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महायुद्ध में बदलने वाली है इजरायल-हमास की जंग, ये 10 घटनाएं दे रहीं गवाही

इजरायल की सेना गाजा की सीमा में दाखिल हो चुकी है. इजरायल ने गाजा पर हमले तेज कर दिए हैं. गाजा से सामने आ रहे वीडियो में भारी बमबारी की आवाजें सुनी जा सकती हैं. लेकिन ईरान, सीरिया, जॉर्डन जैसे देशों ने इजरायल को खुली चुनौती दे दी है. इजरायल को इस हमले का खामियाजा भुगतने की चुनौती दी है.

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इजरायल और हमास की जंग
इजरायल और हमास की जंग

इजरायल और हमास की जंग में अब तक गाजा में सात हजार से ज्यादा मौतें हो गई हैं. इजरायल ने बीते 24 घंटों में गाजा में हमास के 250 ठिकाने नष्ट कर दिए हैं. अब यह युद्ध सिर्फ इजरायल और हमास के बीच नहीं है. पूरे संकेत मिल रहे हैं कि अब यह युद्ध महायुद्ध में तब्दील होने जा रहा है. 

इजरायल की सेना गाजा की सीमा में दाखिल हो चुकी है. इजरायल ने गाजा पर हमले तेज कर दिए हैं. गाजा से सामने आ रहे वीडियो में भारी बमबारी की आवाजें सुनी जा सकती हैं. लेकिन ईरान, सीरिया, जॉर्डन जैसे देशों ने इजरायल को खुली चुनौती दे दी है. इजरायल को इस हमले का खामियाजा भुगतने की चुनौती दी है.

गाजा में नरसंहार नहीं रुका तो खामियाजा भुगतेगा अमेरिका

गाजा की जमीन पर इजरायल के घुसने पर ईरान ने खामियाजा भुगतने की धमकी दी है. ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लहानिया ने कहा है कि अगर इजरायली सरकार गाजा में फिलिस्तीनियों के नरसंहार को जारी रखेगी तो इसकी आग से अमेरिका भी नहीं बचेगा. 

उन्होंने कहा कि मैं अमेरिकी सरकार से कहना चाहता हूं जो फिलिस्तीन में नरसंहार की देखरेख कर रहे हैं. हम क्षेत्र में युद्ध नहीं चाहते लेकिन अगर गाजा में नरसंहार जारी रहा तो अमेरिका भी इस आग से नहीं बचेगा. अमेरिका शांति और सुरक्षा के लिए काम करें ना कि लोगों को जंग की आग में झोंकने के लिए. 

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अमेरिका से निपटने के लिए ईरान की मिलिट्री ड्रिल

ईरानी सेना की ग्राउंड फोर्स ने मध्य इस्फहान प्रांत में दो दिवसीय सैन्य ड्रिल शुरू की है. इस ड्रिल में थलसेना की इन्फेंट्री, बख्ताबंद वाहन, मिसाइल, आर्टिलरी, ड्रोन शामिल हैं. इस ड्रिल के दौरान सेना की यूनिट्स अपने हथियारों और उपकरणों की क्षमताओं का आकलन करेंगी. 

कहा जा रहा है कि यह ड्रिल अमेरिका की किसी तरह की हरकत पर उसे मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भी की जा रही है.

सीरिया पर अमेरिका की एयरस्ट्राइक 

हमास और इजरायल में जारी जंग के बीच अमेरिका ने पूर्वी सीरिया पर हमला किया. आतंकवादियों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करते हुए अमेरिका ने यहां जबरदस्त बमबारी की. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आतंकी अमेरिकी ठिकानों पर हमले कर रहे थे और हमने आत्मरक्षा के लिए हमला किया. अमेरिका के मुताबिक, ईरान की शह पर ये आतंकी हमले हो रहे थे.

पूर्वी सीरिया में जहां हमला हुआ है वहं से आतंकी ऑपरेट कर रहे थे. ईरान की शह पर वहां से अमेरिकी सैन्य अड्डों पर आतंकी हमले किए गए इसलिए हमने आत्मरक्षा के लिए पलटवार किया है. 

इजरायली बंधकों की रिहाई पर ईरान का स्वैप ऑफर

इस जंग के बीच इजरायल ने हमास से अपने 229 बंधक छोड़ने को कहा था, जिसके बाद ईरान ने कहा है कि पहले इजरायल 5000 फिलिस्तीनी नागरिकों को रिहा करे उसके बाद ही हमास उनके बंधकों को रिहा करेगा.

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मिस्र पर दागी गईं मिसाइलें

इजरायली सीमा के पास मिस्र के रेड सी (लाल सागर) रिसॉर्ट शहर ताबा पर मिसाइल दागे गए. इसके बाद मिस्र के शहर नुवेइबा में भी रॉकेट दागे गए. लेकिन अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह हमला किसने किया है. 

हमास नेताओं से रूस सरकार की मुलाकातें खतरे की घंटी

इजरायल और हमास जंग के बीच पूरी दुनिया दो खेमों में बंट चुकी है. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देश जहां इजरायल का समर्थन कर रहे हैं. वही रूस का झुकाव फिलिस्तीन की तरफ है. रूस सरकार के कई अधिकारी काफी समय से हमास के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. रूस ने गाजा नरसंहार पर आवाज भी उठाई है. लेकिन फिलिस्तीन के समर्थन में हुंकार भर रहे रूस के इस कदम पर अमेरिका ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि हमास का समर्थन करना ठीक नहीं है. 

दक्षिन चीन सागर में अमेरिका और चीन के विमान बाल-बाल बचे

ताइवान विवाद को लेकर चीन और अमेरिका की तनातनी किसी से छिपी हुई नहीं है. इस बीच अमेरिका ने दावा किया है कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में रूटीन ऑपरेशन कर रहे अमेरिकी वायुसेना के B-52 विमान को गलत तरीके से रोकने की कोशिश की.

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि चीन के J-11 विमान के पायलट ने 24 अक्टूबर को अमेरिकी वायुसेना के विमान को गैरपेशेवर तरीके से रोकने की कोशिश की थी. चीन के विमान की रफ्तार बहुत तेज थी. एक समय पर दोनों विमानों के बीच की दूसरी महज 10 फीट थी, जिससे विमानों के टकराने का खतरा बन गया था. अमेरिका का आरोप है कि चीन का यह विमान उड़ा रहा पायलट बेहद असुरक्षित और गैर पेशेवर तरीके से अमेरिकी विमान के बेहद नजदीक पहुंचा और उसका रास्ता रोकने की कोशिश की. दोनों विमानों के बीच में दूरी इतनी कम थी कि विमानों के बीच टक्कर होते बची. इससे युद्ध में नए मोर्चे की आशंका को बल मिलता है. 

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पश्चिमी देशों पर भड़का तुर्की

गाजा पर हमले को लेकर तुर्की पूरी तरह से इजरायल और पश्चिमी देशों पर भड़का हुआ है. तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन का कहना है कि गाजा में इतनी मौतों पर भी पश्चिमी देश आंख मूंदकर बैठे हैं क्योंकि गाजा में मुस्लिमों का खून बह रहा है.

तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने कहा कि हमास एक आतंकवादी संगठन नहीं, बल्कि एक मुक्ति समूह है जो अपनी जमीन की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहा है. एर्दोगन ने कहा कि हमास देशभक्त संगठन है. जो अपने क्षेत्रों और लोगों की रक्षा करता है. देश की संसद में अपनी पार्टी के सांसदों को संबोधित करते एर्दोगन ने कहा कि वे योद्धा (मुजाहिद) हैं, हम इजराइल के ऋणी नहीं हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं इजराइल नहीं जाऊंगा.

तेल अवीव पर हमास के हवाई हमले

इजरायल के तेल अवीव में हमास के रॉकेट अटैक अब भी जारी हैं.  हमास के आतंकवादियों ने इजरायल पर रॉकेट दागे हैं. हमास ने तेल अवीव शहर को निशाना बनाते हुए एक के बाद एक कुल तीन रॉकेट दागे. बताया जा रहा है की हमास ने इजरायल के एयर स्ट्राइक का बदला लेते हुए यह कार्रवाई की है. 

बता दें कि इजरायल की सेना गाजा में हमास की आतंकी सुरंगों को तबाह करने में जुटा है. इजरायल ने आतंक की मिलिट्री ऑब्जर्वेशन पोस्ट को खत्म कर दिया है. लेकिन तीन हफ्ते से जारी हमलों के बीच अब महायुद्ध की आशंका इसलिए बढ़ने लगी है क्योंकि इजरायली सेना ने दो दिन में लगातार दूसरी बार गाजा में एक सीमित जमीनी हमला किया है. अगर इजरायल के आक्रामक तेवर ऐसे ही रहे तो ईरान, सीरिया समेत दूसरे देश सीधे तौर पर युद्ध में उतर सकते हैं. 

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नेतन्याहू बनाम जनरल हुसैन सालामी

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और ईरान के कमांडर इन चीफ जनरल हुसैन सालामी ने आर-पार का मन बना लिया है. नेतन्याहू कई बार कह चुके हैं कि उनकी सेना हमास को जड़ से खत्म करने तक चैन से नहीं बैठेगी. सात अक्टूबर को इजरायल के किबुत्ज में नोवा म्यूजिक फेस्टिवल के दौरान हमास के कत्लेआम के बाद से चली आ रही यह जंग अब बेहद भयावह मोड़ तक पहुंच गई है. नेतन्याहू ने हमास को खत्म करने की कमस खा ली है तो ईरान के कमांडर इन चीफ ने इजरायल को सबक सिखाने का मन बना लिया है. वह भी कई बार कह चुके हैं कि इजरायल ने गाजा में जो नरसंहार किया है, उसकी कीमत इजरायल को हर कीमत पर चुकानी पड़ेगी.

बता दें कि गाजा में 22 दिन के भीतर ही इजरायल की तरफ से 16,000 से ज्यादा बम गिराए जा चुके हैं. इजरायल में डेढ़ लाख लोग सात अक्टूबर के बाद से अब तक गन लाइसेंस लेने की अर्जी दे चुके हैं. इजरायल के बंदूक चलाने की ट्रेनिंग देने वाले सेंटर और बंदूकी लाइसेंस देने वाले विभाग दोनों ही जगह कर्मचारियों को ओवरटाइम करना पड़ रहा है. दरअसल इजरायल के ज्यादातर लोग हमास के आतंकियों के खिलाफ या तो लड़ना चाहते हैं या फिर हमास का सात अक्टूबर वाला आतंक याद करके अपनी सुरक्षा खुद करना चाहते हैं. 

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कैसी शुरू हुई जंग?

इजरायल और हमास के बीच युद्ध का शनिवार को 22वां दिन है. बीते सात अक्टूबर को फिलिस्तीनी आर्म्स ग्रुप हमास ने गाजा पट्टी से रॉकेट हमलों की झड़ी लगा दी थी. ये हमले इजरायल पर किए गए थे. हमास ने हमलों की जिम्मेदारी ली और इसे इजरायल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बताया. हमास ने गाजा पट्टी से करीब 20 मिनट में 5,000 रॉकेट दागे थे. इतना ही नहीं, इजरायल में घुसपैठ की और कुछ सैन्य वाहनों पर कब्जा कर लिया था. इस जंग में दोनों ओर से सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई है. 

इजरायल की तरफ से गाजा पट्टी पर लगातार बमबाजी की जा रही है. वहीं, फिलिस्तीन में हमास के लड़ाके भी शांत नहीं पड़े हैं. वो इजरायल पर अभी भी तीन मोर्चे से अटैक कर रहे हैं. लेबनान, समंदर से सटे इलाके और इजिप्ट से सटे साउथ गाजा से रॉकेट और मिसाइलें दागी जा रही हैं.

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ब्यूरो रिपोर्ट
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