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ट्रंप का दुश्मन कौन? लंदन से UN तक... अमेरिकी राष्ट्रपति बता रहे ये 'ट्रिपल कॉन्सपिरेसी' थ्योरी

ट्रंप का दावा है कि ये घटनाएं संयोग नहीं बल्कि जानबूझकर की गई कोशिशें हैं, जो उन्हें नुकसान पहुंचाने की मंशा से की गई. वहीं, UN ने इसे सेफ्टी मैकेनिज्म बताया लेकिन ट्रंप ने इसे सैबोटाज बताया.

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संयुक्त राष्ट्र पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप (Photo: Reuters)
संयुक्त राष्ट्र पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप (Photo: Reuters)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों भड़के हुए हैं. इसकी वजह है कि लंदन से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक में सिलसिलेवार ढंग से ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसने उन्हें असहज कर दिया. ट्रंप ने इन घटनाओं को साजिश करार दिया है.

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ दो घटनाएं हुईं. पहली एस्केलेटर का बंद पड़ जाना और दूसरा उनके संबोधन से पहले टेलीप्रॉम्प्टर में खराबी आ जाना. इन दोनों घटनाओं पर दुनियाभर में चर्चा हुई लेकिन एक तीसरी घटना भी थी, जिसे लेकर ट्रंप ने नाराजगी जताई. 

ट्रंप 16 से 18 सितंबर तक ब्रिटेन के राजकीय दौरे पर थे. लेकिन उनकी इस यात्रा के दौरान हजारों की संख्या में ब्रिटिश नागरिकों ने विरोध किया. 17 सितंबर को लंदन में लगभग 5000 लोगों ने उनके विरोध में रैली निकाली.इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप और एपस्टीन की तस्वीरें और बैनर प्रोजेक्टर के जरिए विंडसर कैसल पर दिखाए. 

क्या है ट्रिपल कॉन्सपिरेसी?

इन तीनों घटनाओं का जिक्र कर ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर पोस्ट कर बताया कि कल संयुक्त राष्ट्र में अपमानजनक घटनाएं हुईं. एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन डरा देने वाली घटनाएं हुईं. पहली घटना एस्केलेटर का रुक जाना है. यूएन के स्पीकिंग हॉल तक जाने वाला एस्केलेटर अचानक रुक गया. इसके बाद यूएन महासभा में टेलीप्रॉम्प्टर भी अचानक बंद पड़ गया. 

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ऐसे में ट्रंप ने अपनी लंदन और यूएन की यात्रा के दौरान इन तकनीकी खामियों को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर की गई कोशिशें बताया है. इसके लिए ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों को भी जिम्मेदार ठहराया. 

ट्रंप का दावा है कि ये घटनाएं संयोग नहीं बल्कि जानबूझकर की गई कोशिशें हैं, जो उन्हें नुकसान पहुंचाने की मंशा से की गई. वहीं, UN ने इसे सेफ्टी मैकेनिज्म बताया लेकिन ट्रंप ने इसे सैबोटाज बताया.

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि ये तीनों घटनाएं बहुत भयावह थी. संयुक्त राष्ट्र को शर्म आनी चाहिए. उन्होंने सीक्रेट सर्विस को जांच का आदेश दिया और UN महासचिव से तुरंत जांच की मांग की. UN ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि ये तकनीकी खामियां थीं और इसके लिए कुछ मामलों में ट्रंप की टीम की लापरवाही भी जिम्मेदार थी.

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