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गाजा में तबाही का नया दौर... जमीन से आसमान तक IDF के ताबड़तोड़ हमले, धमाके में 20 लोगों की मौत

गाजा में इजरायली सेना ने अपने सैन्य अभियान का दायरा और तेज कर दिया है. इस बार वे इलाके भी निशाने बने हैं, जो अब तक युद्ध की सीधी लपटों से बचे हुए थे. रविवार को इजरायली डिफेंस फोर्स ने गाजा के दीर अल बलाह शहर के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में जमीनी और हवाई कार्रवाई को अंजाम दिया.

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गाजा में इजरायली सेना ने अपने सैन्य अभियान का दायरा और तेज कर दिया. (Photo: Reuters)
गाजा में इजरायली सेना ने अपने सैन्य अभियान का दायरा और तेज कर दिया. (Photo: Reuters)

गाजा में इजरायली सेना ने अपने सैन्य अभियान का दायरा और तेज कर दिया है. इस बार वे इलाके भी निशाने बने हैं, जो अब तक युद्ध की सीधी लपटों से बचे हुए थे. रविवार को इजरायली डिफेंस फोर्स ने गाजा के दीर अल बलाह शहर के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में जमीनी और हवाई कार्रवाई को अंजाम दिया. इन हमलों के दौरान कम से कम 20 फिलिस्तीनी लोग मारे गए हैं.

आईडीएफ का कहना है कि दीर अल बलाह क्षेत्र में कुछ इजरायली बंधकों की मौजूदगी की आशंका है. अनुमान है कि गाजा में अभी भी लगभग 50 बंधक बचे हैं. इनमें से कम से कम 20 के जीवित होने की संभावना है. इसके आधार पर इजरायली सेना ने एक के बाद एक कई बड़े हमले किए. लोगों का कहना है कि चेतावनी के बाद भी इलाके से ज्यादातर लोग बाहर नहीं जा पाए थे.

अभी वहां लोग बुरी तरह फंसे हुए हैं. इन हमलों के बाद गाजा में विस्थापन का सिलसिला और तेज हो गया है. हर रोज हजारों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं. वहीं, इजरायली बंधकों के परिवारों ने अपने प्रियजनों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई है. इजरायली सेना की इस कार्रवाई के दौरान सोमवार को गाजा पट्टी में कम से कम 20 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. 

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इससे पहले शनिवार और रविवार को जरूरी मानवीय सहायता का इंतजार कर रहे लोगों पर की गई गोलीबारी में कम से कम 103 लोगों की मौत हुई थी. यह हमला उस वक्त हुआ जब हजारों फिलीस्तीनी जकीम क्षेत्र में मानवीय राहत की उम्मीद में एकत्र हुए थे. यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के मुताबिक, उसकी 25 ट्रकों की सहायता काफिले को जैसे ही पहुंचे, अंधाधुंध गोलीबारी शुरू हो गई.

एक चश्मदीद फाथी अल-अजलाह ने बताया, "हम किसी को नहीं देख पा रहे थे, लेकिन अचानक गोलियां और गोलाबारी शुरू हो गई. महिलाएं और बच्चे जमीन पर पड़े थे. ऐसा लग रहा था जैसे क़यामत आ गई हो." एक अन्य गवाह मोहम्मद लबाद ने कहा, "लोगों की लाशें बिखरी पड़ी थीं. कोई उन्हें उठाने वाला नहीं था. चारों तरफ़ से गोलियां आ रही थीं. टैंक, स्नाइपर, वॉरशिप, हर दिशा से मौत बरस रही थी."

इस हमले में घायलों को अल-शिफा अस्पताल लाया गया, जो गाजा में बचा हुआ एकमात्र बड़ा अस्पताल है. हालांकि, इस अस्पताल की स्थिति भी अत्यंत दयनीय है. इजरायली हमलों में पहले ही अल-अहली अरब बैपटिस्ट हॉस्पिटल को तबाह कर दिया गया है, जिससे सभी घायल अब इसी एक केंद्र पर निर्भर हैं. शनिवार को भी एक राहत वितरण केंद्र पर हुए हमले में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. 

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