ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग अब सातवें दिन में प्रवेश कर चुका है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. दोनों देशों के बीच मिसाइल और ड्रोन हमले हो रहे हैं. ईरान अपनी लॉन्ग रेंज मिसाइलें इजरायली शहरों पर दाग रहा है. अब तक ईरान ने बैलिस्टिक और कुछ हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है. पहले बार ईरान ने अपनी सजील मिसाइल भी दागी है, जो कि एक मीडियम-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है.
दोनों मुल्कों में जारी संघर्ष में अब तक 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 585 मौतें ईरान में हुई हैं. ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है. ईरान ने इस युद्ध में पहली बार 2,000 किलोमीटर की रेंज वाली "सजील" मिसाइलों का इस्तेमाल किया है.
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बताया जा रहा है कि ये मिसाइलें "कब्जे वाले क्षेत्रों" यानी इजरायल के उन हिस्सों पर दागी गईं, जिन पर ईरान दावा करता है कि वे फिलिस्तीन के हैं. इस हमले की जानकारी ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की ग्यारहवीं आधिकारिक घोषणा में दी गई.
इजरायल के डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त करने का दावा
IRGC ने चेतावनी भरे बयान में कहा कि अब इजरायल की डिफेंस सिस्टम टूट चुकी है और "कब्जे वाले क्षेत्रों के आसमान ने ईरानी मिसाइलों और ड्रोन के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं." बयान में कहा गया, "अब जायोनिस्ट सेना के पास कोई सुरक्षा कवच नहीं बचा है."
IRGC ने आगे कहा कि मोसाद, अमान और इजरायली सेना के अड्डों को निशाना बनाया गया है. बयान में दावा किया गया कि अब इजरायल के लोग लगातार सायरनों की आवाज में जीने को मजबूर हैं और दिन-रात बंकरों में रहने के लिए विवश हैं.
ईरान ने दागी 400 से ज्यादा मिसाइलें, और सैकड़ों ड्रोन
ईरान ने इस युद्ध में अब तक करीब 400 मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन इजराइल पर दागे हैं. इनमें, फत्तह-1, शहाब-3, गदर, और खोर्रमशहर जैसी लॉन्ग-मिड रेंज मिसाइलें शामिल हैं. इन हमलों में इजरायल में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. कई मिसाइलें इजरायल के रिहायशी इलाकों में गिरीं, जिससे भारी नुकसान हुआ है.
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ईरान ने बुधवार को दावा किया कि उसने पहली बार "फत्ताह-1" हाइपरसोनिक मिसाइल इजराइल पर दागी हैं. यह मिसाइल अत्याधुनिक मानी जाती है और इससे तेल अवीव में तेज धमाके सुनाई दिए. इजरायली सेना का कहना है कि ईरानी हमले लगातार उन्हें शेल्टर्स में रहने को मजबूर कर रहे हैं.