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हमास ने किया जंग के खत्म होने का ऐलान, रविवार को मिस्र के दौरे पर जाएंगे डोनाल्ड ट्रंप

इज़रायल और हमास के बीच संघर्ष विराम और बंधकों की अदला-बदली पर समझौता हुआ है. यह डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से गाजा युद्ध खत्म करने की दिशा में पहला बड़ा कदम है. समझौते के तहत लड़ाई रुकेगी, कैदी रिहा होंगे और गाजा में मानवीय सहायता भेजी जाएगी.

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इजरायल के हमले में करीब 70 हजार फिलिस्तीन नागरिक मारे जा चुके हैं. (File Photo: ITG)
इजरायल के हमले में करीब 70 हजार फिलिस्तीन नागरिक मारे जा चुके हैं. (File Photo: ITG)

इज़रायल और हमास ने गुरुवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत संघर्ष विराम और फ़िलिस्तीनी कैदियों के बदले इज़रायली बंधकों को रिहा किया जाएगा. यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा में दो साल से चल रहे युद्ध को खत्म करने की पहल का पहला फेज है.

इस समझौते के ऐलान के बाद इज़रायल और फ़िलिस्तीनियों दोनों ने खुशी मनाई. यह दो साल से चल रहे जंग को खत्म करने की दिशा में अब तक का सबसे बड़ा कदम है, जिसमें क़रीब सत्तर हज़ार से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं. इसके साथ ही, इस जंग की शुरुआत करने वाले घातक हमलों में हमास द्वारा पकड़े गए अंतिम बंधकों को भी वापस लौटाया जाएगा.

हमास के निर्वासित गाजा प्रमुख खलील अल-हय्या ने कहा कि उन्हें अमेरिका और अन्य मध्यस्थों से जंग खत्म होने की गारंटी मिली है. इस बीच, इज़रायल सरकार समझौते की पुष्टि के लिए बैठक कर रही है, जिससे युद्धविराम लागू होने का रास्ता साफ हो जाएगा.

200 सैनिक भेज रहा अमेरिका

अमेरिकी अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि अमेरिका, सहयोगी देशों, गैर-सरकारी संगठनों और निजी क्षेत्र के प्लेयर्स की एक टीम के हिस्से के रूप में, गाजा में युद्धविराम समझौते का समर्थन और निगरानी करने के लिए करीब 200 सैनिक भेज रहा है. संयुक्त कार्य बल के हिस्से के रूप में गाजा में 200 अमेरिकी सैनिक तैनात किए जाएंगे.

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समझौते के तहत फिलिस्तीन में क्या बदलेगा?

समझौते के तहत, लड़ाई बंद हो जाएगी, इज़रायल गाजा से आंशिक रूप से हट जाएगा और हमास इज़रायल द्वारा बंदी बनाए गए सैकड़ों कैदियों के बदले में सभी शेष बंधकों को रिहा कर देगा. ट्रंप ने कहा कि बंधकों को अगले हफ्ते की शुरुआत में रिहा कर दिया जाना चाहिए.

खाद्यान्न और मेडिकल सहायता ले जाने वाले ट्रकों के बेड़े को नागरिकों को राहत देने के लिए गाजा में जाने की अनुमति दी जाएगी, जिनमें से हजारों लोग इजरायली सेना द्वारा उनके घरों को नष्ट करने और पूरे शहरों को धूल में मिलाने के बाद तंबुओं में शरण लिए हुए हैं.

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क्षेत्रीय संघर्ष में बदली लड़ाई...

अगर यह समझौता पूरी तरह से लागू हो जाता है, तो यह दोनों पक्षों को उस जंग को रोकने के किसी भी पिछले प्रयास से कहीं ज्यादा करीब लाएगा, जिसने इज़रायल के अंतरराष्ट्रीय अलगाव को गहरा कर दिया है और एक क्षेत्रीय संघर्ष में बदल गया है, जिसमें ईरान, यमन और लेबनान भी शामिल हो गए हैं.

अभी भी बहुत कुछ गलत हो सकता है. समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद भी, एक फ़िलिस्तीनी सूत्र ने कहा कि रिहा किए जाने वाले फ़िलिस्तीनियों की टिस्ट अभी तक अंतिम रूप नहीं दी गई है. यह समूह इज़रायली जेलों में बंद कुछ सबसे प्रमुख फ़िलिस्तीनी दोषियों के साथ-साथ इज़रायली हमले के दौरान हिरासत में लिए गए सैकड़ों लोगों की रिहाई की मांग कर रहा है.

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नेतन्याहू सरकार में उठा-पटक

ट्रंप की 20-सूत्रीय योजना के आगे के कदमों पर अभी चर्चा होनी बाकी है. इनमें यह भी शामिल है कि जब लड़ाई खत्म होगी, तो तबाह हो चुके गाजा पट्टी पर क्या शासन होगा और हमास का अंतिम भाग्य क्या होगा, जिसने अब तक इज़रायल की निरस्त्रीकरण की मांगों को ठुकरा दिया है.

प्रधानमंत्री नेतन्याहू को अपने सत्तारूढ़ गठबंधन के अंदर से भी संदेह का सामना करना पड़ रहा है. दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर ने कहा कि अगर हमास को खत्म नहीं किया गया, तो वह सरकार गिराने के पक्ष में मतदान करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीद के मुताबिक, वह समझौते के खिलाफ मतदान करेंगे. लेकिन लड़ाई खत्म होने और बंधकों की वापसी की घोषणा का खुशी के साथ स्वागत किया गया.

 
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