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अविश्वास प्रस्ताव से बचे, लेकिन पाकिस्तान के 'कप्तान' नहीं रहे इमरान खान, अब क्या होगा?

पाकिस्तान की सियासत में एक और बड़ा उलटफेर सामने आया है. कैबिनेट सचिवालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर इमरान को पीएम पद से हटा दिया है.

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इमरान खान (फाइल फोटो)
इमरान खान (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पाकिस्तान में 90 दिन में चुनाव का ऐलान
  • बहुमत के लिए 172 का समर्थन चाहिए

इस वक्त पाकिस्तान के इस्लामाबाद से बड़ी खबर आ रही है. बता दें कि इमरान खान को पाकिस्तान कैबिनेट सचिवालय ने तत्काल प्रभाव से प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.

जानकारी के मुताबिक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति की ओर से नेशनल असेंबली भंग कर दी थी. वहीं, इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने खारिज कर दिया था. इसके बाद इमरान खान सत्ता से बेदखल करने के विपक्ष के प्रयास से बच गए थे.

बता दें कि डिप्टी स्पीकर द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के बाद विपक्ष ने इसे "असंवैधानिक" बताया था. वहीं नेशनल असेंबली भंग होने के खिलाफ विपक्ष ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

इसके बाद पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने रविवार को नेशनल असेंबली को भंग करने पर विपक्ष की याचिका पर सुनवाई शुरू की. पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कहा कि नेशनल असेंबली भंग होने के संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के सभी आदेश और कार्य अदालत के आदेश के अधीन होंगे.

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इमरान के पास 142 सदस्यों का समर्थन

बता दें कि नेशनल एसेंबली में 342 सदस्य हैं. बहुमत के लिए 172 का समर्थन चाहिए. इमरान खान के पास 142 सदस्यों का समर्थन है. वहीं विरोधियों के पास 199 सदस्यों का समर्थन है. बता दें कि सूचना मंत्रालय की ओर से आदेश जारी किया गया है कि पाकिस्तान में 90 दिन के भीतर चुनाव होंगे.

डिप्टी स्पीकर ने ये कहा 

नेशनल असेंबली का सत्र शुरू होते ही डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव कानून के मुताबिक होना जरूरी है. किसी विदेशी मुल्क को यह हक नहीं है कि वह साजिश के तहत पाकिस्तान की सरकार गिरा दे. कानून मंत्री ने बिल्कुल सही मसला उठाया है, अविश्वास प्रस्ताव नियमों के खिलाफ लाया गया है. इसलिए अविश्वास प्रस्ताव खारिज किया जाता है.

अविश्वास प्रस्ताव संविधान के अनुच्छेद 5 के खिलाफ


पाकिस्तान नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होते ही इमरान सरकार के मंत्री चौधरी फवाद ने अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार का पक्ष रखा. लेकिन डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव संविधान के अनुच्छेद 5 के खिलाफ है और इसे खारिज किया जाता है. कासिम सूरी ने कहा कि किसी भी बाहरी ताकत को पाकिस्तान में दखल देने का हक नहीं है. 

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असेंबली भंग होने पर विपक्ष ने ये कहा

नेशनल असेंबली के अप्रत्याशित घटनाक्रम पर विपक्ष आग बबूला है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता शाहबाज शरीफ ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में डिप्टी स्पीकर के फैसले और प्रधानमंत्री द्वारा संसद को भंग करने की सलाह को चुनौती देने जा रहे हैं.  पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने कहा कि इमरान खान ने जो किया है वह कानून के खिलाफ है. हम अपने वकीलों के पास जा रहे हैं. स्पीकर ने अलोकतांत्रिक कार्य भी किया है. इस कदम से इमरान खान ने खुद को बेनकाब किया है. जब तक यह फैसला वापस नहीं लिया जाता तब तक हम नेशनल असेंबली के अंदर मौजूद रहेंगे. वह हार देखकर अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ भाग रहे हैं. 

संसद के पास बढ़ाई गई सुरक्षा 

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली भंग करने के बाद सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई थी. पाकिस्तान रेंजर्स और फ्रंटियर कॉर्प्स सहित पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 6,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती संसद भवन और रेड जोन आवास के आसपास की गई थी.

 

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