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खालिस्तानी संगठन ने दी 26 जनवरी पर तिरंगा जलाने की धमकी

अमेरिका में एक भारत विरोधी संगठन ने तिरंगा झंडा जलाने की धमकी दी है. खालिस्तान समर्थक इस संगठन ने कहा है कि 26 जनवरी को वह भारतीय दूतावास के सामने तिरंगा झंडा जलाएगा. दुखद यह है कि अमेरिकी कानून के मुताबिक इस तरह के आयोजन पर रोक भी नहीं लगाई जा सकती.

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अमेरिका में भारतीय दूतावास के सामने प्रदर्शन की मिली है चेतावनी
अमेरिका में भारतीय दूतावास के सामने प्रदर्शन की मिली है चेतावनी

अमेरिका में एक खालिस्तान समर्थक संगठन ने 'भारतीय झंडा जलाने' की चेतावनी दी है. इस संगठन ने कहा है कि वह गणतंत्र दिवस के अवसर पर वाशिंगटन डीसी स्थ‍ित भारतीय दूतावास की इमारत के सामने विरोध स्वरूप यह झंडा जलाएगा. 'सिख फॉर जस्ट‍िस' नामक संगठन ने अपने तमाम समर्थकों को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का न्योता भी भेजा है.

दुखद यह है कि अमेरिकी कानून के मुताबिक इस तरह के आयोजन पर रोक भी नहीं लगाई जा सकती. संगठन ने अपने निमंत्रण में लोगों से यह अनुरोध किया है कि वे वाशिंगटन डीसी में मसाचुसेट्स एवेन्यू स्थ‍ित भारतीय दूतावास के सामने की पब्लिक पार्क में जमा होकर विरोध प्रदर्शन करें.

खालिस्तानी संगठन ने अपने बयान में कहा है, 'हम भारतीय संविधान के उस अनुच्छेद 25 (b) का विरोध करेंगे जिसमें सिखों को हिंदू बताया जाता है.'  गौरतलब है कि राष्ट्रीय ध्वज हम भारतीयों के लिए प्राणों से भी प्यारा है और भारत में राष्ट्र ध्वज जलाना आपराधिक कार्रवाई मानी जाती है. लेकिन अमेरिकी कानून के मुताबिक ऐसा करना अपराध नहीं है. अमेरिकी संविधान के 'पहले संशोधन' से ही विरोध प्रदर्शन करने वालों के राष्ट्रीय ध्वज जलाने या उसका असम्मान करने के 'अधिकारों' की भी रक्षा की गई है.

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इसी तरह अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने दो बार 1989 और 1990 में यह पुष्ट किया है कि अमेरिकी राष्ट्रीय ध्वज को अपमानित करने तक का अधिकार भी अभिव्यक्ति की एक तरह की स्वतंत्रता के तहत आता है. साल 1989 में टेक्सास बनाम जॉनसन केस में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिकी झंडे को अपमानित करने पर लगे प्रतिबंध को अवैध घोषित कर दिया था.

भारत सरकार ने कई बार अमेरिकी प्रशासन से वहां हो रहे भारत विरोधी प्रदर्शनों को रोकने की मांग की है, लेकिन हर बार अमेरिका से यही जवाब मिलता है कि ये सब अमेरिकी संविधान के तहत 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' के तहत आते हैं.

खालिस्तानी संगठन इस कानूनी राह का फायदा उठाते हुए भारत के 70वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत विरोधी प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं. भारत सरकार के सूत्र बताते हैं कि उन्होंने इस संगठन और इसको मिलने वाली फंडिंग के बारे में पहले ही कई देशों को जानकारी दी है और अपनी चिंता जताई है. यह खालिस्तानी संगठन पाकिस्तान की तरफदारी करते हुए कथित कश्मीर आंदोलन की वकालत करता है.

अमेरिकी प्रशासन ऐसे किसी प्रदर्शन पर रोक नहीं लगा सकता, चाहे वह भारतीय दूतावास के सामने ही क्यों न हो. लेकिन इस बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक बयान दिलचस्प है.

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राष्ट्रपति चुने जाने के बाद ही 29 नवंबर, 2018 को डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया था, 'किसी को भी अमेरिकी झंडा जलाने का अधिकार नहीं होना चाहिए, जो लोग ऐसा करते हैं, उन्हें इसकी सजा देनी चाहिए, उनकी नागरिकता छीन ली जाए या उन्हें एक साल के लिए जेल में डाल दिया जाए.!'  

लेकिन फिलहाल तो इस बारे में कोई कानून नहीं बन पाया है. अब भारतीय दूतावास प्रशासन की चिंता यही है कि गणतंत्र दिवस का समारोह वे बिना किसी व्यवधान के सकुशल निपटा लें.

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