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'IMF ने हमें बंधक बनाया, हमसे करवा रहा है गुलामी', छलका पाकिस्तान का दर्द

पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी में शामिल मरियम नवाज का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पाकिस्तान से ऐसे बर्ताव कर रहा है जैसे पाकिस्तान उसका उपनिवेश हो. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान IMF का बंधक बन चुका है और अब इससे निकलना आसान नहीं है.

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शहबाज शरीफ की सरकार IMF से कोई समझौता नहीं कर पा रही है (Photo- Reuters)
शहबाज शरीफ की सरकार IMF से कोई समझौता नहीं कर पा रही है (Photo- Reuters)

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की कठिन शर्तों से परेशान पाकिस्तान का कहना है कि IMF ने उसे बंधक बना लिया है और उसे गुलाम समझ रहा है. पाकिस्तान की सत्ताधारी गठबंधन में शामिल पीएमएल-एन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा है कि IMF ने पाकिस्तान को बंधक बना लिया है. उन्होंने कहा है कि IMF पाकिस्तान से अपने उपनिवेश की तरह बर्ताव कर रहा है. मरियम का कहना है कि पाकिस्तान की स्थिति ऐसी हो गई है कि वो चाहकर भी IMF के चंगुल से बाहर नहीं निकल सकता है.

सोमवार को लाहौर के मॉडल टाउन में सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं और युवाओं को संबोधित करते हुए मरियम ने कहा, 'IMF हम पर भरोसा करने के लिए तैयार नहीं है. पाकिस्तान IMF का बंधक बन गया है और वह देश के साथ एक उपनिवेश की तरह पेश आ रहा है. यहां तक कि अगर हम इसके चंगुल से बाहर आने की कोशिश भी करते हैं, तो निकल नहीं सकते.'

उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को फटकार लगाते हुए कहा कि खान ने IMF समझौते की धज्जियां उड़ाई जिस कारण IMF अब पाकिस्तान पर भरोसा नहीं कर पा रहा है. मरियम ने कहा, 'इमरान खान के कारण ही हमें एक अरब की भीख मांगनी पड़ रही है. इमरान
खान को राजनीति में देश बर्बाद करने के लिए लाया गया था.'

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IMF ने जल्द नहीं दिया बेलआउट पैकेज को कर्ज नहीं चुका पाएगा पाकिस्तान

पाकिस्तान और IMF के बीच साल 2019 में 6 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को लेकर समझौता हुआ है. अगले ही साल इस पैकेज को एक अरब डॉलर बढ़ाकर 7 अरब डॉलर कर दिया गया. समझौते के तहत 1.1 अरब डॉलर की पहली किस्त जारी करने पर अभी तक दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है.

इस बेलआउट प्रोग्राम में शामिल होने के लिए शहबाज शरीफ की सरकार ने IMF के कहे अनुसार, टैक्स में भारी बढ़ोतरी की है, ऊर्जा के दाम को बढ़ाया है और अपने ब्याज दर को 25 सालों के उच्चतम स्तर पर ला दिया है. इस कारण पाकिस्तान में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ी है.

IMF की कठिन शर्तें मानने के बाद भी पाकिस्तान को लोन की पहली किस्त नहीं मिली है. विदेशी मुद्रा भंडार की किल्लत से जुझते पाकिस्तान को हाल के महीनों में अरबों डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना है और अगर जल्द ही उसे IMF से लोन नहीं मिलता तो उसे कर्ज की तारीख को आगे बढ़ाना पड़ेगा.

पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक अमेरिकी बैंक ने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान को IMF से जल्द से जल्द लोन नहीं मिलता तो वह अपना विदेशी कर्ज नहीं चुका पाएगा. विदेशी कर्ज नहीं चुकाने की स्थिति में पाकिस्तान डिफॉल्ट करार दिया जाएगा.

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चीन बचा लेगा पाकिस्तान को?

रिपोर्ट तैयार करने वाली बैंक ऑफ अमेरिका की टीम ने हालांकि, यह भी कहा कि पाकिस्तान का करीबी दोस्त चीन उसे डिफॉल्ट नहीं होने देगा.

टीम में शामिल अर्थशास्त्री कैथलीन ने रिपोर्ट में लिखा है, 'फिलहाल पाकिस्तान के लिए चीन एक राहत की कुंजी है क्योंकि यह पाकिस्तानी कर्ज का सबसे बड़ा लेनदार है. चीन और पाकिस्तान के बीच घनिष्ठ संबंधों को देखते हुए उम्मीद है कि चीन अपने सहयोगी की मदद करने आगे आएगा.'

उन्होंने कहा कि IMF और पाकिस्तान के बीच पैकेज को लेकर हफ्तों से बातचीत चल रही है लेकिन अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि किस्त मिलेगी भी या नहीं और अगर मिलेगी तो कब मिलेगा.

हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान और IMF के बीच लोन की पहली किस्त को लेकर जल्द ही कोई समझौता होने वाले है. गुरुवार को पाकिस्तान के वित्त सचिव हमीद याकूब शेख ने मीडिया से कहा कि अगले कुछ दिनों में समझौता होने की संभावना है.

पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक के गवर्नर जमील अहमद ने पिछले हफ्ते कहा था कि पाकिस्तान को जून तक करीब तीन अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि उसकी अतिरिक्त चार अरब डॉलर के कर्ज की समय सीमा को बढ़ा दिया जाएगा. 

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