
रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन और मिसाइल हमला किया है. यह हमला 25 और 26 मई की रात हुआ. 25 मई से तीन रातों तक रिकॉर्ड तोड़ हमले हुए. पहले 25 मई को रूस ने 298 ड्रोन और 69 मिसाइलों से यूक्रेन के 13 इलाकों पर हमला किया जिसमें 14 लोग मारे गए और 70 घायल हो गए. इसके बाद 26 मई को 355 ड्रोन और 9 मिसाइलों से हमला हुआ. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने 26 मई को बताया कि रूस ने तीन दिनों में 900 से ज्यादा ड्रोन यूक्रेन पर दागे.
इस बड़े हमले ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को गुस्सा दिला दिया. उन्होंने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जमकर लताड़ा और कहा कि पुतिन 'पूरी तरह पागल' हो गए हैं. मंगलवार को ट्रंप ने लिखा, 'व्लादिमीर पुतिन को यह समझ नहीं आ रहा कि अगर मैं न होता, तो रूस के साथ बहुत सारी खराब चीजें हो चुकी होतीं और मैं सच में बहुत खराब चीजों की बात कर रहा हूं. वो आग से खेल रहा है!'
हालांकि, क्रेमलिन ने ट्रंप के बयान को हल्के में लिया और कहा कि ट्रंप और बाकी लोग शायद भावनाओं में बह गए हैं. लेकिन रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने ट्रंप को चेतावनी देते हुए कहा कि ट्रंप कह रहे हैं कि पुतिन 'आग से खेल रहे हैं' और रूस के साथ 'बहुत खराब चीजें' हो सकती हैं. मैं सिर्फ एक बहुत खराब चीज जानता हूं 'तीसरा विश्व युद्ध' उम्मीद है ट्रंप यह समझते होंगे!
ट्रंप की नाराजगी की वजह
ट्रंप की नाराजगी समझी जा सकती है. रूस और यूक्रेन के बीच शांति करवाना ट्रंप का एक बड़ा चुनावी वादा था. ट्रंप ने बार-बार कहा था कि वो सत्ता में आने के 24 घंटे के अंदर रूस-यूक्रेन जंग खत्म कर देंगे. मई 2023 में CNN टाउन हॉल में ट्रंप ने कहा था कि रूसी और यूक्रेनी लोग मर रहे हैं. मैं चाहता हूं कि वो मरना बंद करें. मैं यह 24 घंटे में कर दूंगा.
इससे पहले जनवरी 2025 में राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने तुरंत शांति वार्ता शुरू करवाई. उन्होंने जेलेंस्की और पुतिन दोनों से बात की और सीधे बातचीत की वकालत की. ट्रंप ने 30 दिन के नॉर्मल सीजफायर की पेशकश की ताकि बड़ी वार्ता की शुरुआत हो सके. लेकिन उनकी कोशिशें नाकाम रहीं. उल्टा, रूस के हमले और तेज हो गए.
यूक्रेन पर रूस के हमले: देखें आंकड़े

आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डेटा के मुताबिक हाल के बड़े हमलों से पहले यानी 20 अप्रैल से 16 मई के बीच यूक्रेन में 4,126 हिंसक घटनाएं हुईं. इनमें 297 घटनाएं आम लोगों पर हमले की थीं जिनमें कम से कम 108 लोगों की मौत हुई. इस दौरान रूस ने 80 से ज्यादा लंबी दूरी की मिसाइलें और ड्रोन से हमला किया. रूसी सेना ने डोनेट्स्क, खार्किव और सूमी इलाकों में काफी बढ़त भी हासिल की.
पुतिन क्यों नहीं मान रहे?
पुतिन का जिद्दी रवैया शायद ट्रंप के उस तीखे बर्ताव से आया जो उन्होंने फरवरी में जेलेंस्की के व्हाइट हाउस दौरे के दौरान दिखाया था. पुतिन ने सीधी शांति वार्ता से इनकार कर दिया और तुर्की में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा जिसे जेलेंस्की ने 'बहुत निचले स्तर का' बताया. कई दिनों की उलझन के बाद यह साफ हुआ कि रूस बातचीत के मूड में नहीं है.
इस्तांबुल में हुई बातचीत, लेकिन नहीं निकला नतीजा
तीन साल बाद रूस और यूक्रेन के बीच पहली सीधी बातचीत 16 मई 2025 को इस्तांबुल में हुई. इस वार्ता में 1,000 लोगों की कैदियों की अदला-बदली हुई जो एक बड़ी कामयाबी थी. लेकिन, यूक्रेन का मुख्य मकसद पूरी तरह और बिना शर्त सीजफायर था जो पूरा नहीं हुआ. यूक्रेन ने 30 दिन के बिना शर्त सीजफायर और जेलेंस्की-पुतिन की सीधी मुलाकात का प्रस्ताव रखा लेकिन रूस ने इसे ठुकरा दिया. रूस ने कहा कि पहले यूक्रेन को विवादित इलाकों से अपनी सेना हटानी होगी, तभी सीजफायर पर बात होगी.