दिल्ली और शांघाई के बीच करीब पांच साल बाद सीधी हवाई सेवाएं फिर शुरू हो गई हैं. रविवार को चीन ईस्टर्न एयरलाइंस की फ्लाइट MU564 ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से शाम 7:55 बजे उड़ान भरी और शनिवार सुबह 4:10 बजे शंघाई पहुंची. इस उड़ान की वापसी के साथ दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही और व्यावसायिक गतिविधियों में नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है.
दिल्ली-शंघाई मार्ग की यह उड़ान चीन ईस्टर्न एयरलाइंस द्वारा सप्ताह में तीन दिन बुधवार, शनिवार और रविवार को - एयरबस A330 विमान से संचालित की जाएगी. भारत में चीनी दूतावास और भारत के वाणिज्य दूतावास ने इसे "दोनों देशों के बीच नई कनेक्टिविटी का प्रतीक" बताया है.
एयरलाइंस और रूट
1. इंडिगो 26 अक्टूबर, 2025 से कोलकाता से गुआंगजू के लिए नॉन-स्टॉप उड़ानों के साथ सेवाएं फिर से शुरू करने वाली पहली भारतीय एयरलाइन थी. इसने 10 नवंबर, 2025 को दिल्ली से गुआंगजू सेवा भी शुरू की.
2. चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस ने 9 नवंबर, 2025 को शंघाई से दिल्ली के लिए अपनी उड़ानें फिर से शुरू कीं.
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शंघाई में भारत के वाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, "भारत उभरता हुआ ग्लोबल हब है, जहां लोगों के बीच संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं."
भारत-चीन में बढ़ेगा व्यापार
भारत के शंघाई में कॉन्सुल जनरल प्रतीक माथुर ने कहा कि "सीधी उड़ानों की बहाली भारत और पूर्वी चीन क्षेत्र के बीच लोगों और व्यापार को और करीब लाएगी. यह न सिर्फ कूटनीतिक, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्तों में भी नई ऊर्जा का संचार करेगी."
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पूर्वी चीन का यह इलाका - जिसमें शंघाई, हैंगझोउ, यीवू और क़ेचियाओ जैसे औद्योगिक और टेक हब शामिल हैं - भारत के लिए व्यापार और निवेश की बड़ी संभावनाएं रखता है. इसी क्रम में इंडिगो भी 10 नवंबर से दिल्ली-ग्वांगझो के बीच अपनी दैनिक उड़ान शुरू कर रही है.
पांच साल से बंद थी सीधी फ्लाइट
गौरतलब है कि भारत-चीन के बीच उड़ानें 2020 में कोविड महामारी और सीमा तनाव के चलते बंद कर दी गई थीं. पिछले वर्ष अक्टूबर में लद्दाख में सभी विवादित बिंदुओं से सैनिकों की वापसी के बाद दोनों देशों ने रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा और हवाई सेवाओं की बहाली शामिल है.