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गोटबाया को शरण देने पर मालदीव में हंगामा, बैकफुट पर आई सरकार

श्रीलंका में जारी राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच गोटबाया राजपक्षे ने बुधवार तड़के मालदीव में शरण ली. इससे मालदीव के लोगों में गुस्सा है और वे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी मालदीव सरकार से  मांग कर रहे हैं कि वे अपराधियों और चोरों को सुरक्षा देना बंद करें.

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गोटाबाया राजपक्षे (photo: reuters)
गोटाबाया राजपक्षे (photo: reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मालदीव्स में गोटबाया के शरण लेने का विरोध
  • मालदीव्स से सिंगापुर रवाना होंगे आज

श्रीलंका में जारी राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच गोटबाया राजपक्षे ने बुधवार तड़के मालदीव में शरण ली. इससे मालदीव के लोगों में गुस्सा है और वे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. गोटबाया को मालदीव में शरण देने के सरकार के फैसले के खिलाफ श्रीलंकाई नागरिक शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं. यह प्रदर्शन मालदीव की राजधानी माले में किया जा रहा है. 

प्रदर्शनकारी मालदीव सरकार से मांग कर रहे हैं कि वे 'अपराधियों और चोरों' को सुरक्षा देना बंद करें. इसके बाद मालदीव के कुछ स्थानीय लोगों ने श्रीलंकाई प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए पुलिस से उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने देने की मांग की. पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों के पोस्टर और प्लेकार्ड छीन लिए और इन्हें तितर-बितर कर दिया.

मालदीव सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे श्रीलंका के एक नागरिक को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

वहीं, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने गोटबाया को शरण देने के फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. हालांकि, मालदीव्स नेशनल पार्टी संसद में श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया को शरण देने के फैसले पर सरकार के पक्ष को रखेगी.

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बता दें कि देश में जारी संकट के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने आधिकारिक तौर पर 13 जुलाई को इस्तीफा देने का वादा किया था. वे इस्तीफा देने से पहले ही बुधवार तड़के सैन्य विमान से मालदीव भाग गए. इस दौरान उनकी पत्नी और परिवार के कुछ सदस्य भी उनके साथ थे.

गोटबाया को पनाह देने के मालदीव सरकार के फैसले पर उंगलियां उठने लगी. इस स्थिति के गंभीर होने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मामले पर आधिकारिक बयान देने से इनकार कर दिया. 

फिलहाल मालदीव सरकार ने गोटबाया के शरण लेने और उनके ठिकाने को लेकर किसी तरह का आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोटबाया अपनी पत्नी और कुछ लोगों के साथ सेना के एंटोनोव-32 सैन्य विमान से मालदीव पहुंचे थे.

मालदीव मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब खबर है कि गोटबाया बुधवार शाम तक मालदीव से सिंगापुर के लिए रवाना हो सकते हैं.

मालदीव के समाचार आउटलेट्स ने बताया है कि पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे सिंगापुर एयरलाइंस की उड़ान SQ 437 से रवाना होंगे, जो बुधवार शाम को रवाना होने वाली है.

सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि सिंगापुर सरकार ने गोटबाया के शरण लेने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है.

मालदीव की संसद के स्पीकर और पूर्व राष्ट्रपति ने की मदद

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सूत्रों ने बताया था कि श्रीलंका से बाहर निकालने में मालदीव की संसद के स्पीकर और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने गोटबाया की मदद की थी.

गोटबाया सरकार के खिलाफ जनता के विद्रोह के बीच बुधवार तड़के सैन्य विमान से गोटबाया अपनी पत्नी के साथ के साथ मालदीव पहुंचे थे.

देश से फरार होने के लिए सैन्य विमान के इस्तेमाल पर श्रीलंका एयरफोर्स ने बयान जारी कर बताया कि राजपक्षे और उनकी पत्नी को देश से बाहर निकालने के लिए देश के संविधान या कानूनों का उल्लंघन नहीं किया गया है.

संविधान के तहत राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को मिले अधिकारों के तहत उन्हें सैन्य विमान मुहैया कराया गया.

सूत्रों ने बताया था कि इस पूरे घटनाक्रम पर मालदीव सरकार का तर्क रहा कि गोटबाया अभी भी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं. उन्होंने पद से इस्तीफा नहीं दिया था और ना ही सत्ता किसी को सौंपी थी. इसलिए अगर वह मालदीव आना चाहते थे तो इससे इनकार नहीं किया जा सकता था.

टीवी न्यूज चैनलों के मुताबिक, गोटबाया के साथ 13 लोग मालदीव पहुंचे थे. वे एएन32 सैन्य विमान से मालदीव पहुंचे थे.

रिपोर्टों के मुताबिक, शुरुआत में श्रीलंका के सैन्य विमान को मालदीव में लैंड कराने के अनुरोधों से मालदीव की सिविल एविएशन अथॉरिटी ने इनकार कर दिया था लेकिन बाद में स्पीकर नशीद के आग्रह पर उनके विमान को लैंड कराने की मंजूरी दी गई.

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बता दें कि बीते शनिवार को गोटबाया ने ऐलान किया था कि वह बुधवार को पद से इस्तीफा दे देंगे. इससे पहले सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था. प्रदर्शनकारी उन्हें देश में जारी आर्थिक संकट का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. 

आज देर शाम देंगे इस्तीफा

राष्ट्रपति गोटबाया श्रीलंकाई समय के अनुसार बुधवार रात आठ बजे तक इस्तीफा दे सकते हैं.  वह अपना इस्तीफा स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने को भेजेंगे.

श्रीलंका की संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया  ने उन्हें फोन कर बताया है कि वह आज इस्तीफा दे देंगे. सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद गोटबाया इस्तीफा देने से पहले ही मालदीव भाग गए थे. 

बता दें कि 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाला श्रीलंका सात दशकों में अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है. देश में लाखों लोग भोजन, दवाइयों ईधन जैसे मूलभूत वस्तुओं के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं.

देश में हालात रोजाना बद से बदतर होते जा रहे हैं. गोटबाया के देश छोड़कर फरार हो जाने से नाराज प्रदर्शनकारियों ने आज संसद भवन और पीएम हाउस की तरफ कूच किया. लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने संसद भवन से कुछ दूर हजारों प्रदर्शनकारियों को रोक लिया. लेकिन प्रदर्शनकारी सुरक्षा घेरा तोड़कर पीएम हाउस में घुस गये.

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