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फ्रांस में मुस्लिम महिलाओं पर लगी पाबंदी को लेकर कोर्ट ने किया बड़ा फैसला

फ्रांस में मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले स्विमसूट बुर्किनी पर विवाद होता रहा है. अधिकतर तटीय शहर इस पर प्रतिबंध लगाते रहे हैं. हालांकि, विरोध के बाद कई बार प्रतिबंध हटाया भी गया है. अब फ्रांस की एक अदालत के फैसले से बुर्किनी एक बार फिर चर्चा में है.

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फ्रांस में बुर्किनी पर विवाद होते रहे हैं (Photo- Reuters)
फ्रांस में बुर्किनी पर विवाद होते रहे हैं (Photo- Reuters)

फ्रांस में मुस्लिम महिलाओं द्वारा समुंदर किनारे नहाते वक्त पहने जाने वाले बुर्किनी को लेकर विवाद नया नहीं है. समय-समय पर फ्रांस की स्थानीय सरकारें और कोर्ट इस पर प्रतिबंध लगाते रहे हैं. तटीय शहर फ्रेजस में भी बुर्किनी पर प्रतिबंध था जिस पर काफी विवाद भी हुआ था लेकिन अब वहां की अदालत ने इस पर लगे प्रतिबंध को निलंबित कर दिया है. 

स्थानीय मीडिया में छपी रिपोर्टों के मुताबिक, स्थानीय फ्रेजस प्रशासन ने बुर्किनी पर प्रतिबंध लगा दिया था जिसके मुताबिक, मुस्लिम महिलाओं को सार्वजनिक स्विमिंग पूल अथवा समुद्र में नहाते वक्त बुर्किनी पहनने की इजाजत नहीं थी. यह फैसला फ्रेजस के धुर-दक्षिणपंथी मेयर डेविड रैचलाइन की पहल पर लिया गया था.

बुर्किनी फ्रांस में मुस्लिम महिलाओं द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर अपने शरीर और बालों को ढकने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ऑल इन वन स्विमसूट है. फ्रेजस में बुर्किनी पर प्रतिबंध के स्थानीय प्रशासन के फैसले के खिलाफ देश का ह्यूमन राइट्स लीग (LDH) कोर्ट गया था जिसके बाद स्थानीय टॉलोन प्रशासनिक अदालत ने शहर प्रशासन के फैसले को निलंबित कर दिया है. 

अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि यह प्रतिबंध धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ है. वहीं, अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए रैचलाइन ने कहा कि अदालत का फैसला जनता की सुरक्षा के साथ-साथ स्वच्छता नियमों के भी खिलाफ है.

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पिछले साल भी फ्रांस में बुर्किनी पर मचा था बवाल 

पिछले साल भी फ्रांस में बुर्किनी को लेकर काफी बवाल मचा था. दरअसल, मई 2022 में फ्रांस के ग्रेनोबल शहर के मेयर ने स्विमिंग पूल नियमों में बदलाव कर शहर के सभी सरकारी स्विमिंग पूल में बुर्किनी समेत सभी तरह के स्विमसूट पहनने की छूट दे दी.

इस पर फ्रांस के गृहमंत्री गेराल्ड डारमैनिन भड़क गए थे और उन्होंने कहा था कि स्थानीय प्रशासन का फैसला अस्वीकार्य है और वो इस फैसले को उलट देंगे.

इसके कुछ ही दिन बाद फ्रांस की एक अदालत ने ग्रेनोबल प्रशासन के फैसले को निलंबित कर दिया था. अदालत ने कहा था कि यह फैसला सार्वजनिक स्थानों पर तटस्थता के सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन करता है. गृहमंत्री डारमैनिन ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया था. 

साल 2016 की गर्मियों से ही फ्रांस के कई तटीय शहरों में बुर्किनी पर प्रतिबंध लगाने की सिलसिला तेज हुआ था. कई स्थानीय महापौरों ने बुर्किनी पर प्रतिबंध लगा दिया. हालांकि, कई जगह इसे चुनौती दी गई जिसके बाद फैसले को भेदभावपूर्ण करार देते हुए रद्द कर दिया.

फ्रांस यूरोप का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला देश है. फ्रांस की नेशनल स्टेटिक्स ब्यूरो, Insee के मुताबिक, 2019-20 में फ्रांस की आबादी में मुसलमानों का हिस्सा 10 फीसद है. 

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