
साइंस एंड सेंसुअलिटी, मतलब विज्ञान और कामुकता. ये खासियतें एक किरदार के दो पहलू हैं. एक शख्सियत के दो एक्सट्रीम. एक अभिनेत्री इतनी सुंदर हो कि उसकी ब्यूटी टॉक्सिक लगने लगे, वही अगले ही पल फ्रीक्वेंसी, सिग्नल और वायरलेस टेक्नोलॉजी की थ्योरी समझाने लगे तो हैरत तो होगी न. लेकिन अपने समय में दुनिया की सुन्दरतम स्त्रियों में शुमार हेडी लैमर का यही परिचय मुनासिब होगा. वो हेडी लैमर जिनकी होठों की हल्की सी जुम्बिश लोगों को कई 'पाप' सोचने पर मजबूर कर देती.
इस अभिनेत्री के खाते में इंट्रो लिखने के लिए कुछ ऐसे वर्णन हैं जिसको लेकर लगभग 100 साल पीछे की दुनिया निश्चित रूप से सहज नहीं थी. हेडी लैमर सिल्वर स्क्रीन पर एक स्त्री के चरमोत्कर्ष (फीमेल ऑर्गज्म) को फिल्माने वाली दुनिया की पहली एक्ट्रेस थी. वो भी मात्र 18 साल की उम्र में. साल 1933 में एक फिल्म आई थी, नाम था-Ecstasy.
सुर्खियां बटोरने वाला वो दृश्य इसी फिल्म का था. वेस्टर्न प्रेस ने इस फिल्म का रिव्यू करते हुए जो विशेषण लिखे वो इस तरह थे- "अशोभनीय और नैतिक रूप से खतरनाक”, "अनुपयुक्त, अनैतिक और कामुक." एक शतक वर्ष पहले अमेरिका वैसा नहीं था जैसा आज है. फिल्म ने रुढ़वादियों को सुलगा दिया, मूवी सेंसर की गई और फिर बैन. जर्मन तानाशाह हिटलर और वेटिकन के पोप ने एक साथ इस फिल्म पर वीटो लगा दिया.
हॉलीवुड की नशीली मादकता और साइंस के समीकरण
ये तो हुई फिल्म की बात. लेकिन 'दुनिया की सबसे सुंदर महिला' का खिताब पाने वाली हेडी लैमर की एक दुनिया हॉलीवुड की नशीली मादकता से दूर साइंस के समीकरणों, एक्सपेरिमेंट और नेचर के सीक्रेट में बसती थी. जब कैमरा रोलिंग बंद कर देता तो इनोवेशन और इन्वेंशन की ललक इस अभिनेत्री की भूख को खुराक देता. शूटिंग के बाद शाम का वक्त वो इन्हीं उलझनों को सुलझाने में गुजारती.
जरा ठहरिए. इस बीच अगर आप ये आर्टिकल वाई-फाई के जरिये अपने मोबाइल पर पढ़ रहे हैं तो इसके लिए आप भी हेडी लैमर को थैंक्यू कह सकते हैं. जी हां, क्योंकि उस तकनीक की खोज हेडी लैमर ने ही की थी जिसके आधार पर वाई-फाई, ब्लूटूथ, जीपीएस और मोबाइल फोन जैसी वैज्ञानिक क्रांतियां वजूद में आईं. और 21वीं सदी का ताना-बाना ही बदल गया. अमेरिका में इस आविष्कार का पेटेंट हेडी के नाम है, नंबर है- 22,92,387.
नाजी सबमरीन का अटैक और पस्त मित्र राष्ट्रों की सेनाएं
द्वितीय विश्व युद्ध की बात है. अटलांटिक महासागर में नाजियों की सबमरीनों (पनडुब्बियों) ने कहर मचा रखा था. इनके निशाने पर थे अमेरिका-ब्रिटेन के जहाज. ये पनडुब्बी उन जहाजों पर भी हमला करती थीं जिनमें बच्चे और महिलाएं होती थीं. ये लोग नाजी सेना के खौफ से डरकर लंदन से भाग रहे होते लेकिन जर्मन यू बोट्स बीच समंदर ही इनकी समाधि बना देते.

हेडी लैमर की जिंदगी पर 2018 में आई डॉक्युमेंट्री 'बॉम्बशेल' की अमेरिकी डायरेक्टर एलेक्जेंड्रा डीन युद्ध की परिस्थितियों को समझाती हुई कहती हैं, "इंग्लैंड को कोई सप्लाई नहीं मिल पा रही थी. जर्मन सबमरीन लगातार उनके जहाज को निशाना बना रहे थे. लग रहा था नाजी सेना जंग जीतने ही वाली है."
जर्मनी की सेना मित्र राष्ट्रों (ब्रिटेन, अमेरिका, सोवियत रूस) के हमले नाकाम बना रही थी. क्योंकि जर्मन सेना मित्र राष्ट्रों के रेडियो सिग्नल को जाम कर या फिर हैक कर दे रही थी. ये रेडियो सिग्नल ही मित्र राष्ट्रों के टॉरपीडो को गाइड कर रहे थे. जब मित्र राष्ट्रों की सेनाएं समंदर में नाजी पनडुब्बियों पर हमला करने के लिए टॉरपीडो दागती थीं तो नाजी आर्मी इन टॉरपीडो का रेडियो सिग्नल जाम या हैक करके इसे टारगेट से डिगा देते थे. इस वजह से मित्र राष्ट्रों के हमले नाकाम हो रहे थे.
पियानो की धुन से आया आइडिया
इन्हीं परिस्थितियों में लॉस एंजिल्स के एक बंगले में अभिनेत्री हेडी लैमर एक पियानो पर बैठी थीं, उनके बगल में थे हॉलीवुड के कम्पोजर जॉर्ज एन्टाइल (George Antheil). लेकिन ये दोनों किसी गाने की धुन नहीं बना रहे थे. ये कुछ ऐसी चीज पर काम कर रहे थे जिससे द्वितीय विश्व युद्ध का रुख बदल सकता था, ये वो खोज थी जो 21वीं सदी का साइंटिफिक टेम्परामेंट बदलने वाली थी.
अब जो हेडी लैमर ने किया वो अदभुत था. अभिनेत्री लैमर एक ऐसा रेडियो सिग्नल बनाने में सफल हुईं जिसे हैक या जाम नहीं किया जा सकता था. यानी कि टॉरपीडो को टारगेट तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता था.
लेकिन इसमें पियानो का क्या रोल था? दरअसल 5 साल से पियानो बजाने वाली हेडी ने जॉर्ज एन्टाइल के साथ मिलकर ये महसूस किया कि अगर पियानो को एक (नोट) स्वर से दूसरे स्वर पर जाने के लिए सिंक्रनाइज़ किया जा सकता है और धुन भी नहीं बिगड़ती है तो एक टॉरपीडो को गाइड करने वाला रेडियो सिग्नल क्यों नहीं हॉप (कूद) कर सकता. बस एक ग्राउंड ब्रेकिंग आविष्कार का आधार तैयार हो गया था.
ऐसे रोकी जा सकती है फ्रीक्वेंसी की हैकिंग और जैमिंग
पुलित्जर पुरस्कार विजेता और हेडी लैमर पर किताब (Hedy's Folly:The Life and Breakthrough Inventions of Hedy Lamarr) लिखने वाले लेखक रिचर्ड रोड्स कहते हैं, "हेडी का विचार यह था कि यदि ट्रांसमीटर और रिसीवर दोनों एक साथ एक फ्रीक्वेंसी से दूसरी फ्रीक्वेंसी पर छलांग लगा लें तो हैकर/जैमर को ये पता ही नहीं चल पाएगा कि सिग्नल कहां है." यानी कि हैकर या जैमर सिग्नल जाम करेगा तो किसे? क्योंकि जब तक वो एक फ्रीक्वेंसी पर सिग्नल को जाम करेगा तब तक सिग्नल दूसरी फ्रीक्वेंसी पर चला जाएगा.
और रखी गई वाई-फाई की बुनियाद
हेडी लैमर ने अपनी इसी खोज को नाम दिया फ्रीक्वेंसी होपिंग स्प्रेड स्पेक्ट्रम (FHSS) . ये रेडियो कम्युनिकेशन का एक सीक्रेट मीडियम था. एलेक्जेंड्रा डीन कहती हैं कि यही फ्रीक्वेंसी होपिंग हमारे आज के वायरलेस कम्युनिकेशन में इस्तेमाल होता है. ब्लूटूथ, वाईफाई, मिलिट्री कम्युनिकेशन इसके उदाहरण हैं. हेडी ने अपना ये पेटेंट अमेरिकी सरकार को भेंट कर दिया.

लेकिन हॉलीवुड की इस अभिनेत्री का साइंटिफिक तेवर और कलेवर अमेरिकी नेवी का इगो दुखा गया. हेडी जब अपना आविष्कार लेकर नेवी के जनरलों के पास पहुंचीं तो वे चिढ़ गए. रोड्स कहते हैं, "नौसेना के अफसरों ने कहा- क्या आप चाहती हैं हम टॉरपीडो में एक पियानो डाल दें? वो नहीं काम करेगा." नेवी ने इस खोज को फाइलों में बंद कर दिया और हेडी से कहा- आपको जंग के लिए पैसे इकट्ठे करने चाहिए, वो आपके लिए करने की चीज है, बजाय इन बेवकूफाना आविष्कारों के."
एक KISS के 25000 डॉलर...
हेडी लैमर ने अमेरिका के प्रति समर्पण जाहिर करने के लिए वो भी किया. कहा जाता है कि सेकेंड वर्ल्ड वार के दौरान उन्होंने वार बॉन्ड बेचते हुए कहा था कि अगर कोई शख्स 25 हजार डॉलर के युद्ध बॉन्ड खरीदता है तो वे उसे चूमने के लिए तैयार हैं.
हेडी की खोज को स्वीकृति न मिल पाने की एक वजह उनका अतीत भी रहा. ऑस्ट्रिया की होने की वजह से उन्हें तत्कालीन अमेरिका में दुश्मन देश की निवासी माना गया और उनकी निष्ठा और मंशा पर शक किया गया. क्योंकि हिटलर ने 1938 में ही ऑस्ट्रिया पर कब्जा कर लिया था. एलेक्जेंड्रा डीन कहती हैं- जब हमने इस फिल्म के लिए रिसर्च शुरू की तो कुछ गंभीर वैज्ञानिकों ने कहा कि वो एक जासूस थीं, उन्होंने नाजियों से इस आविष्कार को चुराया और मित्र राष्ट्रों के लिए लेकर आई.
हिटलर के दौर का यूरोप और हेडी का यहूदी होना
पहले विश्व युद्ध (1914) के साये में पैदा हुई इस अभिनेत्री का बचपन का नाम हेडविग किसलर (Hedwig Kiesler) था. हेडी लैमर नाम तो इन्होंने अतीत के साये से पीछा छुड़ाने के लिए रखा. विडंबनाओं और संभावनाओं का टकराव कहिए या फिर भाग्य का लेखा, हेडी का जन्म यहूदी परिवार में हुआ था लेकिन माता-पिता थे अमीर. फिर भी हिटलर के दौर के यूरोप में यहूदी होने का क्या मतलब था ये एक सिहरा देने वाली कल्पना है.
हेडी का बचपन संगीत की धुन और विज्ञान की कहानियां सुनते गुजरा. इंजीनियर पिता के साथ जब वो टहलने निकलती तो उन्हें पापा बताते कि मशीनें काम कैसे करती हैं? तकनीक हमारी जिंदगी को कैसे सहज बनाती है? इनकी मां पियानिस्ट थीं तो संगीत की ट्रेनिंग घर पर ही हुई. माता-पिता से मिले संस्कार हेडी की जिंदगी को आकार देने में अहम रहे.
हेडी बड़ी हुईं तो अपने रूप-लावण्य से दमक उठीं. 12 साल की उम्र में ही वियना में ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीता और अपने लिए उस दुनिया के दरवाजे खोले जिसे सिल्वर स्क्रीन कहते हैं.
फीमेल सेक्सुअलिटी की पॉयनियर बनीं हेडी
एक दिन हेडी ने अपनी मां का सिग्नेचर कॉपी किया और उससे सहमति पत्र बनाया और फिल्मों में काम हासिल कर लिया. उसे छोटे-मोटे रोल मिलते रहे. इसके बाद 1933 में वही चेक फिल्म आई जिसकी चर्चा शुरू में की गई है. इस फिल्म ने यूरोप सिनेमा जगत के शांत समंदर में मंथन पैदा कर दी.
अभी-अभी बालिग हुई हेडी इस फिल्म की लीड कैरेक्टर थी. नाम था इव. इव एक ऐसे प्रौढ़ धनाढ्य की पत्नी रहती है जिसका पति उसकी इच्छाएं पूरी करने में असमर्थ है. इन इच्छाओं में इव की अधूरी कामेच्छा भी शामिल है. इव इस फिल्म में एक उपेक्षित पत्नी है. मूवी ने सुर्खियों में जगह पाई उस सीन के लिए जहां इव एक झील में बिना कपड़ों के नहा रही होती है. इव के कपड़े घोड़े की पीठ पर लपेटे हुए हैं. डायरेक्टर ने घोड़े को इव के कपड़े लेकर भागता हुआ दिखाया है. इव बदहवास उसी हालत में बिना कपड़ों के घोड़े का पीछा करते हुए दूर तक निकल जाती है. इसी दौरान वो एक नवयुवक से टकराती है. इस मुलाकात का क्लाईमैक्स इव का उस युवक के साथ हमबिस्तर होना है. सीक्वेंस के आखिरी सीन में इव सिगरेट के छल्ले उड़ाती दिखती हैं- संतुष्ट, इत्मीनान, बेतकल्लुफ.
कामयाबी और घनी आलोचना
इस दृश्य का फिल्मांकन ऐसा हुआ कि हेडी फिल्मों में फीमेल सेक्सुअलिटी की पॉयनियर कही जाने लगीं. इसी सीक्वेंस में ऑर्गज्म का वो दृश्य है जिसने हेडी लैमर को यश और अपयश, कामयाबी और घनी आलोचना दोनों दी.
इस बीच 19 साल की उम्र में हेडी ने पहली शादी की. पहली कहने की वजह यह है कि सेक्स, सिनेमा, स्कैंडल और ग्लैमर की वर्चुअल चहारदीवारी में रहने वाली हेडी लैमर ने अपनी जिंदगी में 6 बार शादियां कीं.
मुसोलनी और हिटलर को हथियार बेचने वाला सौदागर बना पति
हेडी का पहला पति Friedrich Mandl हथियारों का नामी सौदागर था, उसके ग्राहक थे- मुसोलनी और हिटलर. बताया जाता है कि वो ऑस्ट्रिया का तीसरा सबसे रईस शख्स था. हेडी इस व्यापारी की दौलत के आगे अपना दिल हार गईं. लेकिन एक सौदागार के साथ दिलों का ये सौदा हेडी के लिए सोने का पिंजरा साबित हुआ.
हेडी लैमर अपनी जीवनी Ecstasy and Me में बताती हैं कि मैंडल के घर में दोनों तानाशाह भव्य पार्टियां करते. हथियारों की डील होती, जंग के नए सामान पर चर्चाएं होती. इस जमावड़े में साइंटिस्ट, प्रोफेशनल, बिजनेसमैन आते. मेजबान की पत्नी होने के नाते हेडी इन पार्टियों की शान थीं. यही वो जगह थी जहां हेडी ने मिलिट्री टेक्नोलॉजी को नजदीक से जाना. उसने अप्लाइड साइंस को समझा. जंग में विज्ञान क्या करामात कर सकता है इसे उसने उन लोगों से जाना जो इस फील्ड को ड्राइव कर रहे थे. इन मुलाकातों और पार्टियों ने हेडी के मस्तिष्क में पनप रहे विज्ञान के नन्हे पौधे को खूब खाद-पानी दिया.
लेकिन हेडी का हसबैंड सनकी निकला. हेडी जिंदगी को पन्नों पर उतारते हुए लिखती हैं कि मैंडल एक लगाम खींचने वाले पति थे, उन्हें एक्टिंग से चिढ़ थी. Ecstasy के दृश्यों से वे इतना पिनक गए कि उन्होंने इस फिल्म के सारे प्रिंट को खरीद कर इसे एक साथ नष्ट कर दिया. 1937 में वर्ल्ड वार टू की आहटें सुनाई दे रही थी, नाजी यूरोप पर कसाव सख्त करते जा रहे थे और हेडी का पति के साथ न निभ पाने की आशंका बढ़ती जा रही थी.
ख्वाबों की तामीर को निकलीं अमेरिका
इसी हालत में एक रात ये अभिनेत्री साइकिल पर सवार होकर अपने पति के घर से निकल जाती है. हेडी ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना से लंदन चली आती हैं. तत्कालीन दुनिया की सियासत का केंद्र रहे लंदन में हेडी अपना मुकम्मल वजूद तलाशना शुरू करती हैं. अपने ख्वाबों की तामीर में वो उस शिप पर सवार होती हैं जो नए जमाने का देश अमेरिका जा रहा होता है. नियति देखिए, इसी जहाज का एक यात्री है हॉलीवुड की भारी-भरकम मूवी प्रोडक्शन कंपनी MGM स्टूडियो का चीफ लूइस बी मेयर.

बी मेयर इस अदाकारा से मिलकर प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता है. वो हेडी को एक्टिंग के लिए डील ऑफर करता है, मेहनताना है- 600 डॉलर प्रति सप्ताह.
लूइस मेयर हेडी को अपने अनुभव बांटता है. वो कहता है कि उसे Ecstasy गर्ल की छवि से आजाद होना होगा. ये प्रोड्यूसर एक छोटी सी शर्त भी रखता है- अंग्रेजी सीखने की. यही वो समय था जब ये अभिनेत्री अपने अतीत को अलविदा कह नए नाम के साथ नई पहचान धारण करती है. ऑस्ट्रिया की हेडविग किसलर हॉलीवुड की हेडी लैमर बन जाती है जो न सिर्फ भाषा में बल्कि कल्चर में भी 'इंग्लिश' है.
हॉलीवुड में हेडी की पहली मूवी आई Algiers. इस फिल्म ने उसे सुपरस्टार का बैज दिया. किताबें, इंटरव्यूज में लोग बताते हैं कि जब उनका चेहरा स्क्रीन पर आता लोग बेखुदी के आलम में आ जाते. लेकिन हेडी को अपनी सुंदरता से यकीन अपने दिमाग पर था. वो कहती हैं- मुझे लगता है कि लोगों का दिमाग उनकी शक्ल से ज़्यादा दिलचस्प होता है. दरअसल Ecstasy की कामयाबी के बाद लोग उन्हें ऐसे घूरते जैसे वे किसी अजायबघर की चीज हों.
शानदार शाम का मतलब शराब और पार्टी नहीं
हॉलीवुड में अभिनय के साथ ही विज्ञान के साथ भी उनका सफर जारी रहा. लेकिन वो पार्टी गर्ल नहीं थीं, लेखक रोड्स कहते हैं- हेडी शराब पीती नहीं थीं, पार्टियां करती नहीं थीं, उनके लिए एक शानदार शाम का मतलब अपने कुछ तेजतर्रार दोस्तों के साथ डिनर था जहां वे आइडियाज पर बात कर सकती थीं, लेकिन ये हॉलीवुड की रवायत तो थी नहीं." लिहाजा यहां उनका मन ऊबने लगा.
उन्होंने अपने घर में एक कमरा अलग रखा था, उसमें रोशनी और उपकरणों के साथ एक ड्राफ्टिंग टेबल लगा हुआ था. इंजीनियरिंग की किताबों से भरी अलमारियां थीं. यही वो कमरा था जहां हेडी ने अपना आविष्कार किया.
वाई-फाई में कैसे मददगार है
अब समझते हैं कि वाई-फाई है क्या? दरअसल वाई-फाई दो डिजिटल डिवाइस के बीच डाटा ट्रांसफर का एक जरिया है जो बगैर तार (वायरलेस) के काम करता है. इसमें दो डिवाइस (लैपटॉप, डेस्कटॉप, मोबाइल, प्रिंटर, स्पीकर) के बीच डाटा आदान-प्रदान के लिए रेडियो तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है. वाई-फाई आपके डिवाइस और राउटर के बीच फ्रीक्वेंसीज के माध्यम से डाटा ट्रांसफर करने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करता है. अगर मोबाइल फोन के संदर्भ में कहें तो ये तरीका वाई-फाई एक्सेस प्वाइंट के इर्द-गिर्द मौजूद मोबाइल फोन को वायरलेस इंटरनेट उपलब्ध कराता है.
यही पर काम करता है अभिनेत्री हेडी लैमर का खोज फ्रीक्वेंसी होपिंग स्प्रेड स्पेक्ट्रम. जैसा कि होपिंग का अर्थ ही है कूदना. यानी कि डेटा भेजने के लिए अलग-अलग फ्रीक्वेंसी चैनल का इस्तेमाल. फ्रीक्वेंसी होपिंग डेटा को कई फ्रीक्वेंसी चैनल पर भेजता है. इस वजह से किसी भी हैकर या जैमर के लिए इस चैनल को ब्रेक करना मुश्किल हो जाता है. क्योंकि जब तक वो एक फ्रीक्वेंसी को ब्रेक करने की कोशिश करता है, तब तक नेटवर्क किसी दूसरे फ्रीक्वेंसी पर शिफ्ट हो जाता है.
हॉलीवुड में सुकून कहां
निजी जिंदगी का बवंडर, तलाक के सिलसिले, बेटे से दूरी और हॉलीवुड की निरी खोखली जिंदगी ने हेडी लैमर वो चैन छीन लिया, जिसकी तलाश में कभी उन्होंने लंबी यात्र की थी. 1958 में उन्होंने फिल्मों में काम करना छोड़ दिया और एकाकी जीवन जीने लगीं. उन्होंने अपने आविष्कारों पर कभी दावा नहीं किया.
ढलती जिंदगी में कुछ लोगों ने उनके शोध की कदर की. 1997 में उन्हें अमेरिकन फ्रंटियर फाउंडेशन से सम्मानित किया गया, साल 2000 में उनका निधन हो गया. इसके बाद 2014 में उन्हें नेशनल इन्वेंटर हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया. आज हेडी लैमर नहीं हैं लेकिन वाई-फाई,ब्लूटूथ और जीपीएस की टिमटिमाती करोड़ों लाइटें हमें इस 'ब्यूटी विद ब्रेन' की याद दिलाती रहती है.