विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र को भी सुधारों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र दुनिया के देशों का सबसे बड़ा मंच है लेकिन धीरे-धीरे इसकी गरिमा, प्रभाव और महत्व कम होता जा रहा है.
UN is biggest platform for all nations. But slowly, its significance, effect, dignity & use is being reduced. We should worry that we don't meet the same fate as League of Nations. Their descent was caused as they were not ready for reform. We shouldn't repeat that mistake: EAM pic.twitter.com/hISPiPotsV
— ANI (@ANI) September 29, 2018
उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधारों की आवश्यकता है, और यह सुधार दिखावे के लिए नहीं बल्कि ऐसे सुधार हों जो दिल और दिमाग में बदलाव लाएं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद आज दूसरे विश्व युद्ध के पांच विजेताओं तक ही सीमित हैं, क्या इसे आज के युग के लिए अनुकूल माना जा सकता है. जब भारत समेत विश्व का अधिकांश हिस्सा उपनिवेशवाद की गिरफ्त में था उस समय की बनाई गई सुरक्षा परिषद क्या आज के युग की चुनौतियों को समझ पा रही है.
संयुक्त राष्ट्र को एक परिवार के सिद्धांत पर चलाने की जरूरत
सुषमा स्वराज ने कहा कि आज के युग का मुकाबला करना तो दूर उसकी चुनौतियों को समझ ही नहीं पा रही है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद में जल्द ही सुधार की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को एक परिवार के सिद्धांत पर चलाए जाने की जरूरत है.
सुषमा स्वराज ने कहा कि इसे मैं, मेरा कहकर नहीं चलाया जा सकता. परिवार प्यार से चलता है व्यापार से नहीं, परिवार मोह से चलता है लोभ से नहीं, परिवार संवेदना से चलता है ईर्ष्या स नहीं, परिवार सुलह से चलत है कलह से नहीं. इसलिए संयुक्त राष्ट्र को परिवार के सिद्धांत से चलाना होगा. संयुक्त राष्ट्र मैं, मेरा कहकर नहीं चलाया जा सकता, ये मंच हम, हमारा और सबको कहकर बना था. उसी सिद्धांत पर चलाया जाएगा तो जीवित बच सकेगा. हमें सबके सहयोग से सबके विकास का फैसले लेने होंगे.
The developed countries who developed themselves by destroying nature shouldn't back out from their responsibilities now. Bigger nations will have to help smaller nations: EAM Sushma Swaraj at #UNGA
— ANI (@ANI) September 29, 2018
स्वराज ने इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त राष्ट्र को स्वीकार करना चाहिए कि उसे मूलभूत सुधार की जरूरत है. स्वराज ने विश्व निकाय में सुधार में देरी के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि सुधार आज से ही शुरू होने चाहिए क्योंकि कल बहुत देर हो सकती है. स्वराज ने कहा कि भारत इस बात में विश्वास नहीं रखता कि संयुक्त राष्ट्र कई लोगों की कीमत पर महज कुछ लोगों की सुविधा का साधन बने.
संयुक्त राष्ट्र में प्रगति नहीं होने की तीखी आलोचना करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि ऐसी निष्क्रियताओं की वजह से उन आतंकवादियों पर डाक टिकटें जारी कर उन्हें महिमामंडित किया जा रहा है जिनके सिर पर इनाम घोषित है.
बता दें कि भारत ने पिछले हफ्ते विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी की संयुक्त राष्ट्र में मुलाकात को रद्द कर दिया था. मारे गए कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी का महिमामंडन करते हुए पाकिस्तान द्वारा उस पर डाक टिकट जारी किए जाने को मुलाकात रद्द करने के कारणों में से एक बताया गया था.
उन्होंने कहा कि एक ओर हम आतंकवाद से लड़ना चाहते हैं वहीं दूसरी ओर हम इसे परिभाषित नहीं कर सकते. सुषमा ने कहा कि जिनके सिर पर इनाम घोषित है, उन्हें संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य देश द्वारा आजादी के नायक के रूप में पेश किया जाता है. इस दौरान सुषमा ने मुंबई आतंकवादी हमले के सरगना हाफिज सईद का जिक्र किया, जिसके बारे में ठोस सूचना पर अमेरिका ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर के इनाम की घोषणा की है.