ने आगे कहा कि क्राउन प्रिंस को अगला किंग बनने के लिए इंतजार करवाने की जगह देश के प्रधानमंत्री का पद सौंपने के पीछे अंतराष्ट्रीय पहलू भी है.
मोहम्मद बिन सलमान क्राउन प्रिंस बनने के बाद से ही सऊदी अरब के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में जुटे हुए हैं. इसका असर उस समय देखने को भी मिला जब साल 2018 में इस्तांबुल में हुई सऊदी पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या का आरोप होने के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की साल 2022 की सऊदी अरब यात्रा के मेजबान बने. इसके अलावा भी मोहम्मद बिन सलमान भारत समेत कई बड़े देशों से संबंध मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं.
सेंटर ऑफ इस्लाम का 'मॉडर्न' युग
मोहम्मद बिन सलमान का ताकतवर होना दुनिया में इस्लाम का सेंटर कहे जाने वाले सऊदी अरब के लिए एक मॉडर्न युग की शुरुआत जैसी होगी. दरअसल, सऊदी अरब एक इस्लामिक राष्ट्र है और शरिया कानून को मानता है, इसी वजह से वहां महिलाओं को आजादी समेत कई ऐसी चीजों पर कुछ तरह की पाबंदियां हैं, जिनमें पहली बार मोहम्मद बिन सलमान ने आधिकारिक तौर पर कुछ ढील दी हैं.
हालांकि, सऊदी अरब में सदियों से चल रही पाबंदियों में छेड़छाड़ पर मोहम्मद बिन सलमान की आलोचना भी खूब होती रही है. कई बार उनके फैसलों के खिलाफ दक्षिणपंथी एक्टिविस्टों और कारोबारियों ने प्रदर्शन भी किया, लेकिन इससे मोहम्मद बिन सलमान के खुले विचारों वाले फैसलों पर कोई असर नहीं पड़ा.
MBS का विजन 2030
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपनी नई सोच के साथ सऊदी में विजन 2030 का ऐलान किया. इसके जरिए क्राउन प्रिंस सऊदी अरब को भविष्य के लिए तैयार करना चाहते हैं और देश की आर्थिक निर्भरता को तेल से हटाकर और क्षेत्रों में भी फैलाना चाहते हैं. मोहम्मद बिन सलमान का अंतराष्ट्रीय संबंधों का मजबूत करना भी इसी का एक हिस्सा है, जिसके जरिए वे सऊदी अरब को निवेशकों की पहली पसंद बनाना चाह रहे हैं.
भविष्य को देखते हुए ही मोहम्मद बिन सलमान ने अपने नियोम शहर का भी ऐलान किया है, जो पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं लैस होगा. खास बात है कि यह 170 किलोमीटर लंबा होगा और सिर्फ 200 मीटर चौड़ा होगा. इस तरह का शहर सिर्फ सऊदी अरब ही नहीं, पूरे विश्व में भी कहीं नहीं है. रिपोर्ट्स के अनुसार, नियोम शहर में एल्कोहल भी परोसा जाएगा.
मोहम्मद बिन सलमान पर हत्या का आरोप
जहां एक ओर मोहम्मद बिन सलमान पर सऊदी अरब को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारियां बढ़ रही हैं तो वहीं सऊदी पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या का आरोप भी उनका दामन दागदार बनाए हुए है. दरअसल, अक्टूबर साल 2018 में सऊदी पत्रकार जमाल खाशोगी की इस्तांबुल में हत्या कर दी गई थी. जमाल खाशोगी को मोहम्मद बिन सलमान का आलोचक भी कहा जाता था.
जमाल की हत्या का आरोप मोहम्मद बिन सलमान पर लगाया गया. और समय-समय पर कई दावे भी होते रहे जिन्होंने सऊदी पत्रकार की हत्या का कनेक्शन मोहम्मद बिन सलमान से जोड़े रखा. ऐसा कहा जाता रहा है कि मोहम्मद बिन सलमान के फरमान पर सऊदी पत्रकार की हत्या की गई.
न्यूज वेबसाइट मिडिल ईस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिन 15 लोगों पर जमाल की हत्या का शक है, उनमें 7 लोग मोहम्मद बिन सलमान के पर्सनल बॉडीगार्ड रहे हैं. हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है, लेकिन यह आरोप अब मोहम्मद बिन सलमान के साथ हमेशा के लिए जरूर जुड़ गया है.
MBS की आलोचना पर बहन भी गई जेल
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को किंग सलमान का सबसे अजीज बेटा कहा जाता है. यही कारण है कि उनके खिलाफ कोई बाहरी ही नहीं बल्कि घर का आदमी भी गुस्ताखी नहीं कर सकता है. ऐसा कुछ करने की सजा मोहम्मद बिन सलमान की चचेरी बहन बसमाह बिंत सऊद को भी मिली और उसे तीन साल जेल की हवा खानी पड़ गई. जेल जाने वाली मोहम्मद बिन सलमान की बहन न सिर्फ सऊदी की राजकुमारी हैं बल्कि ह्यूमन राइट्स एडवोकेट भी हैं.
साल 2019 में 57 साल की राजकुमारी बसमाह बिंत सऊद को उनकी बेटी शोहूद अल शरीफ के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद साल 2022 की शुरुआत में वे जेल से बाहर आई हैं. गिरफ्तारी के बाद उनके ट्विटर हैंडल से उनके वे सभी ट्वीट हटा दिए गए, जिनमें मोहम्मद बिन सलमान की आलोचनाए थी. इसके साथ ही मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ बोलने पर दो भाइयों को भी हाउस अरेस्ट करने की खबरें आ चुकी हैं.