इजरायल और फिलिस्तीन के बीच सात अक्टूबर को शुरू हुई जंग भयावह रूप ले चुकी है. इजरायल पर हमास के हमले के बाद शुरू हुई यह जंग अब बेहद आक्रामक होती जा रही है. इजरायल आतंकी संगठन हमास की हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. इजरायल के लड़ाकू विमान गाजा पट्टी में लगातार हमास के ठिकानों पर बम बरसा रहे हैं. ऐसे में फिलिस्तीन ने इस स्थिति के लिए पूरी तरह से इजरायल को कटघरे में खड़ा किया है.
फिलिस्तीन के राजनीतिक दल Palestinian National Initiative के महासचिव मुस्तफा बरगती (Mustafa Barghouti) का कहना है कि इस स्थिति का संदर्भ समझना बहुत जरूरी है. इसका संदर्भ यह है कि 75 सालों के जातीय नरसंहार में फिलिस्तीनियों को विस्थापित होना पड़ा है. हम 1967 से इजरायल की सेना के कब्जे में हैं और इजरायल से फिलिस्तीनियों की आजादी का कोई परिपेक्ष्य ही नहीं है.
उन्होंने कहा कि बीते साल इजरायल ने वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों पर हमले किए थे, जिसमें 40 बच्चों सहित 248 फिलिस्तीन मारे गए थे. इस बीच इजरायली सेना ने अल अक्सा मस्जिद सहित मुस्लिमों और ईसाई स्थानों पर हमले किए थे.
कौन सा नक्शा लेकर UN पहुंचे थे नेतन्याहू?
बरगती ने कहा कि नेतन्याहू दो हफ्ते पहले संयुक्त राष्ट्र में इजरायल का मैप लेकर पहुंच थे, जिसमें वेस्ट बैंक से लेकर गाजापट्टी और येरूसलम और गोलान हाइट्स को इजरायली सीमा में दिखाया गया था. नेतन्याहू ने पूरी दुनिया को चुनौती दी थी कि वह इन इलाकों को अपने में मिलाने जा रहे हैं. इजरालय की मौजूदा सरकार उसके इतिहास की सबसे चरमपंथी सरकार है.
उन्होंने कहा कि हमास समझ गया है कि हम आज जिसका सामना कर रहे हैं, उससे समाधान संभव नहीं है. इजरायली नरसंहार को रोकने का कोई परिप्रेक्ष्य नहीं है.
बता दें कि इजरायल और हमास आतंकियों के बीच भीषण जंग छिड़ी हुई है. दोनों ओर से हमले जारी हैं. इस जंग की शुरुआत हमास के आतंकियों ने की थी, जिसके बाद इजरायल ने जबरदस्त पलटवार किया. इजरायल ने हमास आतंकियों के कई ठिकानों को तबाह कर दिया.
आतंकी संगठन हमास ने गाजा पट्टी से शनिवार को इजरायल पर अचानक हजारों रॉकेट दाग दिए थे. इसके अलावा हमास के आतंकियों ने हवा, जमीन और समुद्री सीमा से घुसकर आम नागरिकों पर हमला किया था. हमास के इन हमलों में करीब 700 नागरिक मारे गए हैं. इन हमलों में चार अमेरिकी नागरिकों की भी मौत हो गई. व्हाइट हाउस ने कहा, इन हमलों में कई अमेरिकी नागरिक मारे गए हैं. ऐसे में अमेरिका ने इजरायल को समर्थन देते हुए कई बड़े कदम उठाए हैं. साथ ही अन्य देशों को इस संघर्ष से दूर रहने की चेतावनी दी है.