भारत-बांग्लादेश के संबंध नाजुक और तनावपूर्ण बने हुए हैं. इस बीच भारत में बांग्लादेश के हाई कमिश्नर रियाज हमीदुल्लाह को एक 'अर्जेंट कॉल' आया और वह रातो रात बांग्लादेश वापस चले गए. भारत-बांग्लादेश के बीच रिश्तों के लिहाज से यह एक अहम घटनाक्रम है. सवाल यह है कि इस 'अर्जेंट कॉल' में ऐसा क्या था कि हाई कमिश्नर रियाज हमीदुल्लाह रातोरात ढाका लौटना पड़ा.
बांग्लादेश के अखबार प्रथम आलो ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में हाल की स्थिति को देखते हुए नई दिल्ली में बांग्लादेश के हाई कमिश्नर एम रियाज हमीदुल्लाह को अर्जेंट बेसिस पर ढाका बुलाया गया है.
विदेश मंत्रालय के सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर इस अखबार को बताया कि हमीदुल्लाह सोमवार रात को बुलावे पर ढाका पहुंच गए हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, "उन्हें द्विपक्षीय संबंधों की हालिया स्थिति पर चर्चा के लिए ढाका बुलाया गया है."
बता दें कि भारत और बांग्लादेश के बीच हाल में रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं. कूटनीतिक टकराव का ये सिलसिला 2024 में शेख हसीना की सत्ता से बेदखली से ही शुरू हुआ है.
हाल ही बांग्लादेश में हिन्दू युवक दीपू दास को जलाकर मार दिया था. इसके बाद दोनों देशों के संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे. वहीं बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के नेता उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बांग्लादेश के कई संगठनों इस वारदात को लेकर भारत पर गुस्सा जाहिर किया था.
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18 दिसंबर को उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में कई स्थानों पर व्यापक प्रदर्शन हुए और तोड़ फोड़ हुई. कुछ कट्टरपंथी तत्वों ने चटगांव में
भारत के सहायक उच्चायोग पर हमला बोलने की कोशिश की. इसके जवाब में भारत ने मिशन में अपनी वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया. भारत ने बाद में बांग्लादेश के हाई कमीश्नर रियाज हमीदुल्लाह को तलब कर कई चरमपंथी तत्वों की ओर से ढाका में भारतीय मिशन के आसपास सुरक्षा स्थिति पैदा करने की योजनाओं पर गहरी चिंता जताई थी.
बांग्लादेश ने भी भारत पर खुन्नस निकालने में कोई कमी नहीं की.
बांग्लादेश ने भारत में मुस्लिम और ईसाइयों पर हमले को लेकर कथित तौर पर गहरी चिंता जताई. बांग्लादेश ने एक बयान में कहा कि पूरे भारत में अल्पसंख्यकों पर हुए इन कथित हमलों की जांच की मांग की थी और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने की भी मांग भी की थी.
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एसएम महबूबुल आलम ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों की स्थिति के बारे में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की हालिया टिप्पणियों को भ्रामक बताया. एसएम महबूबुल आलम ने भारत के अलग अलग पक्षों से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक मुद्दों पर भ्रामक बातें फैलाने से बचने का भी आग्रह किया.