गाजा के जबालिया में इजरायल ने जबरदस्त हमला किया है. इस एयर स्ट्राइक में 16 लोग की मौत हो गई है. इसके साथ ही बड़ी संख्या लोग घायल बताए जा रहे हैं. इजरायली सेना का दावा है कि उसने हमास के आतंकियों को निशाना बनाकर हमलों को अंजाम दिया है. जबकि शेल्टर में रहने वाले लोगों ने बताया कि मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल है.
ताजा इजरायली हमलों में यहां भारी नुकसान पहुंचा है. बताया जा रहा है कि गाजा के इस शेल्टर स्कूल में इजरायली हमलों से बचने के लिए एक हजार से ज्यादा लोग शरण लिए हुए थे. उनका आरोप है कि जानबूझकर इजरायली सेना ने इजरायल को निशाना बनाया. गाजा पर इजरायल का ये बड़ा हमला तब हुआ, जब हमास ने एक बंधक को रिहा करने का फैसला किया था.
हमास ने ये फैसला सीजफायर समझौते पर पहुंचने और गाजा में मानवीय संकट दूर करने को लेकर किया है. वहीं अमेरिका ने हमास के इस फैसले को सकारात्मक कदम बताया. यदि ये समझौता अंजाम तक पहुंचेगा तो गाजा में भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके 23 लाख लोगों को भोजन नसीब हो पाएगा. यहां लाखों लोग भूखमरी के कगार पर जी रहे हैं.
हमास प्रमुख खलील अल-हय्या ने बताया कि एक बंधक एजन अलेक्ज़ेंडर की रिहाई में कतर, मिस्र और तुर्किए ने मिलकर अहम भूमिका अदा की है. वहीं अमेरिकी विशेष दूत एडम बोहलर ने हमास के इस फैसले को सकारात्मक कदम बताया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मध्यपूर्व में आना मददगार रहा है. ये उसकी सकारात्मक असर है.
7 अक्टूबर 2023 में हमास ने इज़रायल पर हमला कर 1200 लोगों को मार डाला था और 250 लोगों को बंधक बनाया था. इनमें ज़्यादातर रिहा हो चुके हैं, जबकि अब भी कैद में 59 बंधक हैं. इसमें से 24 के ज़िंदा होने की उम्मीद है. लेकिन इज़रायली अधिकारी अपनी जिद पर अड़े हैं. उनका कहना है कि जबतक सारे बंधक रिहा नहीं होते जंग खत्म नहीं होगी.
गाजा में इस वक्त लोग भूख-प्यास से त्राहिमाम कर रहे हैं. क्या बूढे, क्या बच्चे और क्या महिलाएं सभी लोग दाने-दाने को मोहताज हैं. भूखों मर रहे हैं. लिहाज़ा ज़िदगी बचाने के लिए सैकडों की तादाद में लोग खाली बर्तन लिए दो निवाले के लिए संघर्ष कर रहे हैं. करीब 70 दिन हो गए हैं. तब से लेकर अबतक गाज़ा में खाने-पीने का कोई भी सामान नहीं पहुंचा.
इज़रायल गाज़ा में आने नहीं दे रहा है. खान यूनिस के बाजारों में भी कुछ नहीं बचा है. ज़्यादातर लोग डिब्बाबंद खाने पर जीवत थे, लेकिन अब वो भी खत्म हो रहा है. गाज़ा की करीब 2.3 मिलियन आबादी बाहरी सहायता पर ही निर्भर है. हालांकि अमेरिका की दखल के बाद इजरायल मानवीय सहायता की गाजा में एंट्री के लिए तैयार तो हो गया है.