
अमेरिका की जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने पद से हटने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा है कि वह जनवरी में राष्ट्रपति बाइडेन का कार्यकाल खत्म होते ही पद से इस्तीफा दे देंगे.
उनका यह फैसला ट्रंप के उस ऐलान के कुछ दिनों के बाद आया है, जब उन्होंने एफबीआई चीफ के तौर पर भारतवंशी काश पटेल का चुनाव किया था.
क्रिस्टोफर रे ने कहा कि कई हफ्तों तक विचार करने के बाद मैंने ब्यूरो के हित में सही फैसला किया है कि मैं मौजूदा बाइडेन सरकार के जनवरी में खत्म हो रहे कार्यकाल तक ही इस पद पर बना रहूंगा और इसके बाद इस्तीफा दे दूंगा. मेरा उद्देश्य हमारे मिशन पर फोकस बनाए रखना है कि हम हर दिन मेहनत के साथ आपके लिए काम करते रहें. और मेरे ख्याल से ब्यूरो को इस फसाद में खींचने से बचाने के लिए यही बेहतर तरीका है.
क्रिस्टोफर रे पर ट्रंप का हमला
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि क्रिस्टोफर रे का इस्तीफा अमेरिका के लिए बेहतरीन दिन है क्योंकि इससे न्याय विभाग के हथियारीकरण का अंत होगा. मुझे नहीं पता कि उन्हें (रे) क्या हुआ. लेकिन अब हम सभी अमेरिकी लोगों के लिए कानून को बहाल करेंगे. क्रिस्टोफर रे की अगुवाई में एफबीआई ने गैरकानूनी रूप से मेरे घर पर छापेमारी की. मेरे खिलाफ गलत तरीके से मामला दर्ज किया गया. उन्होंने कई निर्दोष लोगों को धमकाने या उनकी जिंदगी तबाह करने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया. एफबीआई की अगुवाई करने के लिए काश पटेल एकदम उम्दा हैं.

बता दें कि क्रिस्टोफर रे को 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ही 10 साल के लिए नियुक्त किया था. लेकिन अब रे के इस्तीफे के बाद वह एफबीआई के दूसरे ऐसे डायरेक्टर होंगे, जिन्हें ट्रंप बाहर का रास्ता दिखाएंगे. इससे पहले जेम्स कॉमी को ट्रंप ने राष्ट्रपति के अपने पहले कार्यकाल के दौरान हटाया था.
ट्रंप के करीबी काश पटेल बनेंगे एफबीआई हेड
डोनाल्ड ट्रंप एफबीआई चीफ के तौर पर भारतवंशी काश पटेल का चुनाव कर चुके हैं. सीनेट से मंजूरी मिलने के बाद वह यह पद संभाल लेंगे. उन्हें ट्रंप का बेहद करीबी माना जाता है. वह 2017 में इंटेलिजेंस पर हाउस पार्लियामेंट्री सेलेक्ट कमेटी के सदस्य रह चुके हैं.
अपने कट्टरपंथी विचारों के लिए पहचाने जाने वाले काश पटेल ने एफबीआई चीफ की जिम्मेदारी संभालने के बाद कई बड़े बदलावों का संकेत दिया है. कहा जा रहा है कि वह वॉशिंगटन में एफबीआई का हेडक्वार्टर भी बंद कर सकते हैं.
पटेल अमेरिका के खुफिया समुदाय के बारे में कट्टरपंथी विचार रखते हैं. 44 साल के काश पटेल का पूरा नाम कश्यप प्रमोद पटेल है जिनका जन्म न्यूयॉर्क में हुआ. उनका परिवार गुजरात के वडोदरा का रहने वाला है जो पेश से वकील हैं. उन्हें ट्रंप के करीबियों में गिना जाता है.ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान वह राष्ट्रपति के उप सहायक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद निरोध के वरिष्ठ निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं.