scorecardresearch
 

यूक्रेन संकट सुलझाने के लिए सऊदी में 2 दिन होगा मंथन, भारत भी होगा शामिल

सऊदी अरब की मेजबानी में इस शांति वार्ता में हिस्सा लेने के लिए भारत को भी निमंत्रण भेजा गया है. भारत ने इसकी पुष्टि भी कर दी है. सऊदी अरब की इस घोषणा को ग्लोबल साउथ की ओर से समर्थन जुटाने की दिशा में अहम माना जा रहा है. इस वार्ता के लिए निमंत्रण मिलने की पुष्टि करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि बातचीत के जरिए ही शांति के मार्ग पर आगे बढ़ा जा सकता है.  

Advertisement
X
जेलेंस्की, मोहम्मद बिन सलमान और नरेंद्र मोदी
जेलेंस्की, मोहम्मद बिन सलमान और नरेंद्र मोदी

यूक्रेन संकट सुलझाने के लिए सऊदी अरब शनिवार से दो दिवसीय शांति वार्ता की मेजबानी करने जा रहा है. इस शांति वार्ता में भारत भी हिस्सा लेगा. इस सम्मेलन में शिरकत करने के लिए भारत सहित कई पश्चिमी देशों को आमंत्रित किया गया है. यूक्रेन संकट का हल निकालने के लिए इस अंतर्राष्ट्रीय कदम को बहुत अहम माना जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि इससे यूक्रेन में शांति लाने में मदद मिलेगी.

सऊदी अरब की मेजबानी में इस शांति वार्ता में हिस्सा लेने के लिए भारत को भी निमंत्रण भेजा गया है. भारत ने इसकी पुष्टि भी कर दी है. सऊदी अरब की इस घोषणा को ग्लोबल साउथ की ओर से समर्थन जुटाने की दिशा में अहम माना जा रहा है. इस वार्ता के लिए निमंत्रण मिलने की पुष्टि करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि बातचीत के जरिए ही शांति के मार्ग पर आगे बढ़ा जा सकता है. इसके तहत बातचीत और कूटनीति के जरिये यूक्रेन संकट को हल करने पर जोर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि भारत को आमंत्रित किया गया है. इस बैठक में भारत हिस्सा लेगा. बातचीत और डिप्लोमेसी ही आगे बढ़ने का एकमात्र मार्ग है. भारत इस बैठक में किस तरह हिस्सा लेगा, इसके बारे में बाद में ऐलान किया जाएगा. अमेरिका ने भी इस बैठक में हिस्सा लेने की पुष्टि की. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने भी बातचीत के महत्व पर जोर दिया. 

Advertisement

उन्होंने कहा कि हम इस समिट का समर्थन करते हैं. हमने बहुत पहले कहा था कि जब भी इस युद्ध के किसी भी संभावित डिप्लोमैटिक समाधान की बात आएघी तो यूक्रेन का फ्रंटसीट पर होना बहुत जरूरी है. यह महत्वपूर्ण है कि जिन भी देशों ने अभी तक यूक्रेन की बात नहीं सुनी है, वह सुनें. इसलिए हम खुश हैं कि इस सम्मेलन में शामिल होने वाले देश प्रत्यक्ष तौर पर यूक्रेन की बात सुन पाएंगे. 

क्या है ग्लोबल साउथ?

- आर्थिक और सामाजिक विकास के आधार पर दुनिया को दो हिस्सों में बांटा गया है. एक है- ग्लोबल नॉर्थ और दूसरा- ग्लोबल साउथ.

- ग्लोबल नॉर्थ में अमेरिका, जापान, कोरिया, यूरोपीय देश जैसे दुनिया के विकसित और समृद्ध देश शामिल हैं.

- ग्लोबल साउथ में आर्थिक और सामाजिक विकास के आधार पर कम विकसित या विकासशील देश हैं. इसमें लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, एशिया और ओशिनिया के देश हैं.

क्या है सम्मेलन

यह शिखर सम्मेलन यूक्रेन की ओर से सुझाए गए दस सूत्रीय शांति योजना पर आधारित है.  इसे यूक्रेन की दस सूत्रीय शांति योजना पर चर्चा के लिए सऊदी अरब के एक बड़े प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

यूक्रेन शांति योजना को लेकर सऊदी अरब के जेद्दा में दो दिवसीय सम्मेलन शनिवार से शुरू होगा. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने संघर्ष को समाप्त करने के लिए दस सूत्रीय शांति योजना सामने रखी है. इसमें युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करना, यूक्रेन से सभी रूसी सैनिकों को वापस बुलाना और अपने देश की क्षेत्रीय अखंडता को बहाल करना शामिल है. इसके तहत उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और परमाणु सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया.

Advertisement

 

Global South Explainer: 100 देशों का समूह ग्लोबल साउथ, जानें क्या है और कैसे बना?

Advertisement
Advertisement