अमेरिका और ईरान के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. अमेरिका ने ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मारा तो दो दिन बाद ही अमेरिकी दूतावास पर हमला हो गया. डोनाल्ड ट्रंप के शक की सूई ईरान पर ही गई. अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को टारगेट 52 वाली धमकी दे रहे हैं.
Mohsin Jawadi, Iran Minister on US airstrike: We condemn it. Any such incident anywhere across globe must be condemned. We have been getting threats from US since years, we are facing it. We don't have enmity with anyone, but if someone acts against us, we know how to respond pic.twitter.com/ZnRVt5k0h9
— ANI (@ANI) January 5, 2020
वहीं ईरान के मंत्री मोहसिन जवादी ने अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा, दुनिया भर में कहीं भी ऐसी घटना हो तो उसकी निंदा की जानी चाहिए. ईरान के मंत्री ने कहा कि अमेरिका की ओर से हमें कई सालों से ऐसी धमकियां मिल रही हैं. हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है लेकिन हमारे साथ जो जैसा करता है हम उसे ऐसा ही जवाब देते हैं.
अमेरिका में युद्ध विरोधी प्रदर्शन
उधर, अमेरिका द्वारा बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के निकट किए गए हवाई हमले के बाद न्यूयॉर्क में टाइम स्क्वेयर पर सैकड़ों की संख्या में युद्ध विरोधी प्रदर्शनकारी जमा हुए. अमेरिकी हमले में ईरान के कमांडर की मौत हो गई थी और ईरान ने अब जवाबी कार्रवाई का प्रण लिया है.
प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थीं, जिनपर लिखा था, "'रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, मानवीय जरूरतें, न कि अंतहीन युद्ध' और ईरान के खिलाफ कोई युद्ध/प्रतिबंध नहीं'."
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे थे, "न्याय नहीं, शांति नहीं. अमेरिका मध्य पूर्व से जाओ, और ईरान से युद्ध नहीं." ब्रुकलिन में शुक्रवार रात अमेरिकी सीनेटर चुक शमर के अपार्टमेंट के बाहर एक रैली होने के कुछ ही घंटों बाद यह प्रदर्शन शुरू हो गया.
कई युद्ध विरोधी संगठनों ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स के कुद्स फोर्स के कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या की निंदा करने के लिए रैली आयोजित करने में मदद की.