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कराची आत्मघाती हमले पर चीन की पाकिस्तान को दो टूक- गुनहगारों को बख्शा ना जाए

पाकिस्तान के कराची में हुए आत्मघाती हमले के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. चीन की तरफ से दो टूक कहा गया है कि इस मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए और आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए.

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कराची आत्मघाती हमले
कराची आत्मघाती हमले
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चीन बोला- नहीं टूटने वाली पाकिस्तान से दोस्ती
  • आतंकियों को चेतावनी, चुकाएंगे भारी कीमत

पाकिस्तान के कराची में महिला सुसाइड बॉम्बर द्वारा किए गए आत्मघाती हमले में तीन चीनी शिक्षकों की मौत हो गई थी. हमले में एक शख्स के घायल होने की भी खबर थी. उस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिब्रेशन आर्मी ने ली थी. अब चीन की तरफ से उस हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया आई है. जोर देकर कहा गया है कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए.

विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में बोला है कि हम एक बार फिर चीनी और पाकिस्तानी पीड़ितों की गई जान पर शोक व्यक्त करते हैं. साजिश के तहत ये आतंकी हमला किया गया था जहां पर चीनी नागरिक और शिक्षकों को निशाना बनाया गया. उन लोगों पर हमला हुआ जो संस्कृति का आदान-प्रदान करते थे. ऐसे में ये एक जघन्य अपराध हो जाता है.

अब जानकारी के लिए बता दें कि मंगलवार को बुर्का पहले एक महिला ने कराची यूनिवर्सिटी के बाहर खुद को बम से उड़ा दिया था. इस पूरी घटना का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था जहां पर महिला ने पहले एक रणनीति के तहत कॉलेज वैन को अपने पास आने दिया और फिर ट्रिगर दबा दिया. हमले के बाद वो कॉलेज वैन धू-धू कर जलने लगी और उसमें मौजूद तीन चीनी शिक्षकों की मौत हो गई. 

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हमले की जिम्मेदारी बलूच लिब्रेशन आर्मी ने ली जो पाकिस्तान में बैन चल रही है. ये भी बताया गया कि पाकिस्तान के इतिहास में ये पहली बार हुआ जब किसी महिला को सुसाइड बॉम्बर की तरह इस्तेमाल किया गया. हमले के तुरंत बाद चीन के सहायक विदेश मंत्री ने पाकिस्तानी अधिकारियों से संपर्क साधा और जोर देकर कहा कि पूरे मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए और हर वो कदम उठाना चाहिए जिससे भविष्य में ऐसे हमले ना हो सके. उनकी तरफ से ये भी अपील हुई कि पाकिस्तान में रह रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा को पुख्ता किया जाए.

वही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वैंग वेनबिन ने आतंकियों को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके ये कायराना हमले पाकिस्तान और चीन की दोस्ती पर कोई असर नहीं डालने वाले हैं. CPEC प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचाने की उनकी कोशिश भी कभी कामयाब नहीं हो पाएगी. आतंकियों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. एक्सपर्ट ये भी मानते हैं कि इस हमले का पाकिस्तान में हुए सत्ता परिवर्तन से कोई लेना देना नहीं है. कुछ प्रदर्शन जरूर हुए हैं लेकिन स्थिति नियंत्रण में है.

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