पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी इलाके में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. वहां एंटी पोलियो वैक्सीनेशन की पूरी टीम का अपहरण कर लिया गया है. इस टीम में महिला समेत चार लोग थे. हालांकि, बाद में पुलिस ने सख्ती दिखाई तो दो लोगों को रिहा कर दिया गया है. अन्य दो के बारे में कुछ पता नहीं चल सका है. पाकिस्तान में पोलियो टीमों पर लगातार हमले होने की खबरें आती रहती हैं.
मामला पाकिस्तान के अशांत क्षेत्र खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का है. जिला पुलिस अधिकारी (DPO) इफ्तिखार अली के अनुसार, यह घटना टैंक जिले के कारी उमर खान गांव में हुई. दरअसल, जिले में कड़ी सुरक्षा के बीच ओरल वैक्सीनेशन ड्राइव चल रहा है. इस दौरान मंगलवार को अपहरणकर्ताओं ने एंटी पोलियो टीम की एक महिला वर्कर समेत चार सदस्यों का अपहरण कर लिया. कहा जा रहा है कि ये अपहरणकर्ता किसी गांव के रहने वाले आतंकी थे.
'पुलिस ने नाकेबंदी की तो दो लोगों को छोड़ा'
DPO ने कहा, अपहरणकर्ता आतंकियों ने चालक समेत टीम का किडनैप किया और सरकारी वाहन को भी अपने साथ ले गए हैं. उन्होंने बताया कि बाद में पुलिस टीम ने अपहरणकर्ताओं की तलाश तेज की और नाकेबंदी लगाई तो महिला और चालक को रिहा कर दिया गया है.
'चंगुल में फंसे हैं पोलियो टीम के दो सदस्य'
उन्होंने बताया कि टीम के अन्य दो पुरुष अभी भी अपहरणकर्ताओं के चंगुल में फंसे हैं. उनके बारे में कुछ पता नहीं चल सका है. पुलिस टीमें टीम की बरामदगी के लिए जिले में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही हैं.
'पोलियो ड्रॉप पिलाने का विरोध करते हैं पाकिस्तानी!'
बता दें कि हाल के दिनों में दक्षिणी जिलों में पोलियो ड्रॉप पिलाने वाली टीमों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें कई लोगों की जान चली गई है. इनमें पोलियो कार्यकर्ता और टीका लगाने वालों की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.
'पोलियो के तीन सैंपल पॉजिटिव पाए गए'
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पाकिस्तान उन दो देशों में से एक है, जहां पोलियो अभी भी एंडेमिक बना हुआ है. डॉन अखबार ने पिछले हफ्ते नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) में पाकिस्तान की राष्ट्रीय पोलियो लैब के सूत्रों के हवाले से बड़ा खुलासा किया था और बताया था कि पंजाब, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों के शहरों से एकत्र किए गए पोलियो वायरस के तीन इन्वायरमेंटल सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं.
घातक है पोलियो वायरस?
पोलियो वायरस से होने वाली एक संक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से पांच साल से कम उम्र के बच्चों में होती है. यह तंत्रिका प्रणाली को प्रभावित करती है और इससे लकवा जैसी बीमारी के साथ-साथ मौत तक हो सकती है. पोलियो का कोई इलाज नहीं है. जिसके चलते बच्चों को इस गंभीर बीमारी से बचाने के लिए केवल टीकाकरण ही एकमात्र प्रभावी तरीका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया में अब सिर्फ पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही ऐसे देश बचे हैं जहां बच्चे पोलियो से ग्रस्त हैं. हाल ही में लंदन में चार दशकों में पहली बार सीवेज के नमूनों में पोलियो वायरस का पता चलने के बाद पाकिस्तान का टीकाकरण कार्यक्रम जांच के दायरे में आ गया है.
पाकिस्तान ने शुरू किया राष्ट्रव्यापी अभियान
पाकिस्तान सरकार ने देश में वायरस के मामले सामने आने के बाद 43 मिलियन से अधिक बच्चों को टीका लगाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी पोलियो विरोधी अभियान शुरू किया था. इससे पहले विभिन्न हिस्सों में पोलियो कार्यकर्ताओं पर हमलों के बढ़ते मामलों के मद्देनजर पिछली कई पाकिस्तान सरकारों को पोलियो विरोधी अभियान को स्थगित करना पड़ा था. हाल के वर्षों में उग्रवादियों द्वारा टीकाकरण टीमों पर घातक हमले करके गंभीर बीमारी पोलियो को खत्म करने के प्रयासों को गंभीर रूप से बाधित किया गया है. इनका दावा है कि पोलियो की दवाई बांझपन का कारण बनती है.