अरबपति कारोबारी एलॉन मस्क के पिता एरॉल मस्क (Errol Musk) के पिता इन दिनों रूस में हैं. वह भारत से सीधे रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचे हैं. उनका यह दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब उनके बेटे मस्क और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच रिश्ते बेहद खराब दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में रूस पंचायती मोड में नजर आ रहे हैं.
ट्रंप और मस्क की इस लड़ाई में रूस एक मध्यस्थ की भूमिका निभाने के बेचैन दिख रहा है. रूस ने पहले मस्क को राजनीतिक शरण का ऑफर दिया और अब एलॉन मस्क के पिता एरॉल मस्क के रूस में होने पर उनकी बेहतरीन आवभगत की जा रही है.
ट्रंप और एलॉन की इस जंग के बीच रूस ने एक चौंकाने वाला बयान दिया था. पुतिन ने कहा था कि अरब एलॉन रूस में शरण लेना चाहेगे तो हम इसके लिए तैयार हैं. रूस की संसद के अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के उपाध्यक्ष दिमित्री नोविकोव ने कहा कि अगर मस्क को जरूरत पड़े, तो रूस उन्हें शरण दे सकता है.
मॉस्को पहुंचे एरॉल मस्क ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन की जमकर तारीफ की है. एरॉल ने कहा कि पुतिन बेहद प्रभावकारी शख्सियत हैं. उन्होंने साबित किया है कि वह काफी इंप्रेसिव है. मस्क से जब फ्यूचर 2050 फोरम से इतर पूछा गया कि वह रूसी राष्ट्रपति से मिलने पर क्या सवाल पूछने चाहेंगे? इस पर एरॉल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि वह अभी ऐसे ओहदे पर हैं कि वह पुतिन से सवाल पूछ सकें लेकिन रूस में बीते कुछ सालों में जिंदगी काफी बेहतर हुई है और ऐसा अच्छे नेतृत्व की वजह से हुआ है. इसलिए मैं उनसे (पुतिन) पूछना चाहूंगा कि क्या वह मुझे अच्छी लीडरशिप कैसे की जाए. इसके गुर सीखा सकते हैं?
मस्क और ट्रंप की बहुचर्चित लड़ाई पर एलॉन के पिता एरॉल ने कहा कि दोनों के बीच कुछ समय से काफी तनाव था और इसी तनाव की वजह से स्थिति ऐसी बनती चली गई. उन्होंने दोनों के बीच की इस लड़ाई को पति और पत्नी के झगड़े की तरह बताते हुए कहा कि दोनों जल्द ही सुलह कर लेंगे.
उन्होंने ये भी कहा कि मस्क ने ट्रंप को सार्वजनिक रूप से चुनौती देकर गलती की. दोनों जल्द ही सुलह कर लेंगे क्योंकि राष्ट्रपति होने की वजह से ट्रंप का पलड़ा भारी है.
ऐसे में एरॉल की मॉस्को यात्रा और उनके बयानों को रूस द्वारा अवसर के रूप में देखा जा रहा है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि रूस इस स्थिति का इस्तेमाल ट्रंप प्रशासन को कमजोर दिखाने और मस्क को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहा है.
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप सरकार के One Big Beautiful बिल को लेकर मस्क और ट्रंप में विवाद है. इस बिल में इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीद पर मिलने वाली टैक्स छूट को खत्म करने का प्रस्ताव है. बाइडेन सरकार नई EV खरीदने पर 7,500 डॉलर की टैक्स छूट देती थी. ट्रंप इसे खत्म करने जा रहे हैं.
इस बिल में प्रावधान है कि जो कंपनियां 2009 से 2025 के बीच दो लाख EV बेच चुके हैं, उन्हें छूट नहीं मिलेगी. यह सीधेतौर पर एलॉन मस्क की टेस्ला के लिए झटका है.
एक अन्य वजह है कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA में एलॉन मस्क अपने भरोसेमंद जेरेड इसाकमैन को एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में नियुक्त करवाना चाहते थे. लेकिन ट्रंप ने उनकी सिफारिश को नजरअंदाज कर दिया. मस्क का मानना था कि अगर इसाकमैन NASA में एडमिनिस्ट्रेटर बनते हैं, तो इससे उनकी कंपनी SpaceX को भी फायदा होगा.
ट्रंप ने मस्क को DOGE की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसका काम सरकारी खर्च में कटौती करना था. ट्रंप ने उन्हें एक तरह से 'बेकार और फालतू खर्च' कम करने को कहा था. इसके लिए DOGE ने हजारों-लाखों सरकारी कर्मचारियों की छंटनी की. इसने एलन मस्क की छवि को नुकसान पहुंचाया. ज्यादातर लोगों का मानना था कि मस्क अपनी मर्जी से लोगों को नौकरियों से निकाल रहे हैं.