सत्ता गंवाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान कानूनी पचड़ों में घिरे हुए हैं. तोशाखाना केस को लेकर उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. इस बीच एक बार फिर इमरान ने भारत की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं.
इमरान खान ने भारत की विदेश नीति की तारीफ करते हुए कहा,'हम (पाकिस्तान) भी भारत की तरह रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदना चाहते थे. लेकिन ऐसा करने से पहले ही सरकार गिर गई.' पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के प्रमुख इमरान ने राष्ट्र के नाम संबोधित करते हुए कहा कि वह रूस से कच्चा तेल खरीदने ही वाले थे कि अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद सरकार गिर गई.
यह पहली बार नहीं है, जब इमरान खान ने भारत की नीतियों की खुलेआम तारीफ की है. इससे पहले भी इमरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा हमारे विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की भी खुलकर तारीफ कर चुके हैं. मई 2022 में भी इमरान ने मोदी सरकार की तारीफ की थी. तब इमरान ने कहा था कि अमेरिका के दबाव को दरकिनार करते हुए मोदी सरकार ने रूस से तेल खरीदने का फैसला लिया, जो वाकई सराहनीय है.
अमेरिका के दबाव को दरकिनार किया
इमरान ने ट्वीट कर कहा था कि भारत एक तरफ तो क्वाडिलेट्रल सिक्योरिटी डायलॉग (QUAD) का सदस्य है तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका के दबाव का सामना करते हुए रूस से सस्ता तेल भी खरीद रहा है. ऐसा करके हमारा पड़ोसी मुल्क अपनी जनता की सुविधाओं को बढ़ा रहा है.
एस जयशंकर की भी तारीफ कर चुके
एक साल पहले 15 अगस्त 2022 को इमरान खान ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की तारीफ की थी. इमरान खान ने लाहौर में एक बड़ी जनसभा के दौरान कहा था कि भारत और पाकिस्तान को एक साथ ही स्वतंत्रता मिली. लेकिन नई दिल्ली अपने खुद के फैसले ले सकती है, अपनी लोगों के जरूरत के मुताबिक स्टैंड ले सकती है, और हमारी सरकार पीछे रह जाती है.
भारत के स्टैंड की रैली में की तारीफ
इसके बाद इमरान खान ने रैली में रूसी तेल का जिक्र किया था और उसको लेकर जो भारत ने स्टैंड लिया, उसकी दिल खोलकर तारीफ की थी. इमरान ने कहा था कि अमेरिका ने भारत से रूसी तेल खरीदने के लिए मना किया था. लेकिन फिर भी हिंदुस्तान ने अपने लोगों की जरूरत को देखते हुए रूस से सस्ता तेल लिया, अमेरिका को स्पष्ट संदेश दिया और पूरी दुनिया को दिखा दिया कि एक असल स्वतंत्र देश कौन सा होता है.
रूस भारत को दे रहा तगड़ा डिस्काउंट
बता दें कि तेल की खबत के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है. हम यह अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करते हैं. जब से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध हुआ है, पश्चिम और यूरोप ने रूस पर कड़े कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं. इसके बाद रूस अपने सबसे पुराने साथी भारत को ज्यादा डिस्काउंट के साथ कच्चा तेल बेच रहा है.