भारत ने भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम में चीन की मध्यस्थता के दावे को खारिज किया है. चीन ने कहा था कि इस साल मई में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में उसने मध्यस्थता की. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन ने इस साल जिन मुद्दों पर मध्यस्थता की, उनमें भारत-पाकिस्तान का युद्ध भी शामिल था.
लेकिन चीन के इस दावे को भारत के सरकारी सूत्रों ने सिरे से खारिज किया है. सूत्रों ने बताया कि भारत इस तरह के दावों को पहले ही खारिज कर चुका है और कई मौकों पर अपना रुख स्पष्ट कर चुका है.
सूत्रों के मुताबिक, 'हम पहले ही ऐसे दावों का खंडन कर चुके हैं. हमारा रुख बार-बार साफ किया गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के बीच सीधे बातचीत से तय हुआ था. इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी.'
19 सितंबर 2025 को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इसी तरह की बात दोहराई थी. उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दों में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है और भारत इस रुख पर पहले भी स्पष्ट रहा है और आगे भी रहेगा.
चीन की तरफ से भारत-पाकिस्तान युद्ध में मध्यस्थता का बेबुनियाद दावा मंगलवार को किया गया. बीजिंग में 'अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों और चीन के विदेश संबंधों' पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, 'इस साल दूसरे विश्व युद्ध के बाद से किसी भी समय की तुलना में सीमा पार संघर्ष ज्यादा बार हुए हैं. भू-राजनीतिक उथल-पुथल फैलती रही. लंबे समय तक चलने वाली शांति के लिए हमने एक निष्पक्ष और सही रुख अपनाया है.'
वांग ने आगे कहा, 'विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए इस हमने निष्पक्ष और सही रुख अपनाते हुए उत्तरी म्यांमार, ईरानी परमाणु मद्दे, पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव, फिलिस्तीन और इजरायल के बीच मुद्दों और कंबोडिया-थाईलैंड के बीच हालिया संघर्षों में मध्यस्थता की.'
भारत और पाकिस्तान के बीच मई में चार दिनों का युद्ध हुआ था जिसकी वजह भारत में पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियां थी. 22 अप्रैल को पाकिस्तान स्पॉन्सर आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में हमला कर दिया. हमले में 26 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए.
इस हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार बताया. 7 मई को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकियों और उनके ठिकानों को निशाना बनाया. भारत ने इस ऑपरेशन को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया जिसमें पाकिस्तान स्थित सैकड़ों आतंकी मारे गए. भारतीय हमले के जवाब में पाकिस्तान ने भी पलटवार किया और चीनी हथियारों के दम पर भारत पर हमले किए.
इस लड़ाई में भारत के एयर डिफेंस सिस्टम (रूसी मूल के S-400 मिसाइल सिस्टम) ने पाकिस्तान के लगभग सभी हमलों को नाकाम कर दिया. उधर, पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम बुरी तरह नाकाम रहा और उसे भारी नुकसान हुआ.
चार दिनों बाद भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम हुआ. इसे लेकर भारत की तरफ से कहा गया कि संघर्षविराम दोनों देशों के DGMOs के बीच बातचीत की वजह से हुआ न कि किसी तीसरे पक्ष की दखलंदाजी से. हालांकि, संघर्षविराम को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दावा करते हैं कि ये उन्होंने करवाया. भारत ट्रंप के दावे को खारिज करता आया है.