मिडिल ईस्ट
मिडिल ईस्ट (Middle East), एक जीयोपॉलिटिकल एरिया है जिसमें आमतौर पर अरब, एशिया माइनर, ईस्ट थ्रेस, इजिप्ट, ईरान, लेवेंट, इराक, और यमन का एक हिस्सा शामिल है. इस क्षेत्र में पश्चिमी एशिया (ईरान सहित) का अधिकांश क्षेत्र शामिल हैं. इसके अलावा इजिप्ट और पूरा तुर्की शामिल हैं. अधिकांश मिडिल ईस्ट देश, अरब का हिस्सा है. इस क्षेत्र में सबसे अधिक आबादी वाले देश इजिप्ट, ईरान और तुर्की हैं, जबकि सऊदी अरब क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा मिडिल ईस्ट देश है.
मिडिल ईस्ट का इतिहास प्राचीन काल का है. इस क्षेत्र के राजनीतिक महत्व को सदियों से मान्यता मिला हुआ है. कई प्रमुख धर्मों की उत्पत्ति मिडिल ईस्ट में हुई है, जिनमें यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम शामिल हैं. अरब इस क्षेत्र में मुख्य सामाजिक जातीय समूह है, इसके बाद तुर्क, फारसी, कुर्द, अज़ेरिस, कॉप्ट्स, यहूदी, असीरियन, इराकी तुर्कमेन, यजीदी और ग्रीक साइप्रस हैं.
मिडिल ईस्ट में आमतौर पर गर्म, शुष्क जलवायु होती है, खासकर प्रायद्वीप और मिस्र के क्षेत्रों में. कई प्रमुख नदियां यहां सीमित क्षेत्रों में कृषि करने के लिए उपयोगी बनाती हैं जैसे कि मिस्र में नील डेल्टा, इराक के टाइग्रिस और यूफ्रेट्स वाटरशेड. यह फर्टाइल क्रीसेंट के रूप में जाना जाता है. यहां बोलने वालों की संख्या के लिहाज से शीर्ष छह भाषाएं अरबी, फारसी, तुर्की, कुर्द, हिब्रू और ग्रीक हैं.
मिडिल ईस्ट में मची हलचल के बीच भारतीय कंपनियों ने रूस से तेल की बंपर खरीदारी की है..रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने इस साल समुद्री रास्ते से अपना जितना कच्चा तेल बेचा, उसका 80 फीसदी भारत ने खरीदा है
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सरप्राइजिंग सीजफायर ऐलान को 24 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत गया है. सीजफायर उल्लंघन के आरोपों के बाद अब शांति है. एक बड़े तूफान से पहले की खामोशी जैसा. क्योंकि, इस युद्ध से जिस नतीजे की आस इसके सभी पक्षों को थी, उनमें से किसी ने कुछ हांसिल नहीं हो पाया है. ऊपर से किसके पास कितनी ताकत है, उसे लेकर अब तक बंद रही मुट्ठी खुल चुकी है.
इजरायल और ईरान की बीच 12 दिन तक चली इस जंग का मकसद क्या था और क्या सीजफायर से पहले उसे हासिल कर लिया गया? जंग में तेल अवीव से लेकर तेहरान तक सैकड़ों टन गोला-बारूद फूंकने के बाद क्या इजरायल को ईरान से पैदा हुआ एटमी खतरा अब खत्म हो गया है.
भारत ने सोमवार को ईरान से 290 भारतीय नागरिकों और एक श्रीलंकाई नागरिक को निकाला. यह घटना अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर बमबारी के बाद फारस की खाड़ी के देश और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने संघर्ष खत्म करने में इजरायल और ईरान की 'सहनशक्ति, साहस और बुद्धिमत्ता' की तारीफ की है. उन्होंने कहा, "यह एक ऐसाी जंग है, जो कई साल तक चल सकती थी और पूरे मिडिल ईस्ट को खत्म कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और कभी नहीं होगा."
मिडिल ईस्ट में अपनी ताकत बढ़ाने के मकसद से ही ईरान परमाणु हथियार हासिल करना चाहता है, जो न सिर्फ इजरायल और अमेरिका बल्कि सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों के लिए चिंता का विषय बन चुका है. इजरायल की तरफ मुस्लिम देश भी नहीं चाहते कि ईरान परमाणु हथियार बनाए, क्योंकि इससे सबसे ज्यादा खतरा उन्हीं देशों को हो सकता है.
अमेरिका भले ही शांति का राग अलापता रहे लेकिन सच तो ये है कि उसने एक बार फिर मिडिल ईस्ट में जंग की आग को और भड़का दिया. ईरान और इजरायल की लड़ाई में उसकी औपचारिक एंट्री हो चुकी, जिसमें वो तेहरान को धमका रहा है. इससे पहले भी मिडिल ईस्ट के मामलों में वॉशिंगटन कई बार दखलंदाजी कर चुका.
इन दिनों मिडिल ईस्ट के देशों के बीच तनाव चरम पर है. पिछले एक हफ्ते में ईरान और इजरायल एक दूसरे पर लगातार हमले कर रहे हैं. इस बीच कई लोगों के मन में सवाल है कि यह देश मिडिल में नहीं हैं तो इन्हें मिडिल ईस्ट क्यों कहा जाता है. इसी तरह कुछ देशों को अरब और कुछ देशों को गल्फ कंट्री क्यों कहा गया है? आइए जानते हैं.
ट्रंप ने दावा किया कि हमले सफल रहे, लेकिन उन्होंने कोई सबूत नहीं दिया. भले ही ईरान की न्यूक्लियर प्रोग्रेस खत्म हो गई हो, लेकिन वह अमेरिका और इजरायल के लिए खतरा बना हुआ है. उसने जवाबी हमला करने की धमकी दी है और तेल अवीव में मिसाइलों की बौछार करके यह दिखा भी दिया है.
ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक सफल ऑपरेशन था. उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके इस कदम से स्थाई शांति का रास्ता खुलेगा, जहां ईरान के पास अब परमाणु शक्ति बनने की क्षमता नहीं रहेगी. इसके उलट ईरान ने कहा है कि उसके भारी सुरक्षा वाले फोर्डो परमाणु ठिकाने को सिर्फ मामूली नुकसान पहुंचा है.
अमेरिकी रक्षा विभाग के हथियारों की बिक्री के आंकड़ों से पता चलता है कि 1950 से 2022 तक, इजरायल ने कुल 53 बिलियन डॉलर के अमेरिकी हथियार खरीदे, जिससे यह ग्लोबल स्तर पर शीर्ष प्राप्तकर्ताओं में से एक बन गया, जो सऊदी अरब के बाद दूसरे पायदान पर है.
30 देश परमाणु हथियार विकसित करने में सक्षम हैं, लेकिन केवल नौ के पास ही उन्हें रखने की जानकारी है. नोबेल पुरस्कार विजेता वकालत समूह, इंटरनेशनल कैंपेन टू एबोलिश न्यूक्लियर वेपन्स के अनुसार, नौ में से इजरायल के पास दूसरा सबसे छोटा शस्त्रागार (जहां परमाणु बम बनाए और रखे जाएं) है. विशेषज्ञों कहा कहनै है कि इजरायल लड़ाकू जेट, पनडुब्बियों या बैलिस्टिक मिसाइल ग्राउंड लॉन्चर से वॉरहेड दाग सकता है.
ईरान और इजरायल एक-दूसरे पर लगातार हमले कर रहे हैं, इसी बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बड़ा बयान सामने आया है, जिनपिंग ने दो टूक कहा है कि मिडिल ईस्ट में संघर्ष को सुलझाने के लिए सबसे जरूरी प्राथमिकता सीजफायर है
Israel-Iran Conflict LIVE News: ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष जारी है. ईरानी अधिकारियों एक ह्यूमन राइट समूह के हवाले से बताया है कि ईरान पर इजरायली हमलों में 585 लोग मारे गए हैं और 1,326 अन्य घायल हुए हैं.
Israel-Iran Conflict LIVE News: ईरान और इजरायल एक दूसरे पर मिसाइलों से लगातार हमले कर रहे हैं. तेल अवीव, हाइफा और पेटाह टिकवा पर ईरानी हमलों में कई लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए. जान गंवाने वाले इजराइली नागरिकों की तादाद 22 तक पहुंच गई है. वहीं, इजराइली हमलों में मरने वाले ईरानी ईरानी नागरिकों की कुल तादाद करीब 224 हो गई है.
इजरायल और ईरान की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि बीते कुछ दिनों से राष्ट्रपति पुतिन ने कई वैश्विक नेताओं से फोन पर महत्वपूर्ण बातचीत की है. उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से लेकर ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की. रूस जरूरत पड़ने पर मध्यस्थता करने के लिए भी तैयार है.
Israel-Iran Conflict LIVE Updates: ईरान और इजरायल के बीच लगातार तनाव बढ़ता ही जा रहा है. ईरान ने कहा है कि जब तक इजरायल की तरफ से हमला जारी रहेगा, वह सीजफायर पर बात नहीं करेगा. इजरायल के हमले में अब तक कुल ईरान के 224 नागरिकों की मौत हुई है. वहीं, ईरान के हमलों में करीब 10 इज़रायली नागरिक मारे गए और 100 से ज़्यादा घायल बताए जा रहे हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिडिल ईस्ट में जारी संघर्ष को लेकर चिंता जताई है. पीएम ने कहा कि मानवता के लिए शांति और स्थिरता की जरूरत है, जिससे आम लोग सुकून से रह सकें. साथ ही पीएम मोदी ने साइप्रस को आतंकवाद के खिलाफ भारत के संघर्ष में निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.
अमेरिका भले ही वीटा लगाकर इजरायल को खामेनेई की हत्या से रोक सकता है. लेकिन फिर भी ईरान पर हमले जारी हैं और इजरायल परमाणु वैज्ञानिकों और सैन्य कमांडरों को निशाना बनाकर ईरान की कमर तोड़ देना चाहता है. इजरायल के हाल के बयानों से संकेत मिलता है कि उसका ध्यान अब सीधे ईरानी शासन पर है.
ईरान पर इजरायल के हमले में सेना के छह शीर्ष मिलिट्री जनरल की मौत का दावा किया गया है. इजरायल ने ईरानी नागरिकों से मिलिट्री इकाइयों और उनके आसपास के इलाकों को खाली करने को कहा है. इजरायली सेना ने पश्चिमी ईरान में मिसाइल स्टोरेज और लॉन्चर्स को निशाना बनाया है.