पश्चिमी मोर्चे पर तैनात भारत की सेना पाकिस्तान से उसके मित्र देशों की तरफ से मिलने वाली ईंधन सप्लाई और वहां तैनात उसके युद्धपोतों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है. जिस समय पहलगाम में हमला हुआ, उस दौरान की रिपोर्टों से पता चला कि पाकिस्तान तेल की कमी का सामना कर रहा है और उसके पास तेल का सीमित भंडार हैं.
पहलगाम हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद, पाकिस्तान ने अपनी जरूरत के तेल के लिए अपने सहयोगी देशों से मदद मांगी. सूत्रों के मुताबिक, अरब सागर में तैनात भारत के निगरानी सिस्टम कराची और अन्य पाकिस्तानी बंदरगाहों को ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुओं की सप्लाई के जहाजों की आवाजाही पर कड़ी नजर रख रहे हैं.
भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी नौसेना और पाकिस्तान की दूसरी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए क्षेत्र में अपने पी-8आई और एमक्यू-9बी ड्रोन तैनात किए हैं. भारत के सैटेलाइट्स पाकिस्तान के दोस्त माने जाने वाले अन्य नौसेनाओं की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रख रहे हैं.
पहलगाम हमले के बाद बढ़ा है भारत-पाकिस्तान तनाव
22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में पर्यटकों को निशाना बनाकर एक आतंकवादी हमला हुआ जिसमें 26 लोग मारे गए और करीब 17 लोग घायल हुए. हमले में शामिल दो आतंकियों के तार पाकिस्तान से जुड़े जिसे देखते हुए भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए.
भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता निलंबित कर दिया जिससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है. भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक रिश्ते बेहद सीमित कर दिए हैं और हर तरह के व्यापार पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.
हमले के बाद अब पाकिस्तान को भारत के जवाबी हमले का डर सता रहा है. उसके मंत्री लगातार भारत के संभावित हमले की बात कर रहे हैं. सोमवार को ही पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी की भारत कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर किसी भी समय सैन्य हमला कर सकता है.
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'ऐसी खबरें हैं कि भारत LoC पर किसी भी जगह पर हमला कर सकता है. भारत के किसी भी हमले का माकूल जवाब दिया जाएगा.'
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनरो ने भी सोमवार को कहा कि वो अपने लोगों की रक्षा के लिए पूरी ताकत से जवाब देंगे.