पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान को सभी मामलों से जमानत मिल गई है. अब ताजा जानकारी के अनुसार, वह कोर्ट से आज अपने घर बानी गाला जा सकते हैं. इमरान खान को 17 मई तक के लिए राहत मिली है. यानी तब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती है. इस्लामाबाद हाईकोर्ट शुक्रवार शाम को जब यह फैसला कर रही थी, उस दौरान कोर्ट के बाहर इस्लामाबाद और पंजाब पुलिस दोनों मौजूद थीं. यहां दोनों के बीच बहस भी हुई थी कि पूर्व पीएम को कौन गिरफ्तार करेगा. हालांकि सभी मामलों में जमानत मिलने के बाद इस सवाल का वजूद ही नहीं रह गया.
पढ़ें खबर से संबंधित Live Updates:
8:56 - 10 लाख रुपये के निजी मुचलके पर इमरान को जमानत
06: 59 - पाकिस्तान में इमरजेंसी नहीं लगेगी
5:53 - किसी भी मामले में सोमवार तक गिरफ्तारी नहीं
5:47 - दो जजों की बेंच के सामने सुनवाई शुरू
5:39 - वकार चौहान नए डीजी, NAB बनाए गए
5: 38 - पाकिस्तान में डीजी, NAB को हटाया
5:37 - इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने दो जजों की बेंच गठित की
5: 32 - लाहौर के तीन मामलों की सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच गठित
5:25 - लाहौर के 4 केस में से एक में इमरान को मिली जमानत
5:16 - इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान खान की सुरक्षा के आदेश दिए
5ः05 - इमरान खान आज अपने घर बनी गाला जा सकते हैं.
4:52 - कोर्ट- 4 में हो रही सुनवाई टली
4:49 - कोर्ट-4 में चार और मामले की होगी सुनवाई
4: 41 - कोर्ट नं.- 4 में सुनवाई के लिए जा रहे हैं इमरान खान
4: 35 - PTI की कार्यकर्ताओं से अपील- विरोध-प्रदर्शन जारी रखें
4: 32: पाकिस्तान में तीन दिन में हालात होंगे काबू- सनाउल्लाह
4: 26 - सनाउल्लाह बोले- पाकिस्तान में इमरजेंसी जैसे हालात नहीं
4: 25 - पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह बोले- इमरान के इशारे पर हिंसा हुई
4: 22 - 17 मई तक इमरान खान की गिरफ्तारी नहीं
4: 18 - इमरान खान को बड़ी राहत, सभी केस में मिली जमानत
4ः 12 - पंजाब पुलिस वारंट लेकर कोर्ट के बाहर पहुंची थी
4:11 - कोर्ट के बाहर भिड़ी इस्लामाबाद और पंजाब पुलिस
4:07 - शाम साढ़े चार बजे कैबिनेट की मीटिंग दोबारा बुलाई गई
4:02 - पीएम शाहबाज से इमरजेंसी लगाने की सिफारिश कैबिनेट ने की
4:01 - पाकिस्तान में इमरजेंसी की सिफारिश की गई
4:00 - कोर्ट नं.-2 के बाहर पाकिस्तानी रेंजर्स तैनात
3:39 - हाईकोर्ट ने पूर्व पाकिस्तानी पीएम को 2 हफ्ते के लिए जमानत दी है.
3:38 - अलकादिर ट्रस्ट केस में इमरान खान को मिली जमानत, इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने दी जमानत
शहबाज बोले- क्या वो कश्मीर बेचने के दस्तावेज थे
इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान खान पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि 10 मामलों में उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी है. उन्होंने कहा, ' 9 मई का दिन देश के लिए शर्मनाक दिन था. देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है और देश को अस्थिर करने की कोशिश की गई. अल कादिर ट्रस्ट का मामला 60 अरब के घोटाले का मामला है. पता नहीं वो कौन से दस्तावेज थे जो लिफाफे में बंद थे, क्या पता वो कश्मीर को बेचने के दस्तावेज थे? सुप्रीम कोर्ट इमरान के लिए ढाल बना.'
इस बात की पूरी संभावना थी कि 9 मई को हुए दंगे के मामले में पंजाब पुलिस उन्हें आज गिरफ्तार कर सकती है. जिस कोर्टरूम में यह सुनवाई हो रही है वो काफी छोटा कमरा है और वहां केवल चुनिंदा लोगों को ही जाने की इजाजत है. इस बीच पाकिस्तानी सेना ने लाहौर के कोर कमांडर सलमान फैय्याज को उनके पद से हटा दिया है. इमरान खान के समर्थकों ने कोर कमांडर के घर पर हमला कर चोरी की थी.
इमरान खान की गिरफ्तारी के लिए पंजाब पुलिस पहले इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर मौजूद है. डीआईजी पंजाब ने कहा है कि वह इमरान खान के खिलाफ कम से कम 10 मामलों में गिरफ्तार करने के लिए वहां आए हैं और उनके पास गिरफ्तारी वारंट है. इमरान खान पर देशभर में इस समय कुल 121 मामले हैं. इमरान ने कोर्ट से अपील की है कि उनके खिलाफ जो भी मामले दर्ज हुए हैं उनकी कॉपी उन्हें दी जाए. इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों की वजह से काफी नुकसान हुआ था जिसके बाद इस समय आधे पाकिस्तान में धारा 144 लागू है और कई जगह पर इंटरनेट सेवाओं को भी बंद किया गया है. गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए रिहा करने का आदेश दिया था. आज हाई कोर्ट में कोर्ट नंबर 3 में यह सुनवाई हो रही है.
हाईकोर्ट परिसर के बाहर पुलिस और पाकिस्तानी सेना के अधिकारी तैनात हैं और कोर्ट के गेट के सामने कंटीले तारों की बाढ़ लगाई है. कोर्ट के बाहर इमरान खान के समर्थकों और पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई है. हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए एक स्पेशल बेंच बनाई है जिसमें तीन जज शामिल हैं.
जब तक इस्लामाबाद हाईकोर्ट अल कादिर ट्रस्ट मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला नहीं देता तब तक इमरान खान सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकते हैं, इसीलिए इमरान खान हाईकोर्ट पहुंचे हैं. इमरान खान को अगर बेल मिल भी जाती है तो सरकार उनके खिलाफ दूसरे मामले में मुकदमे दर्ज गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है और पाकिस्तान के मंत्री सनाउल्ला इसकी पुष्टि कर चुके हैं. सनाउल्ला ने कहा था कि सरकार किसी भी कीमत पर इमरान खान को गिरफ्तार करेगी.
चाहे इमरान खान को बेल मिले या नहीं, लेकिन उन पर जो भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं उन्हें इनका जवाब देना ही पड़ेगा. सरकार पहले ही पीटीआई के शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर चुकी है.
दरअसल, इमरान खान पर अल-कादिर ट्रस्ट मामले में धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज हैं और आज हाई कोर्ट में उसी पर सुनवाई हो रही है. ये पूरा विवाद अल कादिर ट्रस्ट यूनिवर्सिटी से जुड़ा है. इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और उनके करीबी सहयोगी जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान ने अल-कादिर प्रोजेक्ट ट्रस्ट का गठन किया था, जिसका उद्देश्य पंजाब के झेलम जिले की सोहावा तहसील में 'गुणवत्तापूर्ण शिक्षा' प्रदान करने के लिए अल-कादिर यूनिवर्सिटी की स्थापना करना था.
आरोप है कि दान की गई जमीन के दस्तावेज में हेरफेर किया गया. यूनिवर्सिटी के लिए इमरान और उनकी बीवी ने जमीन को गैर कानूनी तरीके से हड़प लिया और दोनों ने पाकिस्तान के सबसे अमीर शख्स मलिक रियाज को गिरफ्तारी के नाम पर धमकाकर अरबों रुपये की जमीन अपने नाम करा ली. आरोपों के मुताबिक,-
- दस्तावेजों में ट्रस्ट के कार्यालय का पता बानी गाला हाउस, इस्लामाबाद बताया गया है. बाद में 2019 में बुशरा बीबी ने एक निजी रियल एस्टेट फर्म बहरिया टाउन के साथ दान प्राप्त करने के लिए एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. ट्रस्ट ने अपने सौदे के हिस्से के रूप में बहरिया टाउन से 458 कनाल, 4 मरला और 58 वर्ग फुट की जमीन हासिल की.
- हालांकि, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के अनुसार, इस 458 कनाल भूमि में से इमरान खान ने अपना हिस्सा तय किया और दान की गई 240 कनाल भूमि बुशरा बीबी की करीबी दोस्त फराह गोगी के नाम पर ट्रांसफर कर दी.
- सनाउल्लाह ने दावा किया कि इस जमीन के मूल्य को कम करके आंका गया और इमरान खान ने यूनिवर्सिटी के नाम पर अपना हिस्सा प्राप्त किया. पूर्व पीएम ने मामले को दबाने की कोशिश की.
- इन आरोपों के बाद पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने ट्वीट किया कि इमरान खान ने रियल एस्टेट टाइकून मलिक रियाज को लगभग 190 मिलियन पाउंड दिए, जिन्हें बाद में ब्रिटिश अधिकारियों को यह राशि देनी पड़ी, ताकि यह जांच की जा सके कि यह धन अपराध की किसी आय से था या नहीं.