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फर्जी GPS सिग्नल भेजकर विमानों को भटकाया, ईरान के आसमान में 15 दिन में 20 ऐसी घटनाएं

फर्जी जीपीएस सिग्नल के चलते 15 दिन में 20 विमान भटक गए. इसके बाद पायलटों को अपनी लोकेशन ATC से पूछनी पड़ी. बताया जा रहा है कि पहली बार इस तरह से पैसेंजर फ्लाइट को फर्जी सिग्नल के सहारे भटकाया गया हो. फर्जी जीपीएस सिग्नल के चलते जो विमान भटके उनमें बोइंग 777,737 और 747 शामिल हैं.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

ईरान में एयरलाइन से जुड़ी हैरान करने वाली खबर सामने आई है. ईरान एयरस्पेस ने पिछले 15 दिनों में 20 एयरलाइन्स और जेट्स को फर्जी जीपीएस सिग्नल दिया. ये सिग्नल ज़मीन से भेजे गए थे और विमान के नेविगेशन सिस्टम में घुसपैठ करने, जीपीएस सिग्नलों को ओवरराइड करने और विमान को भटकाने के लिए काफी थे. 

फर्जी जीपीएस सिग्नल के चलते विमान भटक गए. इसके बाद पायलटों को अपनी लोकेशन ATC से पूछनी पड़ी. बताया जा रहा है कि पहली बार इस तरह से पैसेंजर फ्लाइट को फर्जी सिग्नल के सहारे भटकाया गया हो. फर्जी जीपीएस सिग्नल के चलते जो विमान भटके उनमें बोइंग 777,737 और 747 शामिल हैं. एयर इंडिया, इंडिगो और विस्तारा सैन फ्रांसिस्को, इस्तांबुल, बाकू और लंदन जाने के लिए इस उड़ान क्षेत्र का इस्तेमाल करते हैं. 

फ्लाइट डेटा इंटेलिजेंस क्राउडसोर्सिंग वेबसाइट चलाने वाले ऑप्स ग्रुप के मुताबिक, अधिकांश जीपीएस स्पूफिंग ईरान के हवाई क्षेत्र में UM 688 में हुई. जीपीएस सिग्नल स्पूफिंग एक मैनिपुलेटेड सैटेलाइट सिग्नल से सही सैटेलाइट सिग्नल को बदलना है. 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 दिन में करीब 20 एयरलाइन्स को फर्जी एयरलाइन्स के सहारे भटकाया गया. एक विमान को तो बगदाद ATC से संपर्क कर पूछना पड़ा कि हम कहां हैं और समय क्या है? अमेरिकी नागरिक उड्डयन नियामक ने इराक और अजरबैजान में संभावित स्पूफिंग गतिविधियों की चेतावनी भी जारी की है. 

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